लेखक की कलम

योगी ने दी यूपी को नयी उड़ान

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
योगी आदित्यनाथ ने 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद को संभाला था। उसी समय से उनकी सरकार कुछ ऐसा करती रही है जिससे देश भर में उसकी चर्चा हुई। बात चाहे अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की हो अथवा विकास परियोजनाओं की, योगी सरकार ने रिकार्ड बनाने का प्रयास किया है। इसी क्रम में इंटर नेशनल जेवर एयरपोर्ट को लिया जा सकता है। यह एयरपोर्ट भारत ही नहीं एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है। उत्तर प्रदेश के जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गत 9 दिसंबर सन 2024 को पहली बार फ्लाइट की लैंडिंग हुई। जेवर एयरपोर्ट पर फ्लाइट का लैंड होना उन लोगों के लिए खुशखबरी है, जिन्हें हवाई यात्रा करने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट जाना पड़ता था। अब योगी आदित्यनाथ की सरकार ने यूपी के जेवर एयरपोर्ट पर वही सुविधा प्रदान कर दी है। दूसरे शब्दों में कहें तो योगी ने यूपी को नयी उड़ान दी है। यही सब कारण हैं कि प्रदेश की जनता ने योगी आदित्यनाथ की लगातार दूसरी बार सरकार बनवाने और मुख्यमंत्री बनने का अवसर दिया है। उत्तर प्रदेश में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हर भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला है। अब से कुछ ही महीनों में नोएडा और आसपास के लोगों को हवाई सफर करने के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। जेवर एयरपोर्ट से ही लोग देश और विदेश की यात्रा कर सकेंगे। एयरपोर्ट पर सुरक्षा से जुड़े सभी ट्रायल पूरे हो चुके हैं। पहली लैंडिंग के साथ जेवर एयरपोर्ट कॉमर्शियल सेवाओं के लिए तैयार हो गया है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानि डीजीसीए ने सभी सुरक्षा जांच के बाद नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहली सफल लॉन्चिंग करवाई है।
9 दिसंबर का सबेरा नोएडा के लिए कुछ नया ही था। उस दिन सूरज एक नया संदेश लेकर निकला था। जेवर एयरपोर्ट पर पहला विमान लैंडिंग करने वाला था। एयरपोर्ट आधिकारियों और कर्मचारियों की भी बड़ी परीक्षा होने वाली थी। विमान दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद 10 मिनट में जेवर एयरपोर्ट पहुंचा। जेवर एयरपोर्ट पर लैंडिंग से पहले इंडिगो के विमान ने आसमान में ही 1.5 से 2 घंटे तक चक्कर लगाया। जेवर एयरपोर्ट पर लैंडिंग से पहले विमान के पायलट और एटीसी के बीच बारीकी से ध्यान रखा गया। सभी तरह की सुरक्षा जांच के बाद हरी झंडी मिलने पर विमान ने रनवे पर लैंड किया। विमान लैंडिंग का ट्रायल सफल हो चुका है। ऐसे में अब पूरी संभावना है कि अप्रैल से जेवर एयरपोर्ट को कॉमर्शियल उड़ानों के लिए खोल दिया जाएगा।
निश्चित रूप से 90 मिनट का समय बहुत महत्वपूर्ण था। उस समय तक विमान नोएडा एयरपोर्ट के पास हवा में उड़ता रहा। जेवर एयरपोर्ट पर इंडिगों विमान की पहली सफल लैंडिंग रनवे पर होते ही विमान को वॉटर कैनन से सलामी दी गयी। बताया गया कि 6 फरवरी के बाद फ्लाइट्स के लिए बुकिंग शुरू हो जाएगी। लैंडिंग के वक्त विमान में पैसेंजर्स मौजूद नहीं थे। ध्यान देने की बात है कि दुनिया के सबसे मॉर्डन एयरपोर्ट्स में से एक जेवर एयरपोर्ट है। नोएडा एयरपोर्ट को पूरी तरह डिजिटल एयरपोर्ट बनाने का काम किया जा रहा है। इसमें इनडोर नेविगेशन, पैसेंजर फ्लोर मैनेजमेंट, स्मार्टफोन से चेक इन, बैगेज ड्रॉप और सभी चेकप्वाइंट पर डिजिटल प्रोसेसिंग जैसे टेक्नोलॉजीज यूज की गई है। इस एयरपोर्ट के शुरू होने के बाद उत्तर प्रदेश देश का पहला 5 अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट्स वाला राज्य बन जाएगा। इससे यात्रियों को तो फायदा होगा ही, साथ ही उत्तर प्रदेश के वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के लक्ष्य को भी बल मिलेगा।
