लेखक की कलम

एमपी में नेताओं की तुगलकी कव्वाली

राजनेता कभी-कभी अक्ल से पैदल नजर आते हैं। उनके बयान उनकी पार्टी के लिए ही मुसीबत बन जाते हैं। मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के साथ कुछ ऐसा ही हो रहा है। सत्तारूढ़ भाजपा के सांसद आलोक शर्मा ने पिछले दिनों पार्टी लाइन से हटकर बयान जारी किया। सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि भोपाल हिन्दुओं का है। यहां का इतिहास सम्राट अशोक, परमार वंश और राजा भोज से जुड़ा है। सांसद के इस बयान पर मुस्लिम समाज ने नाराजगी जतायी। इसके साथ ही मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी अपना विरोध जताया। इस विरोध जताने में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी खुद ही विवादों मंे घिर गये। जीतू पटवारी ने पता नहीं कहां से आंकड़े ढूंढ़ कर कहा कि पूरे देश में सबसे ज्यादा शराब मध्य प्रदेश की महिलाएं पीती हैं। जीतू पटवारी के इस बयान पर तो हंगामा खड़ा हो गया। अपने सांसद के बयान से चिंतित प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव कांग्रेस पर आक्रामक हो गये। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार लाडली बहनों को लगातार आगे बढ़ा रही है। आत्मनिर्भर बनाने के साथ उनको सम्मान दे रही है और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उनको शराबी बताकर अपमानित कर रहे हैं। इतिहास की किताबों मंे हमने मोहम्मद तुगलक का नाम पढ़ा था। लगता है, उनकी रूह भटकते हुए मध्य प्रदेश तक पहुंच गयी।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी द्वारा महिलाओं को शराबी बताने वाले बयान पर हंगामा मच गया है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पटवारी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। सीएम मोहन ने कहा है कि जीतू पटवारी का बयान लाडली बहनों का, आधी आबादी का अपमान है। उन्होंने पूछा कि ये कांग्रेस की कैसी मानसिकता है? मोहन यादव ने कहा है कि हरतालिका तीज के दिन महिलाओं का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण है, कांगेस को माफी मांगनी चाहिए। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा- पूरे देश में सबसे ज्यादा महिलाएं, अगर कहीं शराब पीती है तो मध्य प्रदेश में पीती है। यह हमें तमगा मिला है, यह समृद्ध मध्य प्रदेश का सपना देखने वाली भाजपा ने हालात कर दिए मध्य प्रदेश में। सबसे ज्यादा शराब की खपत कहीं है तो एमपी में। ड्रग्स में पंजाब भी नहीं बचा, जितना ड्रग्स का कारोबार मध्य प्रदेश की धरती से होता है दूसरे किसी राज्य से नहीं होता है। हमारे मुख्यमंत्री ने कभी प्रयास नहीं किया कि नशे से निजात दिलाने के लिए हम आगे आएं। हमारी बहनें नशा करने लगीं, बेटियां नशा करने लगीं, लाडली बेटियों के नाम पर वोट ले लिये और बहने सबसे ज्यादा नशा करती हैं। मध्य प्रदेश को ऐसा प्रदेश बना दिया भारतीय जनता पार्टी ने।
सीएम मोहन ने कहा- मध्यप्रदेश सरकार लगातार लाडली बहनों के लिए काम कर रही है और 50 परसेंट कार्य हमारी पहले की सरकार ने आधी आबादी के लिए किए हैं और 30 फीसदी आरक्षण महिलाओं के लिए हमारे प्रधानमंत्री लोकसभा राज्यसभा में भी जोड़ रहे हैं लेकिन कांग्रेस की सरकार ने न कभी हमारी बहनों को आरक्षण दिया न कभी तवज्जो दी। हमारी सरकार ने लाडली लक्ष्मी योजना से लेकर लाडली बहना तक योजना चलाई। सीएम मोहन ने कहा- कांग्रेस के द्वारा बहनों को शराबी कहना ये प्रदेश की सारी बहनों आधी आबादी का अपमान है। मैं समझता हूं कि इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष को माफी मांगनी चाहिए। खासतौर पर ऐसी भाषा ये बातें आज हरतालिका तीज है ऐसे में इस तरह की बातें बोलना दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं समझता हूं कि बहनों के लिए जिस तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं इन योजनाओं के लिए कोई बात कही जाए। पता नहीं कौन सी मानसिकता के हैं, ये लाडली बहनों को शराबी बोलते हैं। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
