साम्प्रदायिकता का जहर घोल रहा था छांगुर

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)
हिन्दू लड़कियों के बड़े पैमाने पर धर्मांतरण को लेकर देशभर में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा चर्चा में है। धर्मांतरण के लिए जमालुद्दीन को करोड़ों रुपए इस्लामिक देशों से मिले थे। यह बात पुलिस की छानबीन में सामने आ चुकी है। एक योजनाबद्ध तरीके से धर्मांतरण के इस खेल में एक नहीं अनेक लोग शामिल थे। अब धीरे-धीरे सब बेनकाब हो रहे हैं और कानून का शिकंजा इन समाज व देश विरोधियों के विरुद्ध कसता जा रहा है। उत्तर प्रदेश एटीएस और ईडी की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, छांगुर बाबा की सच्चाई परत-दर-परत बेनकाब होती जा रही है। धर्मांतरण के एक संगठित रैकेट से शुरू हुआ खुलासा अब आईएसआई कनेक्शन और राष्ट्रविरोधी साजिश तक पहुंच चुका है। छांगुर बाबा सिर्फ धर्म बदलवाने का खेल नहीं खेल रहा था, बल्कि हिंदुस्तान में सांप्रदायिकता का जहर खोलकर तोड़ने की साजिश भी रच रहा था। जानकारी के मुताबिक, छांगुर बाबा ने धर्मांतरण के नाम पर जो नेटवर्क खड़ा किया था, उसी का इस्तेमाल कर वो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से सीधा संपर्क साधने की कोशिश कर रहा था।
बताया जाता है कि है कि नेपाल की राजधानी काठमांडू में पाकिस्तानी दूतावास में आईएसआई एजेंटों की एक गोपनीय बैठक हुई थी. इसमें छांगुर के नेपाल कनेक्शन के जरिए संपर्क की कोशिश की गई। देश में हिन्दू लड़कियों के धर्मांतरण को प्रोत्साहित करने के लिए 10 से 15 लाख रुपए लड़की की जाति देखकर इनाम के रूप में रखे जाते थे। जिन लड़कियों ने हिन्दू धर्म में वपसी की है अब उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। हिन्दुओं प्रति नफरत इस हद तक है कि हर स्तर पर हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने में कट्टरपंथियों को सकून मिलता है। एक रिपोर्ट बताती है कि छांगुर बाबा की योजना थी कि आर्थिक रूप से कमजोर हिंदू परिवारों की महिलाओं को फंसाकर उनका धर्मांतरण कराया जाए। फिर इनका निकाह नेपाल में आईएसआई के एजेंटों और स्लीपर सेल से करवा दिया जाए। ये महिलाएं बाद में जासूसी के नेटवर्क का हिस्सा बन सकें, इसके लिए बाकायदा कोडवर्ड सिस्टम भी विकसित किया गया था। छांगुर बाबा का नेटवर्क सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं था। छांगुर बाबा का जाल महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार और पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ था। इस पूरे नेटवर्क को वो विदेशी फंडिंग के जरिए मजबूत करता रहा. एटीएस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उसने लव जिहाद के लिए मुस्लिम युवकों की फौज तैयार की थी। बीते तीन वर्षों में 1000 से ज्यादा मुस्लिमों को इस काम के लिए कैश पेमेंट दी गई। नेपाल सीमा से सटे सात जिलों को टारगेट किया गया।
