बजट में विकसित भारत का रोड मैप

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बार लोकसभा चुनाव में वादा किया था कि उनकी सरकार भारत को विकसित राष्ट्र बनाएगी। चुनाव में भाजपा को अकेले दम पर भले ही बहुमत नहीं मिल पाया लेकिन एनडीए की सरकार बनी है। इस सरकार के पहले बजट में विकसित भारत का रोड मैप दिखाई पड़ता है। वित्तमंत्री निर्मला सीता रमण ने बहुआयामी बजट पेश किया है। इसमें एक तरफ एनडीए के प्रमुख घटक दलों -जद(यू) और टीडीपी – की नाराजगी दूर करने का प्रयास किया गया तो दूसरी तरफ युवाओं और नौकरी पेशा लोगों को भी खुश करने की कोशिश की गयी है। बजट में ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूत बनाने का प्रावधान है तो सोने, चांदी को सस्ता करके महिलाओं को भी खुश किया गया है। बजट में 9 क्षेत्रों पर विशेष रूप से फोकस किया गया है। भारत के कदम अंतरिक्ष की तरफ तेजी से बढ़ रहे है। बजट में इसके लिए भी व्यवस्था की गयी है। प्लास्टिक सामान पर आयात शुल्क बढ़ा कर इसके उपयोग को हतोत्साहित किया जा रहा है। देश में बनने वाला कपड़ा, चमड़े का सामान और जूते सस्ते होंगे। लिथियम आयात बैटरी सस्ती करने की घोषणा की गयी है। इसका संकेत है कि इलेक्ट्रिक वाहन भी सस्ते हो सकते हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया, उसमें रोजगार, कौशल विकास, कृषि और विनिर्माण पर फोकस करते हुए 2047 तक विकसित भारत के लिए रोडमैप है बजट एक आर्थिक दृष्टिकोण तैयार करता है।
केंद्रीय बजट ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए अधिक आवंटन, कराधान सुधार, बुनियादी ढांचे को बढ़ावा, स्थानीय विनिर्माण, नौकरी और कौशल सृजन पर जोर और अधिक श्रम-प्रधान क्षेत्रों में प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेटिव (पीएलआई) आवंटन का समर्थन करने पर केंद्रित है। रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने तीन योजनाओं की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, सरकार रोजगार सृजन के लिए योजनाएं शुरू करेगी। पहली बार रोजगार पाने वालों के लिए सभी क्षेत्रों में कार्यबल में शामिल होने वाले लोगों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। रोजगार देने वाली योजना से 2.1 करोड़ युवाओं को लाभ मिलेगा। बजट का फोकस चार जातियों गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता पर हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसान प्राकृतिक खेती का रुख करेंगे। कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन संकुल को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार कृषि एवं बागवानी फसलों के लिए जलवायु अनुकूल बीज जारी करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति कम रही है, यह वर्तमान में 3.1 फीसदी है। महंगाई लगातार कंट्रोल में है। देश में खाने-पीने की चीजें भी पहुंच में हैं। जैसा कि अंतरिम बजट में कहा था कि गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता – हम इन चार जातियों पर फोकस करना चाहते हैं। एक महीने पहले हमने लगभग सभी मेजर फसलों पर बढ़ी हुई एमएसपी की घोषणा की है। 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना चल रही है।
मंहगाई को चार प्रतिशत से कम के स्तर पर लाने की कोशिश हो रही है। साथ ही किसानों को लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत मार्जिन देने की कोशिश हो रही है। पीएम गरीब कल्याण योजना को पांच साल के लिए बढ़ाया गया है। हमारा सारा फोकस रोजगार हुनर बंद युवाओं पर है।
निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2024-25 पेश करते हुए नई टैक्स स्लैब की घोषणा की। अब इनकम टैक्स का कैलकुलेशन करने वाले करदाताओं को शून्य से 3 लाख तक की आय पर पुहले की ही तरह कोई टैक्स नहीं देना होगा। 3 लाख से 7 लाख तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा, 7 लाख से 10 लाख तक की आय पर 10 फीसदी टैक्स चुकाना होगा, 10 लाख से 12 लाख तक की आय पर 15 फीसदी टैक्स लगेगा, 12 लाख से 15 लाख तक की आमदनी पर 20 फीसदी टैक्स देना होगा, और 15 लाख से ज्यादा की कमाई पर पहले की ही तरह 30 फीसदी इनकम टैक्स देना होगा। मानक कटौती में बढ़ोतरी की इस घोषणा की बदौलत नई टैक्स रिजीम के तहत कर चुकाने वाले किसी भी करदाता की टैक्सेबल इनकम में से 25,000 रुपये कम हो जाएंगे, जिसकी बदौलत उसे स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर सहित 1,300 कम इनकम टैक्स चुकाना होगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार महिलाओं के आवासीय संपत्तियों की खरीद पर शुल्क कम करने और शहरी विकास योजनाओं का घटक बनाने पर विचार करेगी। महिलाओं द्वारा खरीदी जाने वाली संपत्तियों के लिए शुल्क कम करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित करेगी।
कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए सरकार कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास स्थापित करेगी। युवाओं को देश के विकास में भागीदारी बढ़ाने के लिए कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। आज देश में करोड़ों की संख्या में युवा बेरोजगार हैं। ऐसे में उनको रोजगार की दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्री ने बजट पेश करते वक्त कई बड़े एलान किए है। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना तीन योजनाओं पर काम कर रही है। इस योजना के अंतर्गत औपचारिक क्षेत्रों में पहली बार नौकरी करने वाले लोगों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। इसमें एक महीने के वेतन का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण 15 हजार रुपये तक तीन किस्तों के रूप में दिया जाएगा। इसका लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा, जिनका वेतन 1 लाख रुपये से कम है। यही नहीं सरकार विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने पर भी काम करेगी। योजना के तहत पहली बार विनिर्माण क्षेत्र में नौकरी करने वाले लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार ने शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।इसके अलावा कौशल योजना में प्रधानमंत्री पैकेज के तहत विभिन्न राज्यों में 20 लाख युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देकर कुशल बनाया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए एलान किया कि सरकार युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन भी प्रदान करेगी।
निर्मला सीतारमण ने बताया कि देश के विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना भी सरकार की प्राथमिकता में है। इसमें रोजगार के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार उद्योगों के साथ मिलकर महिला हॉस्टल और बालगृहों की स्थापना करेगी। वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से जुड़ा एक बड़ा एलान किया है। पीएम मुद्रा योजना के अंतर्गत मिलने वाले 10 लाख रुपये तक के लोन की सीमा को बढ़ाकर अब 20 लाख रुपये कर दिया है। ऐसे में जो युवा स्वरोजगार की तलाश में हैं, वे सरकार की इस स्कीम का लाभ लेकर अपना खुद का कारोबार शुरू कर सकते हैं। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)