एमपी सिविल सेवा में महिलाओं को वरीयता

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)भारतीय संस्कृति में महिलाओं को विशेष सम्मान देने की परम्परा रही है। इसीलिए कहा गया है कि जहां नारियों की पूजा होती है, वहां देवता विचरण करते हैं। आज इसी क्रम मंे महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने अपनी कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिये। इनमंे उल्लेखनीय निर्णय यह है कि अब राज्य की सिविल सेवा में महिलाओं को 35 फीसद आरक्षण दिया जाएगा। अब तक उन्हें सिविल सेवा में 33 फीसद आरक्षण मिल रहा था। इसका मतलब है कि मध्य प्रदेश की सरकार चाहती है कि महिलाएं उच्च स्तर की सेवाओं मंे बढ़ चढ़कर प्रतिभागी बनें। राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाडली बहना योजना चलाकर युवतियों और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया था। यह योजना इतनी लोकप्रिय हुई थी कि शिवराज सिंह चौहान को राज्य की जनता मामा जी कहने लगी थी। दूसरे राज्यों ने भी इस योजना को अलग-अलग नाम से लागू किया था। मोहन यादव सरकार ने कैबिनेट बैठक में किसानों और युवाओं के हित में भी कई महत्वपूर्ण फैसले किये हैं। गत 5 नवम्बर की कैबिनेट बैठक में किसानों को उर्वरक समय से उपलब्ध हों, इसके लिए ये फैसला लिया है कि 254 नये नकद उर्वरक विक्रय केन्द्र खोले जाएंगे। रबी की बुवाई का यह मौसम है और किसानों को आसानी से खाद नहीं मिल पाती। उर्वरक के लिए किसानों को लाइन लगानी पड़ती है। नये उर्वरक विक्रय केन्द्र खुलने से राहत मिलेगी। इससे पूर्व 22 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक में कहा गया था कि इसी साल दिसम्बर तक एक लाख लोगों को रोजगार दिया जाएगा।
अब मध्य प्रदेश के लोग 50 साल तक सरकारी मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकेंगे। दूसरी ओर, अब प्रदेश की महिलाओं को एमपी सिविल सेवा में 33 की जगह 35 फीसदी आरक्षण मिलेगा। प्रदेश सरकार ने 5 नवंबर को कैबिनेट की बैठक में अहम फैसले लिये। उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बताया कि कैबिनेट ने 254 नए नबद उर्वरक विक्रय केंद्रों को स्वीकृति दी है। इससे किसानों को परेशानियों से निजात मिलेगी। उन्हें लंबी लाइनों से राहत मिलेगी। सारणी में 830 मेगावाट की इकाइयों को डीकमीशन किया जाएगा। सरकार 660 मेगावाट का पॉवर प्लांट भी लगाएगी। उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बताया कि सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती सीमा 50 वर्ष करने का फैसला लिया है। एमपी पैरामेडिकल काउंसिल के नियम जारी रहेंगे। एमपी सिविल सेवा में अब महिलाओं को 33 की जगह 35 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई है। शुक्ल ने कहा कि रीवा सम्मिट सफल रही। इसमें 31 हजार करोड़ के प्रस्ताव मिले। इससे 28 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा सीएम मोहन यादव ने कई विभागों से भर्ती प्रक्रिया की जानकारी भी मांगी है। 7 दिसम्बर को नर्मदापुरम में रीजनल इनवेस्टर समिट होगी।
गौरतलब है कि सरकार की पिछली कैबिनेट बैठक 22 अक्टूबर को हुई थी। बैठक में स्कीम फॉर पॉक्सो एक्ट के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया था। इस मामले की पीड़िता के लिए हर जिले में 10 लाख रुपये का फंड तैयार किया जाएगा। इसके अलावा सरकार ने कहा था कि दिसंबर तक एक लाख लोगों को रोजगार देंगे।
साल 2023 में मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लाडली बहन योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत महिलाओं के खाते में हर महीने हजार रुपये भेजे जाते थे। अब इस योजना में लाभ की राशि बढ़ाकर 1250 रुपये कर दी गई है। योजना की अब तक 16 किस्तें भेजी जा चुकी हैं। केंद्र सरकार अपने नागरिकों की अलग-अलग आवश्यकताओं के लिए अनेक योजनाएं लागू करती है। कई राज्य सरकारें भी इसी तरह की कुछ पहल करती रहती हैं। मध्य प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना शुरू की थी। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के
माध्यम से सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की जाती है ताकि बिचौलियों के न रहने से महिलाओं को इस सहायता राशि का पूरा लाभ मिल सके। हाल ही में 5 जुलाई को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस योजना की 14वीं किस्त जारी की है। साथ ही इस बात का ऐलान किया कि अब से हर महीने यह राशि महीने की 5 तारीख को जारी की जाएगी। पहले यह राशि महीने की 10 तारीख को जारी की जाती थी। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को नियमित रूप से वित्तीय सहायता प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है। लाडली बहना योजना खास तौर पर महिलाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाई गई है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें लगातार वित्तीय सहायता मिलती रहे। आंकड़ों के मुताबिक लाडली बहना योजना से करीब 4 लाख 77 हजार महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं।
एमपी में खाद की किल्लत को देखते हुए नकद उर्वरक केंद्र में बढ़ोत्तरी की गयी। अब किसानों को आसानी से खाद मिल सकेगी। 254 उर्वरक खाद केंद्र खोले जाएंगे।
मध्यप्रदेश में खाद की किल्लत बनी हुई है। घंटों कतार में लगने के बाद भी किसानों को पर्याप्त खाद नहीं मिल रही है। मजबूरी में किसानों को सडक पर आक्रोश जताना पड़ रहा है। रात-दिन किसानों को खाद के लिए कतार में लगना पड़ रहा है। भोपाल के नजदीकी जिले सीहोर में जहां किसान लाइन में खड़े हो रहे हैं तो वहीं उनकी जमीन के कागजात भी कतार में लगे नजर आ रहे हैं। सीहोर जिला मुख्यालय स्थित कृषि उपज मंडी में स्थित सोसायटी में जहां एक तरफ किसान खाद की कतार में दिखे तो वहीं किसानों ने बही, आधार कार्ड की फोटोकापी को कतारबद्ध करके रखा था। यह कागज हवा में उड़ न जाए इसके लिए किसानों ने इस पर पत्थर रखा हुआ था। किसानों का दर्द है कि सुबह से खाद के लिए यहां पहुंच गए थे, कतार में लगे हैं, लेकिन अब तक खाद नहीं मिल सकी है। अब नये विक्रय केन्द्र खुलने से किसानों का संकट दूर होगा। इधर, खाद संकट पर विपक्ष लगातार हमलावर है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने खाद संकट को लेकर केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को जिम्मेदार ठहराया है। (हिफी)