लेखक की कलम

यूपी में रोजगार की बड़ी घोषणा

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
हमारे देश मंे दुनिया की सबसे बड़ी युवा शक्ति है। यह शक्ति ही हमें विकसित राष्ट्र का दर्जा भी दिलाएगी। इसलिए सभी राज्यों को युवा शक्ति के सदुपयोग का प्रयास करना होगा। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए तभी से प्रयास प्रारम्भ किये थे, जब 2017 मंे उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का दायित्व संभाला था। इस बीच प्रदेश की आबादी भी बढ़ी और संसाधनों से तालमेल बैठाया गया। अभी दो महीने पहले (जुलाई 2025) मंे भी सरकार ने यह फैसला लिया था कि युवाओं को देश और विदेश में रोजगार दिलाने का ठोस प्रयास किया जाए। अब 4 सितम्बर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोजगार को लेकर एक बड़ी घोषणा की है। सीएम ने कहा है कि राज्य के प्रत्येक जिले मंे सौ एकड़ भूमि पर सरदार बल्लभ भाई पटेल के नाम पर रोजगार क्षेत्र (इम्पलायमेंट जोन) बनाए जाएंगे। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) क्षेत्र मंे 2.251 करोड़ रुपये के निवेश और विकास परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये जोन एक औद्योगिक परिस्थितकी तंत्र का निर्माण करेंगे और इससे युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर मिलेंगे। योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में युवाओं को रोजगार प्रदान करने की प्रतिबद्धता जतायी थी। उन्हांेने कहा इसी के तहत 60 लाख से ज्यादा युवाओं को निजी क्षेत्र मंे रेजगार मिला है। योगी ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि उत्तर प्रदेश के नौजवानों को रोजगारके लिए कहीं दूसरी जगह न जाना पड़े।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के हर जिले में सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर 100 एकड़ के रोजगार जोन स्थापित करने की घोषणा की है। इन जोन में युवाओं को उनकी रुचि के अनुसार प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। इसके साथ ही, उन्होंने पुलिस विभाग में जल्द ही नई भर्ती शुरू करने का ऐलान किया। योगी ने कहा कि हाल ही में 60 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों और 2538 मुख्य सेविकाओं की भर्ती पूरी हुई है, और अब सब इंस्पेक्टर सहित अन्य पदों के लिए नई भर्ती का विज्ञापन शीघ्र जारी होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान सभी जिलों में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर जनपदीय एप्वाइंटमेंट जोन विकसित किए जाने का ऐलान किया।
उन्होंने कहा कि यह एप्वाइंटमेंट जोन 100 एकड़ क्षेत्रफल में पीपीपी मोड पर विकसित किया जाएगा। यहां रोजगार सृजन पर हम कार्य कर सकेंगे।
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में 2251 करोड़ रुपये की निवेश और विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में रोजगार की बाढ़ आई है। निजी क्षेत्र में
हुए निवेश से 60 लाख लोगों को रोजगार मिला है। उन्होंने गीडा में 700 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले कोका कोला बॉटलिंग प्लांट
का शिलान्यास भी किया, जिसकी क्षमता 2900 बोतल प्रति मिनट होगी। योगी ने जोर देकर कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि यूपी के युवाओं को रोजगार के लिए अन्य राज्यों में न जाना पड़े। योगी ने गोरखपुर को औद्योगिक विकास का हब बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में औद्योगिक माहौल तैयार हो रहा है, जिससे युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा। सरकार की यह पहल न केवल
आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि यूपी को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
आज से दो महीने पहले योगी सरकार ने प्रयास शुरू किया था। प्रदेश के युवाओं को देश के साथ-साथ विदेशों में भी रोजगार के अधिक अवसर देने के लिए कैबिनेट बैठक में ‘उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन’ के गठन की स्वीकृति दी गयी है। यह मिशन प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को उनकी योग्यता और कौशल के अनुसार निजी क्षेत्रों में नौकरी दिलाने में मदद करेगा। सरकार का लक्ष्य है कि एक वर्ष के भीतर देश में एक लाख और विदेशों में 25 से 30 हजार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। श्रम मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि अब तक श्रमिकों को विदेश भेजने का काम सीधे श्रम एवं सेवायोजन विभाग द्वारा नहीं किया जाता था। इसके लिए विभिन्न निजी या पंजीकृत एजेंसियों पर निर्भर रहना पड़ता था। कई श्रमिक अपने प्रयास से या एजेंटों की मदद से विदेश जाते थे, जिससे कई बार उन्हें शोषण या धोखाधड़ी का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब श्रम विभाग विदेशों में रोजगार दिलाने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। विभाग रोजगार दिलाने के साथ ही प्रशिक्षण, प्लेसमेंट, करियर काउंसलिंग जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगा। इसके लिए मिशन का संचालन पांच स्तर की समितियों द्वारा किया जाएगा, जिनमें शासी परिषद, राज्य संचालन समिति, राज्य कार्यकारिणी समिति, जिला कार्यकारिणी समिति और राज्य कार्यक्रम प्रबंधन इकाई शामिल होंगी।
मिशन को सोसाइटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम के तहत पंजीकृत किया जाएगा। विदेशों में भारतीय कुशल श्रमिकों की मांग तेजी से बढ़ रही है। प्रदेश सरकार इस अवसर का लाभ उठाते हुए राज्य के कुशल युवाओं को सीधे इजरायल, जर्मनी और जापान जैसे देशों में भेजने की योजना बना रही है।
एक साल पहले ही श्रम एवं सेवायोजन विभाग ने केंद्र सरकार कौशल विकास के तहत छह हजार श्रमिकों को इजरायल भेजा गया था, जिन्होंने एक वर्ष में लगभग 1000 करोड़ रुपये अपने परिवारों को भेजी। प्रदेश में विदेशी मुद्रा का प्रवाह भी होगा। अब मिशन के माध्यम से यह प्रक्रिया और व्यवस्थित की जाएगी। विभाग के अनुसार, वर्तमान में जर्मनी में एक हजार नर्सिंग स्टाफ, जापान में एक हजार केयर गीवर, और इजरायल में पांच हजार केयर गीवरों की आवश्यकता है। मिशन के माध्यम से इन पदों के लिए उत्तर प्रदेश से श्रमिकों को प्रशिक्षण दिलाकर सीधे भेजा जाएगा। साथ ही, विदेश जाने वाले प्रत्येक श्रमिक का रिकार्ड सरकार के पास होगा, जिससे किसी भी आपात स्थिति में उसे मदद पहुंचाई जा सकेगी।
कैबिनेट में लिये गए एक अन्य अहम फैसले के तहत उत्तर प्रदेश कारखाना नियमावली 1950 में संशोधन की संस्तुति दी गई है। इसके तहत अब महिलाएं 29 खतरनाक श्रेणी में आने वाले कारखानों में भी अपनी इच्छा से काम कर सकेंगी। पहले उन्हें केवल 12 सुरक्षित
माने जाने वाले क्षेत्रों में ही काम करने की अनुमति थी। सरकार ने यह कदम महिला श्रमिकों को समान अवसर और आत्मनिर्भरता देने के उद्देश्य से उठाया है। साथ ही उनकी सुरक्षा और प्रशिक्षण की जिम्मेदारी रहेगी। (हिफी)

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