उधर, भोपाल के सांसद आलोक शर्मा के भोपाल के इतिहास को लेकर दिए गए बयान के बाद नया विवाद शुरू हुआ। दरअसल, भोपाल के सांसद ने एक मंच से अपने बयान में कहा कि भोपाल का इतिहास हजार साल का है। भोपाल का इतिहास सम्राट अशोक का है, परमार वंश, राजा भोज का भोपाल है, रानी कमलापति का भोपाल है। यह मुसलमानों का नहीं है, यहां शुरू से हिंदू शासक रहे हैं। वहीं सांसद आलोक शर्मा के इस बयान पर मुस्लिम समुदाय ने आपत्ति जताई है। भोपाल सांसद अशोक शर्मा का ये बयान सामने आते ही मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सांसद आलोक शर्मा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी बुद्धि पर मुझे तरस आता है। भोपाल देश का है, मध्य प्रदेश का है, यहां के एक-एक नागरिक का है। इस तरह की बातों से न आप का भला होने वाला है, न आपकी पार्टी का भला होने वाला है। आप को जितना पाप करना था वो कर चुके हैं अब बदलाव का दौर है। इसलिए हम करते हैं आप संविधान को नहीं मानते हो, आप दलित विरोधी हो, आप देश विरोधी हो।
इसके अलावा मुस्लिम समाज ने भी भोपाल के चैराहों पर इकट्ठे होकर अपनी नाराजगी जताई। मुस्लिम समुदाय का कहना है कि भोपाल न किसी मुस्लिम का है न किसी हिंदू का बल्कि हिंदुस्तानियों का है। सांसद का बयान आपत्तिजनक है और उन्हें माफी मांगनी चाहिए। इतिहासकारों की माने तो भोपाल को गोंड राजाओं ने करीब 1500 साल पहले बसाया। बाद में परमार शासक राजा भोज से इसका नाम जुड़ा। 14वीं सदी तक यह गोंड साम्राज्य के अधीन रहा। रानी कमलापति के समय 17वीं शताब्दी में अफगान सैनिक दोस्त मोहम्मद खान ने कब्जा कर यहां इस्लामी शासन स्थापित किया। इसके बाद 1949 तक भोपाल नवाबों के अधीन रहा। यही वजह रही कि भोपाल के विधायक से लेकर सांसद तक भोपाल को मुसलमान का नहीं कहते नजर आते हैं। इसी के साथ चर्चा सुमित्रा बाल्मीकि की भी हुई।
बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि सोमवार को मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित भाजपा कार्यालय में चार संभागों की बैठक में शामिल होने पहुंची थीं। इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद थे। इसी दौरान जब सांसद सुमित्रा बाल्मीकि मीटिंग हॉल में प्रवेश के लिए पहुंचीं तो सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें मीटिंग के अंदर जाने से रोक दिया। आरोप है कि सुरक्षा कर्मियों ने सांसद के साथ अभद्रता की। इस दौरान सांसद और सुरक्षाकर्मियों के बीच जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि ने कहा कि बार-बार मेरे साथ अभद्रता क्यों होती है? इसके लिए मुझे कुंडली दिखानी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि धक्का मुक्की के दौरान उनका चश्मा भी टूट गया। उन्होंने हंगामे की वजह भी बताई और कहा कि सुरक्षा कर्मियों ने सुरक्षा के कारण अंदर नहीं जाने दिया था। ये पहली बार नहीं था जब सांसद सुमित्रा बाल्मीकि को इस तरह अभद्रता का सामना करना पड़ा हो। 5 जुलाई 2022 को भी उनके साथ अभद्रता हुई थी। जब वे सागर सर्किट हाउस में ठहरी थीं तो उनका सामान बिना बताए बाहर कर दिया गया था। (अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button