बाबा का नेटवर्क लड़कियों को फंसाता, ब्रेनवॉश करता और फिर उनका धर्मांतरण कर निकाह करवा देता था। एटीएस की जांच में छांगुर बाबा द्वारा इस्तेमाल किए गए कोडवर्ड भी सामने आए हैं। जैसे कि लड़कियों को प्रोजेक्ट कहा जाता था। ब्रेनवॉश की प्रक्रिया को काजल करना कहा जाता था। किसी लड़की को बाबा से मिलाने को दीदार कराना कहा जाता था। एक रिपोर्ट के अनुसार धर्मांतरण को मिट्टी पलटना कहा जाता था। इन कोड्स के जरिए बाबा और उसका गैंग आपस में बात करता था ताकि किसी को भनक न लगे। ईडी और एटीएस की पड़ताल में यह बात भी सामने आई है कि बाबा के पास विदेशों से करोड़ों की फंडिंग आई। जांच में अब तक 18 बैंक खातों की जानकारी मिली है। इनमें कुल 68 करोड़ रुपए जमा हुए। केवल तीन महीनों में ही 3 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए।
इससे भी चिंताजनक बात यह है कि इस तमाम षडयंत्र में कथित तौर पर एक आइपीएस अधिकारी लंबे समय तक तैनात रहे प्रशासनिक अधिकारी तहसीलदार पटवारी और पुलिस स्टाफ ने शिकायतें अनदेखा की और समय-समय पर छांगुर बाबा और उसके गुर्गों का संरक्षण व बचाव किया। बिना सरकारी तंत्र की गंदी मछलियों की मदद के इतना बड़ा स्कैंडल करना संभव नहीं है।
इसी तरह का एक मामला शाहजहांपुर का है। माथे पर तिलक, कलाई में कलावा बांधकर खुद को शिव वर्मा बताने वाला नावेद उर्फ कासिब लव जिहाद कर रहा था। उसने 18 हिंदू लड़कियों को जाल में फंसाकर शारीरिक शोषण किया। उन्हें जिस स्थान पर मिलने बुलाता, वहां छिपे कैमरे में रिकार्डिंग करने के बाद ब्लैकमेलिंग शुरू कर देता था। एक युवती ने आवाज उठाई तो नावेद व उसके भाई कैफ ने बंधक बनाकर उससे सामूहिक दुष्कर्म करते रहे। मतांतरण के लिए प्रताड़ित किया। नावेद गिरफ्तार किया गया तो उसके मोबाइल फोन से भी काली करतूतों के दर्जनों प्रमाण मिले। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि दो वर्ष पहले इंस्टाग्राम पर नावेद से परिचय हुआ था। वह माथे पर तिलक, हाथ में कलावा बांधे हुए फोटो पोस्ट करता था। वह अपना नाम शिव वर्मा बताकर प्रेम संबंधों का नाटक करने लगा। वह मिलता था तो बात-बात पर देवी-देवताओं की कसम खाकर दर्शाता था कि हिंदू है। उस पर भरोसा कर मिलने पहुंची तो छिपे कैमरे से आपत्तिजनक वीडियो बनाए, फिर दबाव बनाने लगा कि उसके बताए अनुसार घर छोड़ना पड़ेगा। तीन महीने पहले उसकी असलियत पता चली। 11 जुलाई को उसका मोबाइल फोन हाथ लगने पर घिनौनी करतूत सामने आ गई। उसके फोन में 17 अन्य हिंदू लड़कियों के आपत्तिजनक फोटो थे।
ऐसे छांगुरों के खिलाफ जब कानून शिकंजा कसता है तो कई धार्मिक व राजनीतिक लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से दोषियों का साथ देते दिखते हैं। यह स्थिति परेशान करने वाली है। एक लोकतांत्रिक देश में समाज की भावनाओं से खिलवाड़ करना समाजों में तनाव को बढ़ाना ही है। कट्टरपंथियों का लक्ष्य यही है, यह स्थिति देशहित में नहीं है। मुस्लिम समाज के राजनेताओं, बुद्धिजीवी वर्ग और धर्मगुरुओं को भी इस्लाम धर्म के नाम पर अनैतिक कार्य करने वालों के विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए। कानून तो तभी कार्य करता है जब कुछ गलत होता है। लेकिन समाज के बुद्धिजीवी और धर्मगुरु तो उस विचार के विरुद्ध आवाज उठा सकते हैं, जो हिन्दू लड़कियों के शोषण और धर्मांतरण को प्रोत्साहित करता है। हिन्दू समाज के बुद्धिजीवी वर्ग और धर्मगुरुओं को उपरोक्त मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए संबंधित प्रदेशों व केंद्र की सरकार सम्मुख इस मुद्दे को एकजुट होकर उठाने की आवश्यकता है। धर्मांतरण हिन्दू समाज के विरुद्ध नहीं देश विरुद्ध भी है। हम सभी को इस गजवा-ए-हिन्द के षडयंत्र से सभी को सचेत कर संगठित होकर विरोध करना होगा। (हिफी)