लेखक की कलम

ग्रामीणों ने दिया जनप्रतिनिधियों को सबक

लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र और संकल्प पत्र जारी होते हैं। इनमें देश के लिए और प्रदेश के लिए कुछ वादे किये जाते हैं। सरकार न बना पाने पर उस पार्टी के नेता जवाबदेही से बच जाते हैं लेकिन सत्तारूढ़ दल भी अपने वादे पूरे नहीं कर पाते। इस संदर्भ में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की वो वचनबद्धता होती है जो गांव-गांव वोट मांगने के दौरान की गयी। मसलन किसी क्षेत्र मंे सड़क बनवाने का आश्वासन दिया गया और कहीं पुल बनवाने का वादा किया गया। स्कूल की बिल्डिंग बनवाने, जल भराव से मुक्ति दिलाने और अस्पताल खुलवाने के वादे भी किये जाते हैं। ऐसा नहीं है कि तमाम छोटे-मोटे वादे पूरे न किये जा सकें लेकिन जन प्रतिनिधि बनने और सरकार का हिस्सा होने के बावजूद समस्याओं और वोटरों को भुला दिया जाता है। ग्रामीणों और शहरों में रहने वालों के पास इतना समय ही नहीं है कि वे जनप्रतिनिधियों को मजबूर करें कि वे अपना वादा निभाएं। चुनाव के दौरान ऐसा मौका जरूर आता है जब मतदाता थोड़ा मुखर हो जाते हैं। बिहार में विधानसभा के चुनाव सन्निकट हैं। इसलिए वहां के मतदाता मुखर हो रहे हैं। गत दिनों (27 अगस्त) नालंदा जिले के मलावां गांव में कैबिनेट मंत्री श्रवण कुमार और स्थानीय विधायक कृष्ण मुरारी उर्फ प्रेम मुखिया को ग्रामीणों ने लाठी-डंडा लेकर दौड़ाया। मलावा गांव में पिछले दिनों सड़क हादसे मंे 9 लोगों की मौत हो गयी थी। यह जानलेवा हादसा दो वाहनों के टकराने से हुआ था लेकिन सरकार ने मृतकों के परिजनों को घोषित मुआवजा नहीं दिया। स्थानीय जन प्रतिनिधियों का इतना कर्तव्य तो बनता था कि वे पीड़ित परिवारों से मिलते। पांच दिन बाद जनप्रतिनिधि वहां गये तो ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। जनप्रतिनिधियों के लिए यह सबक तो है लेकिन वे सीखने वे इच्छुक नहीं दिखते।
बिहार के नालंदा जिले के हिलसा थाना क्षेत्र के मलावां गांव में कैबिनेट मंत्री श्रवण कुमार और स्थानीय विधायक कृष्ण मुरारी उर्फ प्रेम मुखिया को ग्रामीणों ने लाठी-डंडा लेकर घेर लिया। ग्रामीणों के गुस्से से बचने के लिए दोनों नेता एक किलोमीटर पैदल भागकर अपनी जान बचाए। ग्रामीणों के साथ झड़प में एक पुलिसकर्मी को हल्की चोटें भी आई हैं। घटना के बाद मलावां गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। हिलसा थाना इलाके के मलावां गांव में अभी हाल में ही सड़क हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई थी। मंत्री श्रवण कुमार और स्थानीय विधायक पीड़ित परिजनों के घर गए थे। जानकारी के मुताबिक घटना के 5 दिनों के बाद पहुंचने पर ग्रामीण आक्रोशित हो गए। दनियामा प्रखंड के शाहजहांपुर थाना क्षेत्र के दनियामा हिलसा सड़क मार्ग पर सुबह-सुबह डंपर एवं ऑटो में जोरदार टक्कर हो गई थी, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी, सभी लोग नालंदा जिला के हिलसा थाना अंतर्गत रेडी मलामा के निवासी थे। सभी लोग उस दिन फतुहा त्रिवेणी में गंगा स्थान के लिए फतुहा जा रहे थे। उसी वक्त हादसा हुआ था। घटना के बाद हिलसा के विधायक कृष्ण मुरारी उर्फ प्रेम मुखिया भी पहुंचे थे। ग्रामीण विकास मंत्री एवं हिलसा विधायक मृतक के परिजनों से मिलने गांव पहुंचे तो लोगों में इस बात का आक्रोश था कि घटना वाले दिन स्थानीय विधायक के कहने पर ही लोगों ने सड़क जाम हटाया था परंतु मुआवजा अभी तक नहीं मिला है। साथ ही मंत्री जी बहुत ही जल्द लोगों से मिलकर दूसरे कार्यक्रम में जाने के लिए आतुर दिखे, जिसे लेकर ग्रामीणों में गुस्सा आ गया और मंत्री जी और विधायक को लोगों ने लाठी डंडे लेकर घेर लिया। इसके बाद गांव के ही कुछ लोगों के द्वारा समझाने बुझाने एवं कहा सुनी कहते हुए करीब एक किलोमीटर तक विधायक और मंत्री जी को पैदल चलना पड़ा।
