हेमंत सोरेन ने बचाई इंडिया की लाज

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में विपक्षी दलों के गठबंधन इण्डिया का फालूदा निकल गया। महाराष्ट्र में चुनाव के समय सीटों के बंटवारे को लेकर ही महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के तीनों घटक झगड़ रहे थे। इंडिया के सहयोगी सपा ने भी महाराष्ट्र में प्रत्याशी घोषित कर दिए थे। इतना ही नहीं मतदान के दौरान ही कांग्रेस और शिवसेना में मुख्यमंत्री पद को लेकर बयानबाजी होने लगी थी। वहां की जनता ने एमवीए को सबक सिखा दिया। इसके विपरीत झारखंड में हेमंत सोरेन ने दिल्ली में डेरा डाल कर सहमति बनाई। लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद को भी संतुष्ट कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि यहां इंडिया गठबंधन ने भाजपा और उसके गठबंधन को धूल चटा दी। अब 28 नवंबर को चौथी बार झारखंड के मुख्यमंत्री की कमान संभाल रहे हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर लिखा, आदरणीय बाबा दिशोम गुरुजी और मां का संघर्ष एवं आशीर्वाद हमारी ताकत है। अब और मजबूती के साथ झारखण्ड के हक-अधिकार के लिए काम होगा। बीर पुरखों के सपनों और राज्यवासियों के आशाओं आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अब तक सरकार पूरी संवेदनशीलता और नई ऊर्जा के साथ काम करेगी। जय झारखण्ड! जय जय झारखण्ड!
हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वाम दलों (सीपीआई -एमएल) के साथ इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ते हुए बड़ी जीत दर्ज की। इस चुनाव में आदिवासी अस्मिता, स्थानीय मुद्दे, और हेमंत सोरेन के व्यक्तिगत नेतृत्व ने गठबंधन की सफलता में अहम भूमिका निभाई। रांची जिले में इंडिया गठबंधन ने बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हुए 7 में से 5 सीटें जीती हैं। भाजपा को केवल 2 सीटों से संतोष करना पड़ा। रांची सीट पर भाजपा के चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह जीते, जबकि खिजरी और कांके सीट कांग्रेस के खाते में गईं। तमाड़ और सिल्ली सीटों पर झामुमो ने जीत हासिल की। ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल कांग्रेस और झामुमो ने मिलकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी। रांची सीट पर भाजपा के चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह ने जीत हासिल कर पार्टी का खाता खोला। कांके विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने 39 साल बाद जीत हासिल की है। कांग्रेस के सुरेश कुमार बैठा ने 968 वोटों से जीत हासिल की। 1980 और 1985 में कांग्रेस ने यहां जीत हासिल की थी। उसके बाद 1990 से भाजपा लगातार जीत रही थी।
झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन पर पार्टी के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने बयान दिया है। मीर ने कहा कि कांग्रेस को लेकर अफवाह फैलाने वालों को जनता ने जवाब दे दिया है। कांग्रेस को मिले जनादेश को उन्होंने सम्मानजनक बताया है, हालांकि उन्होंने माना कि पार्टी को इससे अधिक सीटें मिलने की उम्मीद थी। गुलाम अहमद मीर ने कहा कि कांग्रेस को मिली सीटें कम नहीं हैं क्योंकि भाजपा सिर्फ कांग्रेस से ही लड़ रही थी। उन्होंने कहा कि कई और दल भी थे जो कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे। सरकार बनाने को लेकर मीर ने कहा था कि गठबंधन के विधायकों की बैठक होगी, जिसके बाद ही आगे की रणनीति तय होगी। इंडिया गठबंधन की बैठक रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की आवास पर हुई। बैठक में गठबंधन में शामिल सभी दलों के नवनिर्वाचित विधायक शामिल हुए। हेमंत सोरेन को ही नेता चुना गया। सहयोगियों के साथ हेमंत सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात की। इस्तीफा देने के बाद हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। झारखंड चुनाव में गठबंधन को 56 सीटों पर जीत मिली है। राज्यपाल ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। इस प्रकार 28 नवंबर को राज्य के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने चौथी बार शपथ ली है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली जेएमएम ने 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में 56 सीटों पर बहुमत दर्ज करने के साथ इंडिया ब्लॉक को जीत दिलाई है। इस बार के झारखंड चुनाव में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में ‘इंडिया’ गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया है। इंडिया गठबंधन के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने सबसे ज्यादा 34 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं एनडीए को 24 सीटों पर ही विजय मिली है।
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में इंडिया गठबंधन के लिए राजद के चार प्रत्याशियों ने भी जीत दर्ज की है। राजद ने राज्य की चार विधानसभा सीटों देवघर, गोड्डा, विश्रामपुर और हुसैनाबाद में जीत दर्ज की है। देवघर में राजद के सुरेश पासवान ने 39721 वोट से जीत दर्ज की है। जबकि गोड्डा से राजद नेता संजय प्रसाद यादव ने 21471 वोट से जीत हासिल की। वहीं विश्रामपुर में राजद उम्मीदवार नरेश प्रसाद सिंह 14587 वोट के मार्जिन से विजय हासिल की। बात करें हुसैनाबाद सीट की तो यहां राजद प्रत्याशी संजय कुमार सिंह यादव ने 34 हजार से ज्यादा वोट से जीत दर्ज की है। झारखंड चुनाव में इंडिया गठबंधन की जेएमएम का वोट शेयर 23.43 फीसदी रहा, कांग्रेस का 15.57 फीसदी, आरजेडी का 3.44 फीसदी और भाकपा (माले) का 1.89 फीसदी। वहीं अकेले भाजपा का सीट शेयर 33.17 फीसदी रहा है।
शपथ लेने से पहले हेमंत सोरेन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, जोहार साथियों, आज का दिन ऐतिहासिक होगा- एक ऐसा दिन जो हमारे सामूहिक संघर्ष, प्रेम-भाईचारे की भावना और न्याय के प्रति हम झारखंडियों के प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा। उन्होंने आगे लिखा, झारखंड की महान धरा ने हमेशा से विरोध और संघर्ष को जन्म दिया है और झामुमो – भगवान बिरसा, भगवान सिदो-कान्हू, अमर शहीद तेलंगा खड़िया, फूलो- झानो, पोटो हो, शेख भिखारी समेत अनगिनत वीरों के संघर्षों से भरी उसी विरासत को समेटे हर दिन आगे बढ़ रहा है। आज का यह दिन राजनीतिक जीत के बारे में नहीं है, आज का यह दिन हमारी सामाजिक न्याय के प्रति संघर्ष, सामाजिक एकता को प्रखर करने की हर रोज लड़ी जानी वाली लड़ाई को दोहराने का दिन है। आज का यह दिन यह भी बताता है कि लोकतंत्र पर बढ़ते दबाव के बीच झारखंड की महान जनता एक साथ खड़ी है। आज हर गांव, हर शहर में एक आवाज गूंज रहा है- अधिकार, समानता, एकता मतलब झारखंडियत की आवाज।
हेमंत सोरेन ने आगे लिखा, इसमें कोई संदेह न रखें- हमारी एकता ही हमारा सबसे बड़ा हथियार है। हमें न विभाजित किया जा सकता है, न ही शांत किया जा सकता है। जब जब वे हमें पीछे धकेलते हैं, हम आगे बढ़ते हैं। जब जब वे हमें शांत करना चाहते हैं, हमारी हूल, उलगुलान, क्रांति की आवाज और प्रखर होती जाती है क्यूंकि हम झारखंडी हैं, और झारखंडी झुकते नहीं है।आज जब सामाजिक संरचना में गहरी दरारें पैदा हो रही हैं, तब हमें अपने पूर्वजों की उस एकता और हर झारखंडी को साथ ले कर चलने के संकल्प को पुनः दोहराना होगा। अपने अबुआ सरकार के लिए हर एक झारखंडी को बधाई। हमारी लड़ाई अटल है, अविराम है। संघर्ष जारी है और आखिरी साँस तक रहेगा।
शपथ ग्रहण समारोह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे,पार्टी नेता राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उनके मेघालय समकक्ष कॉनराड संगमा, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मौजूद थे। (हिफी)