भारत ने तेल व गैस बाजारों को रखा स्थिर: जयशंकर

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अपनी रणनीतिक खरीद नीतियों के जरिए वैश्विक तेल और गैस बाजारों को स्थिर करने में भारत की भूमिका पर जोर दिया। ब्रिटेन की पांच दिन की यात्रा के दौरान लंदन पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत की खरीद नीतियों ने वैश्विक मुद्रास्फीति पर रोक लगा दी। भारत के विदेश मंत्री ने लंदन में भारतीय उच्चायोग द्वारा एक अरब लोग दुनिया को कैसे देखते हैं। शीर्षक से आयोजित बातचीत के दौरान, वैश्विक मामलों में भारत की प्रभावशाली स्थिति पर बातचीत की। उन्होंने कहा, इसलिए हमने वास्तव में अपनी खरीद नीतियों के माध्यम से तेल बाजारों और गैस बाजारों को नरम कर दिया है। इसकी वजह से वैश्विक मुद्रास्फीति प्रबंधित हो सकी है। मैं आपके धन्यवाद का इंतजार कर रहा हूं। विदेश मंत्री ने बताया कि तेल खरीद को लेकर भारत के दृष्टिकोण ने वैश्विक तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को रोक दिया, जिससे बाजार में यूरोप के साथ संभावित कॉम्पटिशन को रोका जा सका। उन्होंने विस्तार से कहा, जब खरीद की बात आती है तो मुझे लगता है कि वैश्विक तेल की कीमतें ज्यादा हो गईं, क्योंकि हम उसी बाजार में उन्हीं तेल सप्लायर्स के पास गए, जिसकी सप्लाई यूरोप से की गई। हमें पता चला है कि इसके लिए यूरोप ने हमसे ज्यादा कीमत चुकाई होगी।
वैश्विक बाजारों में भारत के महत्व को स्वीकार करते हुए, एस जयशंकर ने कहा, हमने देखा कि एलएनजी बाजारों में पारंपरिक रूप से एशिया में आ रही कई सप्लाई को यूरोप में भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि भारत इतना बड़ा देश था कि बाजारों में कुछ सम्मान हासिल कर सकता था।ष् उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत से छोटे देश थे जिन्हें पेरिस में अपने टेंडर पर प्रतिक्रिया तक नहीं मिली, क्योंकि एलएनजी सप्लयर्स को अब उनके साथ डील करने में कोई रुचि नहीं रही।ष् विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ष्उनके पास बड़ी मछलियां हैं।ष् रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख का जिक्र करते हुए एस जयशंकर ने सिद्धांतों और हितों के बीच संतुलन पर बात की। उन्होंने कहा, ष्हमने देखा है कि लोग सिद्धांतों के बारे में कितनी कठिन बातें करते हैं। लेकिन उनकी रुचि अलग होती है। इस विशेष मामले में, रूस के साथ अपने रिश्ते बनाए रखने में हमारा बहुत शक्तिशाली हित है।ष् बता दें कि एस जयशंकर ने यह बात ब्रिटेन की पांच दिवसीय यात्रा के दौरान लंदन में रॉयल ओवर-सीज लीग क्लब में कही थी। विदेश मंत्री ने जी20 और ब्रिक्स जैसे वैश्विक संस्थानों के सुधारों में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया।