डिप्टी सीएम ने डिप्टी एसपी को धमकाया

हमारे संविधान ने न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका को अलग-अलग दायित्व और अधिकार सौंपे हैं। इनमें से जब भी कोई दूसरे के क्षेत्र मंे हस्तक्षेप करता है तो असहज स्थिति पैदा हो जाती है। अब तक तो यही देखने मंे आया है कि विधायिका ही दूसरे के क्षेत्र मंे हस्तक्षेप करती है क्योंकि उसके पास एक बड़ी दलील है कि उसे लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण इकाई लोक अर्थात् जनता ने अपने प्रतिनिधि के रूप मंे चुना है। यह कुछ हद तक उचित भी है लेकिन लोकतंत्र के शेष दोनों स्तम्भों की भी स्वायत्तता कायम रहनी चाहिए। महाराष्ट्र मंे इन दिनों विधायिका और कार्यपालिका के बीच इसी तरह की असहज स्थिति पैदा हो गयी है। मामला सोलापुर मंे एक गांव की सड़क के निर्माण से जुड़ा है। बताया जाता है कि बजरी-रोड़ी के अवैध खनन की शिकायत पर डीएसपी अंजली कृष्णा कार्रवाई करने पहुंची थीं। उसी समय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी-अजित) के एक कार्यकर्ता ने सीधे डिप्टी सीएम अजित पवार को फोन कर दिया। कार्यकर्ता ने फोन डीएसपी को थमा दिया और डीएसपी कृष्णा डिप्टी सीएम अजित पवार की आवाज नहीं पहचान पायीं। डिप्टी सीएम फोन पर कह रहे हैं कि ऐक्शन रोक दो। बहरहाल डीएसपी का उनकी आवाज न पहचान पाना डिप्टी सीएम को नागवार गुजरा और उन्हांेने फोन पर ही अफसर के खिलाफ ऐक्शन लेने की धमकी दे दी। अब यह मामला राजनीतिक रूप ले चुका है।
सोलापुर के कुर्डू गांव में सड़क निर्माण के लिए अवैध मुरुम (बजरी-रोड़ी) उत्खनन की शिकायत पर डीएसपी अंजली कृष्णा कार्रवाई करने पहुंची थीं। इसी दौरान स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच बहस हो गई। तभी एनसीपी के एक कार्यकर्ता बाबा जगताप ने सीधे उप मुख्यमंत्री अजित पवार को फोन लगाया और डीएसपी अंजलि कृष्णा को फोन थमा दिया। अंजलि कृष्णा उस समय उपमुख्यमंत्री अजित पवार की आवाज नहीं पहचान पाईं। अजित पवार ने अपनी पहचान बताई और एक्शन रोकने को कहा ये कहते हुए कि मुंबई में मराठा आंदोलन चल रहा है, माहौल गहमागहमी का है, ये एक्शन अभी लेने की जरूरत नहीं।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार और लेडी आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा के बीच हुई बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इस वीडियो में अजित पवार को पुलिस अधिकारी पर एक्शन लेने की धमकी देते सुना जा सकता है। अजित पवार ने लेडी आईपीएस अधिकारी से कहा था कि मैं डिप्टी चीफ मिनिस्टर बोल रहा हूं, एक्शन रोको, तुमपर एक्शन लूं क्या?, इतनी डेरिंग है तुम में? ये वीडियो महाराष्ट्र के सोलापुर का है। दरअसल, इस बहस की मुख्य वजह थी फोन पर अजित पवार को नहीं पहचानना। अजित पवार इस बात से गुस्सा हो गए थे और उन्होंने अधिकारी को फटकार लगा दी। डिप्टी सीएम के लिए क्या यह उचित है कि एक आरोपी के फोन करने पर उसी के मोबाइल से पुलिस अधिकारी को एक्शन करने से रोकें और धमकी दें। हालांकि, महाराष्ट्र में अब ये एक राजनीतिक मुद्दा बनता दिख रहा है।
