यूटीआई ट्रांजेक्शन से लोग हो रहे निराश

डिजिटल पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया ने यूपीआई ट्रांजैक्शन पर दशमलव 3 फीसद का मर्चेंट डिस्काउंट (एमडीआर) लगाने की मांग की है। ऐसे में लोगों का कहना है कि अगर यूपीआई ट्रांजैक्शन पर फीस लगी तो वे इसका यूज करना ही बंद कर देंगे। ये बात एक सर्वे में सामने आईं है।
डिजिटल पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने पीएम को चिट्ठी लिखकर यूपीआई ट्रांजैक्शन पर दशमलव 3 फीसद का मर्चेंट डिस्काउंट (एमडीआर) लगाने की मांग की है। वहीं पीसीआई ने रूपे डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर भी एमडीआर लगाने की बात बोली है। लोकल सर्किल्स के सर्वे में पता चला कि कई यूजर्स का मानना ये है कि अगर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) लागू हुआ, तो ज्यादातर दुकानदार ये चार्ज सीधे ग्राहकों पर ही थोप देंगे। ऐसे में अगर सरकार यूपीआई ट्रांजैक्शन पर फीस लगाती है, तो 73 फीसद यूजर्स इसका इस्तेमाल करना बंद कर देंगे। पिछले पांच सालों में यूपीआई ट्रांजैक्शन की संख्या में 89.3 फीसद और रकम के मामले में 86.5 फीसद की काफी तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। 2019 में यूपीआई का कुल डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में योगदान 34 फीसद से बढ़कर 2024 में 83 फीसद हो गया है।
यूजर्स से फीस लेने का मामला साल 2022 अगस्त में तब सामने आया था जब आरबीआई ने एक फीस स्ट्रक्चर का प्रस्ताव रखा था लेकिन इस प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया गया। सरकार ने कहा कि वह कोई चार्ज नहीं लगाएगी।