नीतीश कुमार का नया बिहार

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
बिहार मंे सम्पन्न हुए उपचुनावों को सेमी फाइनल मानकर जद(यू) ने अब लालू यादव की पार्टी राजद की जड़ों मंे मट्ठा डालने की योजना बनायी है। इस योजना का एक स्वरूप नीतीश कुमार को बिहार का असली नायक बनाना भी है ताकि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव मंे उनकी प्रमुख साथी भाजपा कहीं मुख्यमंत्री पद की दावेदारी न कर बैठे। इसी योजना के तहत एक फिल्म बनवाई जा रही है जिसका नाम है नीतीश कुमार का नया बिहार। इस फिल्म में लालू यादव और उनके परिवार के समय की सरकार को जंगल राज बताया जाएगा और यह फिल्म गांव-गांव में दिखाई जाएगी। गत 25 नवम्बर को पटना मंे जद(यू) के कार्यालय मंे एनडीए नेताओं का संयुक्त संवाददाता सम्मेलन किया गया था और उसी मंे यह बात भी स्पष्ट की गयी। जद(यू) ने इस प्रकार नीतीश कुमार को ही भावी मुख्यमंत्री के रूप मंे स्वीकृति दिलाने का भी प्रयास किया है। बिहार मंे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि यह फिल्म नीतीश कुमार के प्रति आस्था भी जगाएगी। ध्यान रहे कि बिहार में विधानसभा की चारों सीटों पर एनडीए की जीत हुई है। राजद, कांग्रेस के साथ प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी (जसुपा) को भी जनता ने ठुकरा दिया है। उपचुनाव में हार के बाद अब प्रशांत किशोर अमेरिका मंे प्रवासी बिहारियों से अपनी मुहिम में शामिल होने की अपील कर रहे हैं। अपनी पार्टी के उपचुनाव मंे खराब प्रदर्शन के बावजूद प्रशांत किशोर 2025 के विधानसभा चुनाव मंे अच्छी संभावना देखते हैं। बिहार मंे तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज में विधानसभा उपचुनाव हुए थे। तरारी और रामगढ़ मंे भाजपा, बेलागंज में जद(यू) और इमामगंज में हम पार्टी की प्रत्याशी और जीतनराम मांझी की बहू विजयी
रही हैं।
जनता दल यूनाइटेड के कार्यालय में 24 नवम्बर को एनडीए नेताओं का संयुक्त संवाददाता सम्मेलन किया गया, जिसमें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि हम लोग एक साथ सभी जिले में जाकर बैठक करेंगे और 2025 के चुनाव के लिए शंखनाद करेंगे। बिहार की जनता ने मतदाता ने जात-पांत से ऊपर उठकर अपनी आस्था और विश्वास एनडीए में दिखाया है, जिससे हम और मजबूत हुए हैं। उन्होंने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष का काम इतना ही है कि वो सोच कर सोते हैं कि बिहार में कल क्या बयान देंगे। क्या गाली बकेंगे, यह लोग किसी तरह राजनीतिक दुकानदारी को जिंदा रखने के प्रयास में हैं। लालू यादव का जादू अब समाप्त हो गया है। बिहार बदल रहा है। हम लोगों ने जिस तरह से उपचुनाव में जीत हासिल की है, उसी हिसाब से एनडीए के सभी घटक दल के कार्यकर्ता एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे।
दिलीप जायसवाल ने बताया कि हमलोग छोटी सी फिल्म चलाने वाले हैं, जो आधे घंटे की होगी। पूरे बिहार में चलेगी। उसमें दिखाएंगे की 2005 से पहले का बिहार क्या था और हम नई पीढ़ी को यह चीज दिखाना चाहते हैं जिसने 2005 के पहले का शासन नहीं देखा था। 2005 के पहले और 2005 का बिहार कैसा था और अभी कैसा है? यह युवा जरूर देखें कि लालटेन को फेंक करके एलईडी जल रहा है, यह सभी गांव-गांव में जाकर दिखाया जाएगा।
इस फिल्म का नाम होगा नीतीश कुमार का नया बिहार। एनडीए एक साथ है। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकसित बिहार की परिकल्पना अपने कार्यकर्ताओं की ताकत पर शुरु करने जा रहे हैं। वह फिल्म जो चलेगी क्रांति होगी। फिल्म देखकर लोगों का खून खौल जाएगा और लोगों की नीतीश कुमार के प्रति आस्था भी जागेगी।