रूपटना जिले के शाहजहांपुर थाना क्षेत्र में गत दिनों सुबह सड़क पर ऐसा मंजर दिखा, जिसने हर किसी के रोंगटे खड़े कर दिए। तेज रफ्तार टैंकलरी (तेल टैंकर) और यात्रियों से भरे टेम्पो की आमने-सामने की भिड़ंत ने सात जिंदगियों को मौके पर ही निगल लिया। चीख-पुकार, खून से सनी सड़क और लाशों का ढेर। यह हादसा गंगा स्नान से लौट रहे श्रद्धालुओं के काफिले को मातम में बदल गया। मरने वाले सभी लोग नालंदा जिले के हिलसा थाना क्षेत्र के मलावा गांव निवासी थे। सुबह गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमाने निकले थे, लेकिन लौटते वक्त सड़क पर मौत ने आकर उन्हें घेर लिया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि टेम्पो के परखच्चे उड़ गए और कई शव सड़क पर बिखर गए। मौके पर ही सन्नाटा पसर गया, आसपास खड़े लोग चीखते-चिल्लाते रह गए। हादसे की सूचना मिलते ही शाहजहांपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घायल यात्रियों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थानीय लोगों के मुताबिक, टैंकलरी बेलगाम रफ्तार में आ रही थी और ड्राइवर ने वाहन से नियंत्रण खो दिया, जिसके बाद सीधी टक्कर हुई। गांव में कोहराम मचा था। सात सात चिताएं एक साथ जलाने की तैयारी हुई। जिन घरों से सुबह पूजा-अर्चना और गंगा स्नान के लिए लोग निकले थे, वहां अब रोने-बिलखने की आवाजें गूंज रही हैं। इस दिल दहला देने वाले सड़क हादसे ने एक बार फिर तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग के खतरनाक नतीजे सामने ला दिए थे। श्रद्धा से लौटते सात परिवार मातम के सागर में डूब गए। वहीं तीन घंटे बीतने के बाद भी शव को नहीं उठाया गया। मौके पर पटना सिटी एसडीएम और प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे, लेकिन स्थानीय लोगों की मांग थी कि जो हाईवा ट्रक ने टक्कर मारा है, उसके चालक सहित ट्रक को पकड़ा जाए। उसके बाद शव को उठाने देंगे।
जिला प्रशासन लोगों को समझने में जुटा था। मौके पर हिलसा विधायक कृष्ण मुरारी शरण भी पहुंचे और हर मृतक के परिजनों को एक लाख मुआवजे की मांग की है। घटना स्थल पर तनाव का माहौल बना हुआ था। पटना जिला प्रशासन की ओर से सभी मृतकों को 20-20 हजार रुपया तात्कालिक लाभ दिया गया। पोस्टमार्टम के बाद मुआवजे की राशि नालंदा जिला प्रशासन की ओर से देने की घोषणा की गयी।
पटना में ये पहला हादसा नहीं था। इससे पहले भी ऑटो में बेहिसाब सवारियों को भरने के कारण हादसा हुए हैं। दुर्घटना के बाद पुलिस कुछ दिन सख्त होती है उसके बाद फिर वहीं ढ़ाक के तीन पात। थाना क्षेत्र के भेंडा मोड़ के समीप बड़ा सड़क हादसा हो गया। तेज रफ्तार से जा रही एक क्रेटा कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे लगे बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए करीब 20 फीट नीचे पानी भरे गड्ढे में जा गिरी।हादसे में कार सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा बिहटा-सरमेरा मुख्य मार्ग पर हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कार की रफ्तार करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटा थी। रात में हुई दुर्घटना का पता सुबह तब चला, जब ग्रामीणों ने पानी में तीन शवों को उतराता हुआ देखा। इसके बाद शोर मचाकर लोगों को बुलाया गया और शवों को बाहर निकाला गया।ग्रामीणों की मदद से पुलिस को सूचना दी गई। रहुई थाना पुलिस मौके पर पहुंची और गाड़ी को बाहर निकलवाया। घायल युवक को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। ऐसे हादसों के समय लोग जनप्रतिनिधियों के आने की अपेक्षा करते हैं। चुनाव के समय यह अपेक्षा कुछ बढ़ गयी है।(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button