सम-सामयिक

मातोश्री की जासूसी!

महाराष्ट्र में इन दिनों षड़यंत्रों की राजनीति चल रही है। नगर निगम चुनाव में कौन पार्टी क्या खेल कर रही है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्षी गठबंधन दोनों ही ऐसे हालात से गुजर रहे हैं। विपक्ष के गठबंधन महा विकास अधाड़ी (एमवीए) के प्रमुख घटक शिवसेना (उद्धव ठाकरे) को अपने सहयोगी दलों पर पूरा विश्वास नहीं है। कांग्रेस ने तो स्पष्ट घोषणा कर दी है कि वो राज्य में नगर निकाय चुनाव अकेले दम पर लड़ेगी। शरद पवार की तरफ से अभी ऐसी कोई खुली घोषणा नहीं हुई है। इसी बीच उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री पर गत दिनों एक ड्रोन को उड़ते देखा गया। आनन-फानन में यह खबर फैल गयी कि मातोश्री की जासूसी करायी जा रही है। हालांकि बाद में बताया गया कि मुंबई में पर्सनल रैपिड ट्रांजिट टैक्सी परियोजना के लिए सर्वे किया जा रहा था। हालांकि यह आरोप भी हल्का नहीं है कि मातोश्री जैसी इमारत के ऊपर ड्रोन से सर्वे की जानकारी पहले से दी जानी चाहिए थी।
महाराष्ट्र कांग्रेस अगले सप्ताह यह फैसला करेगी कि राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए अन्य दलों के साथ गठबंधन किया जाए या नहीं। सूत्रों ने बताया कि यह निर्णय 12 नवंबर को होने वाली महाराष्ट्र कांग्रेस संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि सबसे पहले सभी जिला अध्यक्षों के साथ चर्चा की जाएगी, जिसके बाद राज्य के वरिष्ठ नेता विचार-विमर्श करेंगे और अंतिम फैसला लेंगे। बैठक में यह तय होने की उम्मीद है कि कांग्रेस को अपने महा विकास आघाडी (एमवीए) सहयोगियों शिवसेना (उबाठा) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के साथ गठबंधन करना चाहिए या नहीं।
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ किसी भी तरह के गठबंधन को लेकर पार्टी के भीतर विरोध है। पिछले कुछ महीनों से, शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई एवं मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे आगामी स्थानीय निकाय चुनाव से पहले हाथ मिलाने के संकेत दे रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि उनके जिला संसदीय बोर्ड दो दिसंबर को होने वाले 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के चुनाव के लिए उम्मीदवारों के साक्षात्कार पूरे करने और संभावित उम्मीदवारों की सूची बनाने की प्रक्रिया में हैं। सूत्रों ने कहा, ‘हमें 6,859 सीट के लिए उम्मीदवारों से 35,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।’ दो दिसंबर को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 10 नवंबर से शुरू होगी। कांग्रेस के सूत्रों ने दावा किया कि पार्टी के लिए चुनाव में अच्छी संभावना है क्योंकि ग्रामीण मतदाता बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए राहत पैकेज को लेकर सरकार से ‘नाराज’ हैं। सूत्रों ने कहा कि उनके अनुसार ‘वोट चोरी’ का उनका मुद्दा जमीनी स्तर पर पहुंच गया है। पार्टी नेताओं के अनुसार, प्रदेश इकाई ने स्थानीय चुनाव की तैयारी के लिए सूक्ष्म स्तर की योजना बनाई है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के बूथ प्रमुखों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरे हो चुके हैं। ‘ब्लॉक स्तर के नेता स्थानीय स्तर पर चुनाव रणनीति की देखरेख कर रहे हैं और जिला इकाई प्रमुख अपने-अपने क्षेत्रों का प्रबंधन कर रहे हैं, जबकि प्रमुख नेता संभाग स्तर पर गतिविधियों की देखरेख, रणनीति और प्रचार कर रहे हैं।’ राज्य निर्वाचन आयोग ने अभी तक 29 नगर निगमों के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं किया है, जिनमें मुंबई में बृहन्मुंबई महानगर पालिका, 32 जिला परिषद और 336 पंचायत समितियां शामिल हैं, जहां चुनाव 31 जनवरी, 2026 तक होने हैं।
