अध्यात्म

अयोध्या में इतिहास के गौरव की झलक

सनातन धर्म के ध्वज धारक भारत के इतिहास का गौरव राम राज्य से जुड़ा है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने ‘निसिचर हीन करहुँ महि…’ का प्रण पूरा करके जब अयोध्या में शासन संभाला, तभी से सही में राम राज्य माना जाता है। दीपावली का त्योहार उसी राम राज्य से जुड़ा है। वनवास की अवधि पूरी करने के बाद अयोध्या आगमन पर घर-घर जिस तरह से उत्सव हुआ होगा, उसकी तो कल्पना ही की जा सकती है। उत्तर प्रदेश में अयोध्या अपना पुराना गौरव पाने के लिए तरस रही थी। विदेशी आतताइयों ने नृशंसता की सभी सीमाएं पार कर दी थीं और विरोध करने वालों को मौत के घाट उतार दिया था। देश को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिलने के बाद भी अयोध्या की तरफ यथोचित ध्यान नहीं दिया गया। उत्तर प्रदेश मंे 2017 मंे जब योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी तब से अयोध्या के इतिहास के गौरव की वापसी शुरू हुई। योगी सरकार के पहले ही वर्ष दीपावली को भव्य रूप में मनाया गया और जन-जन में यह संदेश गूंजा कि अब वही राम की अयोध्या दिखाई पड़ेगी जो त्रेतायुग में थी। सुखद संयोग यह कि इसी बीच कथित बावरी मस्जिद और राम मंदिर के विवाद का फैसला भी विराजमान रामलला के पक्ष में आ गया। कोर्ट के निर्देश पर रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बना जिसके महामंत्री विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के महामंत्री चम्पत राय बनाए गये। ट्रस्ट के दिशा-निर्देशन में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य और दिव्य राममंदिर बन गया है। लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन वहां दर्शन के लिए आते हैं। सबसे ज्यादा आकर्षक अयोध्या की दीपावली होती है। सरयू के पवित्र घाट लाखों दीपों से जगमगाते हैं। प्रतिवर्ष एक नया रिकार्ड दीपोत्सव का बनता है। यह नौवां दीपोत्सव होगा जब 26 लाख 11 हजार 101 दीप प्रज्ज्वलित कर विश्व रिकार्ड बनाया जाएगा। सरयू के तट पर राम की पैड़ी समेत 56 घाटों पर 28 लाख दीपक बिछाने का लक्ष्य रखा गया है।
रामनगरी अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। घाटों पर जहां दीपक लगाने का कार्य शुरू हुआ। तो वहीं अयोध्या में 500 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद बने राम मंदिर में कैसी दीपावली मनाई जाएगी? यह सवाल हर राम भक्त के मन में चल रहा है। वैसे तो दीपावली का महापर्व प्रभु राम से जुड़ा है। जब लंका विजय प्राप्त कर प्रभु राम अयोध्या पहुंचे थे तो
अयोध्या वासियों ने उनका स्वागत दीप माला जलाकर किया था। कुछ ऐसी ही दृश्य अब अयोध्या में देखने को मिल रहा है।
अयोध्या का राम मंदिर में दीपावली की तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है। एक लाख से ज्यादा दीपक जलाकर राम मंदिर को जगमग किया जाएगा और इस दीपक में खास बात यह भी है कि 51,000 से ज्यादा दीपक मॉम से निर्मित जलाए जाएंगे। ताकि राम मंदिर के पत्थर पर किसी प्रकार कोई दाग और धब्बा न लग सके। इसके अलावा राम मंदिर के सभी प्रवेश मार्गों को भी रंग बिरंगी लाइटों और दीपक से सजाया जाएगा। प्रभु राम के दरबार में तथा बालक राम के दरबार में देसी घी से निर्मित विशेष दीपक जलाए जाएंगे। राम भक्तों को प्रसाद वितरण किया जाएगा। रंग बिरंगी लाइटों से राम मंदिर परिसर को जगमग किया जाएगा। ऐसी तैयारी राम मंदिर ट्रस्ट राम मंदिर में कर रहा है। राम मंदिर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है अब फाइनल टच दिया जा रहा है।