जेवर एयरपोर्ट के रनवे को काफी खास तरह से बनाया गया है। इसे स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख एयरपोर्ट अथॉरिटी के सहयोग से बनाया गया है। जेवर एयरपोर्ट का रनवे करीब 3.9 किलोमीटर लंबा है। इसे 10 से 28 तक की संख्या दी गई है। एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्घ्टोफ स्घ्नेलमैन ने पहले ही कहा था कि अगर आज का ट्रायल सफल रहता है तो फिर किसी और वैलिडेशन की जरूरत नहीं होगी। लैंडिंग सफल रहती इसलिए अब कमर्शियल उड़ान शुरू हो जाएंगी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अनुसार एयरपोर्ट का पहला फेज 1,334 हेक्टेयर में 12 मिलियन कैपेसिटी के साथ शुरू होगा। पूरी तरह तैयार होने के बाद देश में क्षेत्रफल के लिहाज से यह सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। इसके टर्मिनल, एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम) और हवाई पट्टी का काम लगभग पूरा हो चुका है। एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक अप्रैल 2025 के अंत तक इस पर कमर्शियल फ्लाइट का संचालन शुरू हो जाएगा।
जेवर एयरपोर्ट के शुरू होने के बाद नोएडा और उसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग को फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्ली नहीं आना होगा।यहां के लोग आसानी से देश और विदेश के लिए जेवर एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़ सकेंगे।नोएडा, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासी एयरपोर्ट तक आसानी से जा सकें। प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाली 130 मीटर सड़क का चौड़ीकरण करा रहा है.ऐसे में लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत मिल जाएगी और आसानी से एयरपोर्ट तक पहुंच सकेंगे। जेवर हवाई अड्डा से प्रदेश में शहरीकरण को बढ़ावा मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी और मेट्रो लाइन विस्तार जैसी सरकारी पहलों ने एक टाउनशिप के रूप में जेवर के विकास को और गति प्रदान की है। इन पहलों ने पिछले 5 वर्षों में भूमि की कीमत में वृद्धि की है, जो 5,000 रुपये से बढ़कर 7,000 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई है। जमीन के दाम बढ़ने से जेवर के आसपास रहने वाले लोगों को चांदी हो गई है। इसके अलावा योगी सरकार ‘यूपी एग्रीज परियोजना’ के तहत जेवर एयरपोर्ट के पास एक्सपोर्ट हब की स्थापना करने जा रही है। यानी हर तरफ से जेवर का विकास हो रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से फिल्म सिटी तक लाइट ट्रांजिट रेल (एलआरटी) के संचालन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। यानी लोगों को अच्छी कनेक्टिविटी भी मिल जाएगी। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पूरी तरह से डिजिटल एयरपोर्ट होगा। इसमें इनडोर नेविगेशन, पैसेंजर फ्लोर मैनेजमेंट, स्मार्टफोन द्वारा चेक इन, बैगेज ड्रॉप और सभी चेकप्वाइंट पर डिजिटल प्रोसेसिंग जैसे टेक्नोलॉजीज का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर और उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर पर ले जाने के लक्ष्य को पूरा करने में जेवर एयरपोर्ट काफी सहायक होगा।
एयरपोर्ट का शिलान्यास 3 साल पहले 25 नवम्बर 2021 को किया गया था और इसे रिकॉर्ड समय में बनाने का लक्ष्य रखा गया था। नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का उत्तर प्रदेश सरकार से 40 साल के लिए कॉन्सेशन करार हुआ है, जो 1 अक्टूबर 2021 से शुरू हो चुका है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर भारतीय संस्कृति से जुड़ी कला को दर्शाने का भी भरपूर प्रयास किया जा रहा है जिससे अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को भारत को जानने और समझने की रुचि बढ़े। (हिफी)

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