अजित पवार द्वारा अधिकारी को फटकार लगाए जाने पर शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है। राउत ने कहा कि आप एक पुलिस अधिकारी को धमका रहे हैं! वो तो कहते हैं कि मैं अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करूंगा, तो फिर ये क्या है? अजित पवार की बात न सुनते हुए आईपीएस अधिकारी ने कहा था कि आप मेरे नंबर पर फोन करिए! जिस पर अजित पवार भड़क गए, और गुस्से में कहा था कि काम रोको, तुम पर एक्शन लूँ क्या, इतनी डेरिंग है तुम में!, नम्बर दो, वीडियो कॉल कर रहा हूँ, वीडियो कॉल पर तो पहचानोगी ना ? इसके बाद अजित पवार ने अफसर का नम्बर लेकर सीधे उनसे उनके फोन पर वीडियो कॉल के जरिए बात की। वीडियो कॉल के दौरान अजित पवार ने अधिकारी को कार्रवाई रोकने और तहसीलदार से बात करने का निर्देश दिया।
ये पूरी घटना 31 अगस्त रविवार दोपहर की है, जिसका वीडियो अब वायरल हो रहा है और अजित पवार की बात करने के लहजे की आलोचना हो रही है। वहीं इस मामले में मौके पर मौजूद हंगामा करने वाले एनसीपी के कुछ कार्यकर्ताओं के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने का मामला दर्ज हुआ है। सोलापुर में माढा तहसील के कुरडूवाड़ी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ है। महिला अधिकारी केरल की बताई जा रही हैं, जिनकी पोस्टिंग हाल ही में महाराष्ट्र में हुई है।
आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा का पूरा नाम अंजना कृष्णा वीएस है। वो फिलहाल महाराष्ट्र के सोलापुर जिले की करमाला में बतौर पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के पद पर तैनात हैं। अंजना कृष्णा की गिनती तेजतर्रार और ईमानदार आईपीएस अधिकारियों में होती है। आपको बता दें कि अंजना कृष्णा वीएस ने यूपीएससी सीएसई 2022-23 में एआईआर-355 रैंक हासिल की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अंजना कृष्ण का जन्म तिरुवनंतपुरम में हुआ है। उनके पिता का कपड़े का व्यापार है और उनकी मां कोर्ट में टाइपिस्ट का काम करती हैं। अंजना की प्रारंभिक शिक्षा सेंट मैरीज सेंट्रल स्कूल,पूजप्पुरा से हासिल की है। उन्होंने नीरामंकरा के एनएसएस कॉलेज से बीएससी गणित में स्नातक की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और बाद में आईपीएस चुनी गईं। सबसे बड़ी बात यह कि अंजना अपने कत्र्तव्य का निर्वहन कर रही थीं, तब डिप्टी सीएम ने उन्हें रोका और धमकी दी है।
अभी यह तो पता नहीं चल पाया कि इस मामले मंे मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस क्या कदम उठा रहे हैं लेकिन डिप्टी सीएम अजित पवार के समर्थन में प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावन कुले खड़े हो गये हं। नागपुर मंे मीडिया से बात करते हुए बावन कुले ने कहा कि अजित पवार जैसे नेता कभी भी किसी अधिकारी पर गैरकानूनी काम के लिए दबाव नहीं डालते हैं। उन्होंने कहा कि कभी-कभी फोन काल्स को गलत तरीके से समझ लिया जाता है। बावन कुले ने अजित पवार का बचाव करते हुए अवैध खनन के दोषी एनसीपी कार्यकर्ता को भी निर्दोष साबित करने का प्रयास किया है। बावन कुले कहते हैं कि अक्सर अधिकारी किसी मामले को अवैध बताते हैं जबकि पार्टी कार्यकर्ता उसे वैध मानते हैं। अब बावन कुले जी को कौन समझाए कि डिप्टी सीएम अजित पवार ने वीडिया काल की थी तो गलत फोन काल्स कैसे हुई? पार्टी कार्यकर्ता को क्लीन चिट देने से पहले कम से कम जांच तो होनी चाहिए थी। इसलिए मामले को मुख्यमंत्री स्वयं देखंे तो न्यायसंगत होगा।(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)