उल्लेखनीय है कि उपचुनाव में बेलागंज और इमामगंज में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के प्रत्याशियों ने बाजी मार ली है। महागठबंधन दूसरे और प्रशांत किशोर की पार्टी को तीसरे नंबर पर जनता ने पहुंचा दिया। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी इमामगंज से अपनी किस्मत आजमा रही थीं। करीब छह हजार वोटों के अंतर से उन्होंने जीत हासिल की। जनसुराज के प्रत्याशी जितेंद्र पासवान तीसरे नंबर पर रहे। बेलागंज में जदयू की मनोरमा देवी को 72178 वोट मिले। राजद उम्मीदवार विश्वनाथ कुमार सिंह को 51210 वोट मिले। इस तरह मनोरमा देवी ने राजद प्रत्याशी को 20993 मतों से हरा दिया।
इसी तरह रामगढ़ विधानसभा में शुरुआत के कुछ राउंड में बसपा प्रत्याशी सतीश यादव ने बढ़त बनाए रखा। इसके बाद भाजपा प्रत्याशी अशोक सिंह पहले नंबर पर आए। कम अंतर से वह आगे बढ़ते गए। फाइनल राउंड में वह 1362 वोट से जीत गए। उन्हें 62257 वोट मिले हैं। वहीं दूसरे नंबर पर बसपा के सतीश यादव रहे। इन्हें 60895 वोट मिले हैं। वहीं तीसरे नंबर पर राजद के अजीत सिंह रहे। इन्हें 35825 वोट मिले हैं। चौथे नंबर पर प्रशांत किशोर की पार्टी के उम्मीदवार सुशील कुशवाहा रहे। इन्हें 6513 वोट मिले हैं। तरारी से भाजपा प्रत्याशी विशाल प्रशांत 10612 वोट से जीते हैं। विशाल ने 10612 से भाकपा माले के राजू यादव को हरा दिया। विशाल प्रशांत को 78755 वोट मिले, वहीं भाकपा माले के राजू यादव को 68143 वोट मिले। जनसुराज की किरण देवी 5622 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहीं।
बिहार में हुए चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी विजेता बनकर उभरी है, जबकि राष्ट्रीय जनता दल को करारी हार का सामना करना पड़ा है। राजद को अपने तीनों सीटों पर हार मिली है, जबकि भाजपा ने दो सीटों पर जीत हासिल की है। जनता दल यू ने बेलागंज सीट जीतकर गया जिले में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। उपचुनाव भाजपा, जदयू और हम, तीनों दलों का स्ट्राइक रेट 100 प्रतिशत रहा है। यानी इन दलों ने जितने सीटों पर चुनाव लड़ा था, सभी में जीत हासिल की। इसका श्रेय फिलहाल नीतीश कुमार को ही जाता है। उपचुनाव की रणनीति उन्होंने ही बनायी। तेजस्वी की राजद को जबर्दस्त झटका लगा है।
तरारी विधानसभा सीट पर भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की। भाजपा उम्मीदवार विशाल प्रशांत ने सीपीआई माले के राजू यादव को 10 हजार से अधिक वोटों से हराया। 2024 के उपचुनाव में भाजपा को 48.70 प्रतिशत वोट मिले जबकि 2020 में उसे सिर्फ 8.19 प्रतिशत वोट ही मिले थे। यानी भाजपा का वोट बैंक लगभग 40 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं, माले को इस बार 42.14 प्रतिशत वोट मिले जबकि 2020 में उसे 43.53 प्रतिशत वोट मिले थे।
इमामगंज विधानसभा सीट पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर की उम्मीदवार दीपा मांझी ने जीत हासिल की। दीपा मांझी ने राजद के रौशन मांझी को 5945 वोटों से हराया। हालांकि, दीपा मांझी को 2020 में जीतन राम मांझी की तुलना में कम वोट मिले हैं। 2020 में जीतन राम मांझी को 78762 वोट मिले थे जबकि इस बार दीपा मांझी को 53435 वोट ही मिले हैं। वोट प्रतिशत की बात करें तो 2020 में हम को 45.36 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि इस बार उसे 32.59 प्रतिशत वोट ही मिले हैं। वहीं, राजद को इस बार 28.96 प्रतिशत वोट मिले हैं जबकि 2020 में उसे 36.12 प्रतिशत वोट मिले थे।(हिफी)