लेखक की कलम

बिहार में उपचुनाव नहीं परीक्षा

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
बिहार में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए महागठबंधन ने 20 अक्टूबर को अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। भोजपुर के तरारी से माले उम्मीदवार राजू यादव, गया के बेलागंज से आरजेडी उम्मीदवार विश्वनाथ कुमार सिंह, इमामगंज से आरजेडी उम्मीदवार रौशन कुमार मांझी उर्फ राजेश मांझी और कैमूर के रामगढ़ से आरजेडी उम्मीदवार अजीत कुमार सिंह को टिकट दिया गया है। राष्ट्रीय जनता दल कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश सिंह और वीआईपी नेताओं की मौजूदगी में उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई। इस तरह बिहार में महागठबंधन ने अपनी चारों सीटों पर नामों का ऐलान कर दिया है, जिसमें तीन सीटें आरजेडी के खाते में और एक सीट सीपीआईएमएल के खाते में गई है। महागठबंधन ने सभी सीटों पर जीत का दावा भी किया है। महागठबंधन उम्मीदवार अजीत कुमार सिंह जिन्हें रामगढ़ विधानसभा सीट मिली है, वो आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के छोटे बेटे हैं, जबकि विश्वनाथ कुमार बेलागंज विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार सुरेंद्र यादव के बेटे हैं। दोनों ही आरजेडी से ताल्लुक रखते हैं। उधर एनडीए के घटक दलों ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा पहले ही कर दी थी। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने इमामगंज सीट से अपनी बहू दीपा मांझी को मैदान में उतारा है तो जेडीयू ने बेलागंज सीट से मनोरमा देवी को टिकट देने का फैसला किया है, वहीं तरारी और रामगढ़ से बीजेपी के कैंडिडेट होंगे। बीजेपी ने विशाल प्रशांत को तरारी सीट से और अशोक कुमार सिंह को रामगढ़ सीट से प्रत्याशी बनाया है।
बिहार में विधानसभा की चार सीटों तरारी, रामगढ़, बेलागंज, इमामगंज पर उप चुनाव होने जा रहा हैं। एनडीए इन सीट पर जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। एनडीए और महागठबंधन के लिए यह उपचुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। इन उपचुनावों को कई बातें प्रभावित करेंगी। इनमें एक गिरिराज सिंह की यात्रा भी है। सत्तारूढ़ दल जद यू के रुख को देख भाजपा ने गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा से किनारा कर लिया है। इस यात्रा को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं लेकिन इसी यात्रा को लेकर जेडीयू असहज है। इस पर जेडीयू नेता खालिद अनवर ने कहा कि गिरिराज सिंह की उल्टी सीधी हरकत पर नीतीश सरकार कार्रवाई कर सकती है। इस बयान पर गिरिराज सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जेल कुछ नहीं है। मैं अपने खून की आखिरी बूंद तक यह लड़ाई लड़ता रहूंगा। जिनको मुसलमानों की डोली उठानी है, जिनको मंदिर तोड़वाना है, लव जिहाद, थूक जिहाद, शिक्षा जिहाद और जमीन जिहाद करवाना है उनको मुबारक। गिरिराज सिंह कहते हैं कि जेडीयू, आरजेडी, कम्युनिस्ट, कांग्रेस और बीजेपी सभी के हिंदू हमारे साथ हैं। यह यात्रा राजनीतिक नेताओं या पार्टियों की नहीं है।
गिरिराज सिंह की यात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू नेता खालिद अनवर ने कहा कि बीजेपी का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने गिरिराज सिंह की अतिवादी सोच से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने साबित कर किया कि बिहार भाईचारे की जगह है, गिरिराज सिंह जैसे लोगों की विचारधारा से बिहार नहीं चल सकता है। आपने भयमुक्त समाज बनाने के लिए संविधान की शपथ ली है। आपको अगर लगता है कि आप अपनी यात्राओं के जरिए बिहार को डराएंगे, बिहार के समाज को तोड़ने की कोशिश करेंगे तो आपको याद रखना चाहिए कि यह नीतीश कुमार की सरकार है जो किसी कीमत पर किसी को भी नहीं छोड़ेगी। खालिद अनवर ने कहा कि गिरिराज सिंह ने अगर कोई उल्टी सीधी हरकत की, समाज को तोड़ने वाला कुछ भी करते हैं तो हमारी सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगी। नीतीश कुमार ने पहले ही कह रखा है कि करप्शन, क्राइम और कम्युनल से समझौता नहीं करेंगे। खुशी है कि नीतीश कुमार की इस नीति को बीजेपी ने अपनाया है। बीजेपी ने गिरिराज सिंह को अलग-थलग कर दिया है। गिरिराज सिंह हठधर्मी से ये सब कर रहे हैं तो बीजेपी नेतृत्व उनके खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम है। मुझे लगता है कि उन पर सूक्ष्म स्तर पर नजर रखी जा रही है।
भाजपा ने इस तरह से उपचुनावों के समय टकराव रोकने का प्रयास किया है लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने एक नयी मुसीबत खडी कर दी। आरसीपी सिंह ने गत 19 अक्टूबर को नई पार्टी बनाने का ऐलान किया। इससे साफ है कि बीजेपी में खास तवज्जो नहीं मिलने से उन्होंने अपनी राह जुदा कर ली है। वहीं, इस ऐलान के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। जेडीयू के प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि बिहार में एक और राजनीतिक दल का उदय होने जा रहा है। चुनाव के समय राजनीतिक पार्टियों का बनना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। इसके लिए आरसीपी सिंह को शुभकामना और बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह से कामना करता हूं कि चुनाव तक ही इस दल को सिर्फ सीमित नहीं रखें। दल अगर उन्होंने बनाया है तो एक लंबी पारी तक दल को चलाते रहें। वहीं, इस पर बीजेपी नेता नीरज कुमार कहते हैं कि हर किसी को राजनीतिक दल बनाने का अधिकार है। यह संविधान ने अधिकार दिया हुआ है। आरसीपी सिंह राजनीतिक दल बनाते हैं तो ठीक है। यह उनकी इच्छा है। उनको लगता है अगर वह काम करना चाहिए तो देश आजाद है। सभी को आजादी है। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। पार्टी बना रहे हैं तो स्वागत है।
दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने बीजेपी से नाता तोड़ते हुए नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी में मान सम्मान नहीं मिल रहा था, इसलिए उन्होंने बीजेपी से किनारा कर लेने की सोची है। उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी और जेडीयू के कई नेता उनके संपर्क में हैं। इस प्रकार चार सीटों पर उपचुनाव होने के समय आरसीपी सिंह के इस फैसले से बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है।
बता दें कि भोजपुर के तरारी, कैमूर के रामगढ़ और गया के बेलागंज और इमामगंज से विधायक सांसद बन चुके हैं। इसी के चलते उपचुनाव हो रहे हैं। उपचुनाव में बीजेपी, जदयू, आरजेडी और भाकपा (माले) के
अलावा प्रशांत किशोर भी अपने उम्मीदवार उतारेंगे। बिहार में चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 25 अक्टूबर तक नामांकन पत्र भरे जाएंगे और 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। प्रत्याशी 30 अक्टूबर तक नामांकन वापस ले सकेंगे। यहां 13 नवंबर को मतदान और 23 नवंबर को मतगणना होगी। (हिफी)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button