जल्द हल होंगे मुफ्त व्यापार समझौते के अटके हुए मसले : पीयूष गोयल

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत और ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर लंबित मसले आने वाले कुछ सप्ताह में हल कर लेंगे, क्योंकि अब कोई कठिन मसला नहीं बचा है।
गोयल ने समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में कहा, ‘एफटीए में भविष्य की ओर नजर है। आपको यह अनुमान लगाना होगा कि अगले 20, 30, 50 साल में यह समझौता किस प्रकार कार्यान्वित होगा। इसलिए इसे बहुत सावधानी से तैयार किया जा रहा है। एफटीए के लिए कोई जल्दबाजी नही है। विभिन्न हितों पर विचार करते हुए सावधानी बरती जा रही है। दोनों पक्ष ऐसे मसले पर विचारकर रहे हैं जो एक दूसरे के लिए संवेदनशील हैं और एक दूसरे के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण भी हैं। हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले हफ्तों में हम किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में सफल होंगे।’
गोयल ने कहा कि दोनों पक्षों ने कई दौर की बातचीत की है और कुल 26 में से 20 अध्यायों पर बातचीत पूरी हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘इस समय हम विभिन्न विषयों पर सक्रिय वार्ता कर रहे हैं। लंबित मसले में कुछ ऐसा नहीं है, जिससे बचना संभव नहीं है।’वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने संवाददाताओं से कहा था कि किसी अंतिम तिथि के मुताबिक काम नहीं हो रहा है कि उस तिथि तक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पूरा करना है क्योंकि कुछ थोड़े जटिल मसले हैं और उनका दोनों देशों के लिएआर्थिक महत्त्व है। वाणिज्य सचिव ने कहा, ‘हम किसी अंतिम तिथि पर नहीं काम कर रहे हैं। हालांकि इसके लिए आंतरिक समय सीमा तय है और चरणबद्ध चर्चा जारी है।’ उन्होंने कहा कि मामलों की विभिन्न दौर में सावधानीपर्ू्वक जांच हो रही है और उम्मीद है कि जल्द ही बातचीत पूरी हो जाएगी। अब तक 13 दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है और भारत और ब्रिटेन के मुख्य वार्ताकार जल्द ही अगले दौर की बातचीत करेंगे, जिससे शेष मसलों का समाधान हो सके। इसमें इलेक्ट्रिक वाहन और सेवा क्षेत्र के लिए बाजार तक व्यापक पहुंच के साथ अन्य मसले शामिल हैं। सैन फ्रांसिस्को में टेस्ला के संयंत्र में इस सप्ताह की शुरुआत में हुए दौरे के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा किअभी कोई फैसला नहीं हुआ है कि टेस्ला कब भारत आएगी और उसकी भारत के निजी क्षेत्र में क्या भूमिका होगी।
उन्होंने कहा, ‘वह आधिकारिक दौरा था। मेरे दौरे का मकसद बहुत साफ है। मैं उच्च स्तर पर काम कर रहे भारतीय प्रतिभाओं का काम देखना चाहता था, जो टेस्ला की सफलता की कहानी में पात्र हैं। मैं इलेक्ट्रिक वाहन फैक्टरी देखने को भी इच्छुक था क्योंकि अब हम इलेक्ट्रिक वाहनों के कल पुर्जे बनाने में भूमिका बढ़ा रहे हैं। पिछले साल भारत ने करीब एक अरब डॉलर के सामान का निर्यात किया है। इस साल भारत से टेस्ला को करीब 1.9 अरब डॉलर का निर्यात होगा, जो करीब दोगुना है। भारत उच्च गुणवत्ता के उत्पाद, स्पेयर पार्ट, ऑटो कंपोनेंट तैयार कर रहा है। मुझे भरोसा है कि इससे हमें अपने इलेक्ट्रिक ऑटो इकोसिस्टम को विस्तार देने में मदद मिलेगी।’
गोयल ने कहा कि भारत में दुनिया से तमाम कंपनियां आ रही हैं और भारत की कंपनियां टाटा और महिंद्रा भी विस्तार कर रही हैं ऐसे में भारत इलेक्ट्रिक वाहनों का बड़ा बाजार और बड़ा उत्पादक बनने की ओर है।