मंदिर ट्रस्ट के अनुसार इस बार की दीपावली राम मंदिर में बेहद खास होने वाली है। राम मंदिर के सभी द्वार को भी पूरा कर लिया गया है। सभी द्वार पर दीपक जलाए जाएंगे। जगह-जगह पर तोरण द्वार बनाए जाएंगे। राम भक्त भी दीपक जला सकते हैं। यानी कि जहां राम की पैड़ी पर लाखों दीपक जलाकर अयोध्या को विश्व के मानचित्र पर स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा तो दूसरी तरफ अयोध्या के राम मंदिर को भी त्रेता युग के रूप में राम मंदिर ट्रस्ट बनाने का प्रयास कर रहा है। राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा ने बताया कि दीपावली का पर्व पूरे देश में हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। राम मंदिर परिसर में भी दीपावली की तैयारी चल रही है। पूरे परिसर को जगमग किया जाएगा। राम मंदिर के अलावा जितने मठ-मंदिर है वहां पर अद्भुत लाइटिंग की जाएगी। यानी कि दूर से ही राम मंदिर की अलौकिक तस्वीर राम भक्त देख सकें और जो राम भक्त दीपावली के मौके पर राम मंदिर में दर्शन पूजन करने पहुंचेंगे वह राम मंदिर को निहारते रहें ऐसी तैयारी राम मंदिर ट्रस्ट कर रहा है। राम भक्तों को भोग लगा हुआ प्रसाद भी वितरित किया जाएगा। एक लाख से ज्यादा दीपक प्रज्वलित किए जाएंगे। ऐसी तैयारी राम मंदिर में की जा रही है। अयोध्या में एक तरफ दीपोत्सव की तैयारी चल रही है तो दूसरी तरफ अयोध्या में राम भक्तों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। शायद यही वजह है कि दीपोत्सव के पहले ही राम मंदिर में दर्शन पास की ऑनलाइन बुकिंग फूल भी हो चुकी है। भगवान राम के दरबार में दर्शन की ऑनलाइन बुकिंग 19 अक्टूबर तक फुल हो चुकी है। देश-विदेश से अयोध्या आ रहे श्रद्धालु राम मंदिर ट्रस्ट की वेबसाइट के
माध्यम से अलग-अलग स्लॉट में दर्शन के लिए पास को बुक करते थे लेकिन अब 19 अक्टूबर तक वह सुविधा नहीं ले पाएंगे। ट्रस्ट से मिली जानकारी के अनुसार इस बार ऑनलाइन बुकिंग का भी रिकॉर्ड कुछ ही घंटे में बुक हो गया, जब हजारों पास एक साथ फुल हो गए हैं।
योगी सरकार ने स्वदेशी का भी
ध्यान रखा है। अयोध्या में 19 अक्टूबर को आयोजित होने वाले दीपोत्सव को लेकर ग्रामीण महिलाओं ने पांच लाख दिये तैयार किए हैं। इन महिलाओं को पर्यटन विभाग की पहल पर प्रशिक्षित किया गया है। इनके द्वारा तैयार दियों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था की लौ रोशन होगी। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए इस बार ग्रामीण महिलाओं के हाथों से बने दीयों से रामनगरी जगमगाएगी। इन दीयों की चमक न केवल दीपोत्सव की दिव्यता को और बढ़ाएगी, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। अयोध्या के गौराछार, रामपुरवा और बाराबंकी जिले के भगहर झील क्षेत्र के गांवों की महिलाओं को राम कथा पार्क में अपने दीयों और हस्तशिल्प उत्पादों की बिक्री के लिए निःशुल्क स्टाल प्रदान किए गए।
अयोध्या में दीपोत्सव के लिए ग्रामीण महिलाओं ने पाँच लाख दीये तैयार किए हैं। पर्यटन विभाग के प्रशिक्षण से बने ये दीये ग्रामीण अर्थव्यवस्था को रोशन करेंगे।
योगी आदित्यनाथ ने 2017 में उत्तर प्रदेश की स़त्ता संभालते ही लोक आस्था का मान रखा और संस्कृति का गौरव गान किया। अयोध्या के साथ ही सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों पर विकास कार्य किये गये और इसका परिणाम यह है कि तीर्थ स्थलों पर पर्यटकों का आगमन कई गुणा बढ़ गया है। अयोध्या में 2023 में 5.76 करोड़ पर्यटक पहुंचे थे तो 2024 में इनकी संख्या बढ़कर 16,44 करोड़ हो गयी। योगी सरकार ने श्री अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद बनाकर प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या का सुनियोजित विकास किया है। अयोध्या में विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय का कार्य लगभग सम्पन्न होने वाला है। योगी की सरकार 4560 करोड़ की लागत से महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को विकसित कर रही है जैसे वाराणसी में मार्कण्डेय महादेव मंदिर का एकीकृत विकास, सारनाथ तााब का पुनरुद्धार, नैमिष तीर्थ एवं शुक्रतीर्थ का पुनरुद्धार प्रमुख है। (हिफी)

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