इस बीच एक नयी चर्चा छिड़ गयी। मुंबई में उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के बाहर ड्रोन देखे जाने पर शिवसेना यूबीटी नेताओं ने सवाल खड़े किए हैं। आदित्य ठाकरे ने एक्स पर लिखा कि जब मीडिया को इस बात की जानकारी मिली तो कहा कि मुंबई पुलिस से अनुमति लेने के बाद सर्वे किया जा रहा था। उन्होंने सवाल उठाया कि इस सर्वे की जानकारी पहले से लोगों को क्यों नहीं दी गई थी। आदित्य के पोस्ट पर शिवसेना यूबीटी नेता आनंद दुबे ने कहा कि सर्वे करने के लिए पहले से जानकारी दी जानी चाहिए थी। आनंद दुबे ने कहा, पूरी मुंबई जानती है कि कलानगर का मातोश्री ठाकरे परिवार का निवास स्थान है। अगर किसी ड्रोन को कोई सर्वे करना है तो बताया जाना चाहिए। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण पुलिस की अनुमति लेकर कौन सा सर्वेक्षण कर रही है, जिसमें सिर्फ मातोश्री का ही परिसर दिखाया जा रहा है? ठाकरे परिवार सामाजिक कार्यकर्ताओं के रूप में हम सभी के आदर्श हैं। यदि हम आपत्ति दर्ज नहीं करवाते तो न जाने ये सर्वे कब तक चलता। जानबूझकर निगरानी की जा रही है। आपको किस बात का डर है? मुंबई महानगर पालिका का चुनाव जब होगा तब हम एक-दूसरे के सामने विचारों की राजनीति लड़ेंगे लेकिन ये गंदी राजनीति ठीक नहीं है। हम आशा करते हैं कि इसकी निष्पक्ष जांच होगी।
उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के बाहर 9 नवम्बर सुबह ड्रोन देखा गया था। मातोश्री के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों को सुबह यह ड्रोन दिखाई दिया था। इस पर शिवसेना(यूबीटी) ने शक जताया था कि ड्रोन के जरिए उद्धव ठाकरे पर नजर रखने का प्रयास हो रहा है और पुलिस को आधिकारिक शिकायत देने की बात कही गई थी। हालांकि, बाद में सामने आया कि मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण उस इलाके का सर्व कर रहा है और ड्रोन उड़ाने के लिए मुंबई पुलिस से अनुमति भी ली गई थी।इस मामले पर शिवसेना प्रवक्ता ने सचिन अहिर से सवाल उठाते हुए कहा कि मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण रविवार को क्यों सर्वे कर रहा था। जिस जगह सर्वे हो रहा है, वहां के लोगों को पहले क्यों बताया नहीं गया। उन्होंने कहा कि यह ठाकरे परिवार की प्राइवेसी का सवाल है। अगर यही ड्रोन सीएम के घर के बाहर उड़ाया गया होता तो क्या इसकी जांच नहीं होती? इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। सवाल सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।
आदित्य ठाकरे ने भी एक्स पर लिखा कि रविवार सुबह ड्रोन उनके घर के भीतर झांक रहा था। उन्होंने लिखा, आज सुबह हमारे निवास के ऊपर एक ड्रोन को झांकते हुए पकड़ा गया। जब मीडिया को इस बात की जानकारी मिली तो मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण की ओर से कहा गया कि यह ड्रोन मुंबई पुलिस की अनुमति से बीकेसी क्षेत्र के सर्वे के लिए उड़ाया गया था।
मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि यूएवी का इस्तेमाल पुलिस की पूर्व अनुमति से पॉड टैक्सी परियोजना सर्वेक्षण के लिए किया गया था। आदित्य ठाकरे की पोस्ट पर प्रतिक्रिया जताते हुए, मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने कहा कि ड्रोन कवायद बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के साथ पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (पीओडी या पॉड) टैक्सी परियोजना के लिए अनुमोदित संरेखण के दृश्य अध्ययन में सहायता के लिए किया गया था। प्राधिकरण ने अनुज्ञाधारी की ओर से पुलिस विभाग से सभी आवश्यक अनुमोदन प्राप्त कर लिए थे तथा पिछले दो दिनों में किए गए सर्वेक्षण की निगरानी पुलिस कर्मियों और संबंधित अधिकारियों द्वारा की गई थी। उसने कहा कि यह परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर क्रियान्वित की जा रही है और योजना के अनुसार आगे बढ़ रही है।(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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