उपचुनावों में योगी का मंत्र

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
उत्तर प्रदेश मंे नौ विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए निश्चित रूप से प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गये हैं। इसका प्रमुख कारण लोकसभा चुनाव में भाजपा को यूपी मंे पिछले आम चुनावों की अपेक्षा सबसे कम सीटें मिलना है। आश्चर्य इस बात पर भी जताया जा रहा है कि इसी साल अयोध्या मंे श्रीराम मंदिर मंे प्राण प्रतिष्ठा को भारत का उत्सव बताया गया था। भाजपा अयोध्या की सीट भी हार गयी। उसी क्षेत्र में मिल्की पुर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना था लेकिन अदालती विवाद के चलते वहां अभी उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई है। इस प्रकार 9 विधानसभा सीटों पर भाजपा ने युद्ध स्तर पर तैयारी की है और यहां योगी के मंत्र पर चुनाव लड़ा जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने हरियाणा मंे यह मंत्र दिया था। एक चुनाव सभा मंे योगी ने कहा था कि बटेंगे तो कटेंगे। इस पर सियासी विवाद भी हुआ था लेकिन हरियाणा मंे भाजपा को विजयश्री हासिल हुई है। अब यूपी में 9 सीटों पर योगी आदित्यनाथ की ही 18 रैलियां करायी जाएंगी। उपचुनावों के लिए बड़ी टीम भी बनायी गयी है लेकिन कमान योगी आदित्यनाथ ही संभाल रहे हैं। उधर, विपक्षी दलों मंे सीटों को लेकर मतभेद भी सामने आ रहे हैं। इसका राजनीतिक फायदा भी भाजपा को मिलेगा।
उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है। हिंदुत्व के मंत्र ‘बटेंगे तो कटेंगे’ के साथ बीजेपी उपचुनाव के मैदान में उतरने जा रही है। उपचुनाव की कमान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संभालेंगे और ताबड़तोड़ रैलियां करेंगे। सीएम योगी सभी 9 विधानसभा सीटों में कुल 18 रैलियां करेंगे यानी हर सीट पर उनकी दो जनसभाएं होंगी। मुख्यमंत्री की रैलियों से पहले यूपी सरकार के मंत्री सभी 9 सीटों पर माहौल बनाएंगे। दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक की जनसभाएं भी होंगी। इतना ही नहीं यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी जनसभाओं को संबोधित करते नजर आएंगे। वहीं महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह संगठनात्मक बैठकें कर बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाएंगे। उपचुनाव में बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में वॉर रूम बनाया जाएगा। वॉर रूम की कमान संगठन महामंत्री धरमपाल के पास रहेगी। वॉर रूम के जरिये संगठन महामंत्री सभी नौ विधानसभा में चल रहे चुनाव अभियान का संचालन करेंगे। वॉर रूम में उनके सहयोगी के तौर पर प्रदेश महामंत्री संजय राय, प्रदेश महामंत्री राम प्रताप, प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ल और प्रदेश महामंत्री अनुप गुप्ता होंगे। गौरतलब है कि गत 19 अक्टूबर को मुख्यमंत्री आवास पर उपचुनाव को लेकर अहम बैठक हुई थी। इस बैठक में संगठन के पदाधिकारी से लेकर यूपी सरकार के मंत्री शामिल हुए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बैठक में सभी सीटों पर जीत का लक्ष्य दिया। मुख्यमंत्री ने सभी बूथों पर पदाधिकारियों को जातिगत समीकरण के आधार पर रणनीति बनाने को कहा है। उन्होंने पदाधिकारियों और प्रभारियों से कहा है कि जिस बूथ पर जिस जाति की संख्या ज्यादा है, उसके प्रभावशाली लोगों से संपर्क कर समर्थन जुटाया जाए।
उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी के 8 उम्मीदवारों की सूची लगभग तय है। यूपी बीजेपी की तरफ से आठ सीटों के लिए 24 दावेदारों की लिस्ट भेजी गई थी। बता दें गठबंधन के तहत बीजेपी मीरापुर की सीट राष्ट्रीय लोकदल को दे सकती है। लिहजा इस सीट पर रालोद अपना प्रत्याशी तय करेगा। गौरतलब है कि 13 नवंबर को होने वाले मतदान के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। समाजवादी पार्टी की तरफ से 7 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान भी हो चुका है। करहल सीट से सपा प्रत्याशी तेज प्रताप यादव नामांकन कर रहे हैं। गाजियाबाद सदर सीट से यूपी बीजेपी की तरफ से जो नाम भेजे गए हैं उनमें संजीव शर्मा, मयंक गोयल और ललित जायसवाल का नाम शामिल था। कहा जा रहा है कि संजीव शर्मा का टिकट फाइनल है। अलीगढ़ की खैर सीट से भोला दिवाकर, सुरेंद्र दिलेर और मुकेश सूर्यवंशी का नाम भेजा गया। संभल की कुंदरकी सीट से शेफाली सिंह, रामवीर सिंह और मनीष सिंह की दावेदारी है। इसके अलावा कानपुर की सीसामऊ सीट से सुरेश अवस्थी, नीरज चतुर्वेदी और नीतू सिंह का नाम भेजा गया है। मिर्जापुर की मंझवा सीट से सुचिस्मिता मौर्या, सीएल बिंद और उत्तर मौर्य का नाम भेजा गया है। प्रयागराज की फूलपुर सीट से अनिरुद्ध पटेल, दीपक पटेल और कविता पटेल का नाम गया है। अम्बेडकरनगर की कटेहरी सीट से पार्टी की तरफ से अवधेश द्विवेदी, धर्मराज निषाद और अजीत सिंह का नाम शामिल है।मैनपुरी की करहल सीट पर संघमित्रा मौर्य, अनुजेश प्रताप सिंह और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल की बेटी का नाम भेजा गया।
उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के लिए समाजवाद पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच कथित तौर पर दरार पड़ गई दिखती है। दावा है कि सपा से कांग्रेस पांच सीटें मांग रही है। वहीं सपा सात सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है। चर्चा है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, यूपी में उपचुनाव नहीं लड़ेगी। कांग्रेस का कहना है कि वह यूपी में सभी 9 सीटें सपा के लिए छोड़ देगी। माना जा रहा है कि यूपी का रण छोड़कर भी कांग्रेस फायदे में रहेगी। कांग्रेस यूपी में एक भी सीट पर चुनाव न लड़ने का फैसला कर के सपा को दबाव में ले आएगी। सपा महाराष्ट्र में 12 सीटों की मांग कर रही है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने करहल में पत्रकारों से कहा था कि जिन सीटों पर पार्टी का जनाधार मजबूत है, उन सीटों पर दावा किया गया है। पार्टी ने 12 सीटों की डिमांड की है। सपा के इस कदम से कांग्रेस सकते में आ गयी। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में सपा का दबाव काम करने के लिए कांग्रेस यूपी का रण छोड़ सकती है। इसके जरिए वह संदेश देने की कोशिश करेगी कि अगर उसने यूपी में चुनाव नहीं लड़ा तो अखिलेश और सपा भी महाराष्ट्र में दखल न दें। ऐसे में कांग्रेस, सपा पर यूपी में चुनाव न लड़ने के रास्ते महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग पर असर डालने की जुगत में है। समाजवादी द्वारा यूपी में 7 सीट और महाराष्ट्र में 5 सीटों पर प्रत्याशियों के ऐलान पर यूपी कांग्रेस चीफ अजय राय ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व तय कर रहा है कि किसको कितनी सीटें देनी है हम लोग पूरी ताकत से संगठन को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। उधर, राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी कांग्रेस गठबंधन के साथ ही उत्तर प्रदेश उपचुनाव लड़ेंगी और दो सीटों पर ही कांग्रेस चुनाव लड़ेगी ऐसी उन्हें उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस गठबंधन के साथ चुनाव न लड़ने की जो अटकलें लगाई जा रही हैं, वह पूरी तरह से गलत है ।
उत्तर प्रदेश में 9 सीट पर उप चुनाव होने हैं कांग्रेस समाजवादी पार्टी से 5 सीट मांग रही है। कांग्रेस का कहना है कि 5 सीटों से कम पर समझौता नहीं होगा। कांग्रेस का दावा है कि सपा हमें हल्के में न ले। हम सपा के मोहताज नहीं हैं।
कांग्रेस सपा से फूलपुर, मंझवा, गाजियाबाद सदर, मीरापुर और खैर सीट मांग रही है। इसमें सपा ने सिर्फ गाजियाबाद और खैर पर ही प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है। इन सबके बीच कांग्रेस से मतभेद की खबरों पर अखिलेश यादव ने कहा कि हमारा गठबंधन है और कोई नाराजगी नहीं। हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे। (हिफी)