लेखक की कलम

चीन के रक्षा मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त

चीन को इस वक्त दुनिया का एक सबसे ताकतवार देश माना जाता है। उसकी छवि एक सफल और सर्वगुण संपन्न राष्ट्र की बनी है। दुनिया के सामने वह जितना ताकतवर और खुद को प्रभावी दिखाने की कोशिश करता है वह अंदर से वह उतना ही खोखला है। इसका सबसे ताजा उदाहरण राष्ट्रपति शी जिनपिंग के एक सबसे कद्दावर मंत्री का भ्रष्टाचार में लिप्त होना है। रिपोर्ट के मुताबकि चीन के रक्षा मंत्री डोंग जुंग के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में जांच शुरू हो गई है। दरअसल, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी में शीर्ष पदों पर बैठे लोग भ्रष्टाचार में लिप्त बताए जाते हैं। जिनपिंग ने इसकी जांच शुरू करवाई है। इसी जांच के दायरे में डोंग जुंग भी आ गए हैं।
डोंग जुंग तीसरे चीनी रक्षा मंत्री हैं जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच शुरू की गई है। इस बारे में फाइनेंशियल टाइम्स ने रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से यह बात कही है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद समाचार एजेंसी रायटर ने भी इसकी रिपोर्ट की और उसने चीन के विदेश और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से इस बारे में सवाल किया लेकिन, उसे कोई जवाब नहीं मिला। चीन की सेना गंभीर भ्रष्टाचार में लिप्त है। ऐसे में शी जिनपिंग इसके खिलाफ मुहिम चला रहे हैं। बीते साल से जारी इस अभियान के तहत पीएलए के नौ जनरलों और रक्षा मंत्रालय के कई अधिकारियों को पद से हटाया जा चुका है। डोंग रक्षा मंत्री बनने से पहले चीन की नौसेना के प्रमुख रह चुके हैं। उन्हें दिसंबर 2023 में रक्षा मंत्री बनाया गया था। उनसे पहले केवल सात माह तक रक्षा मंत्री रहे ली शांगफू को पद से हटा दिया गया था। बीते सप्ताह डांग को अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात करनी थी लेकिन, उन्होंने यह मीटिंग टाल दी। उन्होंने कहा कि ताइवान को लेकर अमेरिकी कार्रवाई के विरोध में उन्होंने यह मीटिंग रद्द कर दी। बतौर रक्षा मंत्री डांग की जिम्मेदारी विभिन्न देशों के साथ चीन की सैन्य कूटनीति मजबूत करना है। हालांकि रक्षा मंत्री होने के बावजूद वह चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमिशन (सीएमसी) के सदस्य नहीं है। सीएमसी में छह सदस्य होते हैं। यह चीन की शीर्ष सैन्य बॉडी है। इसके अध्यक्ष राष्ट्रपति शी जिनपिंग हैं।

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