डिम्पल यादव का कांग्रेस को इशारा

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
अडाणी समूह से जुड़े मामले पर कांग्रेस द्वारा लगातार जोर दिए जाने के बीच उसकी सहयोगी समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव ने 11 दिसंबर को कहा कि उनका दल न तो जॉर्ज सोरोस के मुद्दे के साथ है और न अडाणी के मुद्दे के साथ है। उनका बयान उस वक्त आया है जब कांग्रेस और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के कई घटक दल अदाणी मामले को लेकर संसद परिसर में रोजाना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सपा और तृणमूल कांग्रेस ने इन प्रदर्शनों से दूरी बना रखी है। इसी के चलते भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया है कि विपक्षी गठबंधन बिखर रहा है, हालांकि सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि गठबंधन एकजुट है। दरअसल समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा सियासी धमाका किया है। इसके चलते भी सपा को रणनीति बदलनी पड़ रही है। अल्पसंख्यक मुसलमानों का वोटबैंक भले ही बिखर गया है लेकिन सपा इसको अपना ही समझती है। यही कारण रहा कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के विधायक ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के समर्थन में विज्ञापन छपवाया तो सपा ने महाविकास अघाड़ी से नाता तोड़ने में देर नहीं लगाई। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की स्थिति अन्य राज्यों से अलग है। मध्य प्रदेश और हरियाणा में कांग्रेस ने सपा को एक भी सीट नहीं दी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी गठबंधन को लेकर तनाव रहा। इसके बावजूद सपा को वहां 2 विधायक मिले हैं। यूपी विधानसभा उपचुनाव में भी सपा और कांग्रेस के बीच खटास रही। सपा को 9 में सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिलीं।
अब आजम खान ने भी एक मुद्दा उठाया है। वह इन दिनों सीतापुर जेल में बंद हैं। जेल से ही आजम खान का सियासी संदेश बाहर आया है। खास बात यह है कि आजम खान का यह संदेश समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष अजय सागर की ओर से आधिकारिक लेटर पर सामने आया है, लेकिन इसके सुर ऐसे हैं, जो खुद सपा चीफ अखिलेश यादव को असहज कर सकते हैं। आजम खान के जेल से भेजे गए संदेश में लिखा गया है कि, समाजवादी पार्टी रामपुर में हुए जुल्म और बर्बादी का मुद्दा संसद में उतनी ही मजबूती से उठाए जितना संभल का क्योंकि रामपुर के सफल तजुर्बे के बाद ही संभल पर आक्रमण हुआ है। आजम खान कहते हैं, रामपुर की बर्बादी पर इंडिया गठबंधन खामोश तमाशाई बना रहा और मुस्लिम लीडरशिप को मिटाने पर काम करता रहा। इंडिया ब्लॉक को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी अन्यथा मुसलमानों को हालात और भविष्य पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
ध्यान रहे कि संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद अखिलेश यादव और सपा ने इस मुद्दे को मजबूती से संसद में उठाया है। कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन, वायनाड से सांसद प्रियंका
गांधी ने भी संभल जाने की कोशिश की लेकिन प्रशासन ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। विपक्ष संभल के मुद्दे पर योगी सरकार पर मुस्लिमों को निशाना बनाने का आरोप लगा रहा है, तभी आजम खान का यह सियासी संदेश बाहर आ गया है। यूपी में सपा और कांग्रेस, दोनों ही इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं। ऐसे में अगर आजम खान यह कह रहे हैं कि इंडिया गठबंधन मुस्लिमों की बर्बादी का तमाशबीन है, तो निश्चित तौर पर इसे अखिलेश और कांग्रेस पर एक सियासी वार भी समझा जा सकता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि इंडिया गठबंधन या अखिलेश यादव की तरफ से आजम खान के इस सियासी संदेश पर कैसी प्रतिक्रिया सामने आती है।
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी और मैनपुरी से लोकसभा सदस्य डिंपल ने कहा कि संसद की कार्यवाही चलनी चाहिए और इसके लिए सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों को प्रयास करना चाहिए। उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, न हम सोरोस के मुद्दे के साथ हैं, न ही अडाणी जी के मुद्दे के साथ हैं। सदन को चलना चाहिए…हम चाहते हैं कि सदन चले।
संसद के शीतकालीन सत्र में अडाणी के मुद्दे को लेकर हो रहे हंगामे के बीच समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव का जब बयान सामने आया तब कांग्रेस पार्टी को तगड़ा झटका लग सकता है जो लगातार इस मुद्दे को लेकर संसद में हंगामा कर रही है और इस पर चर्चा की मांग कर रही है। डिम्पल ने कहा आज सदन चल रहा था..और हमें उम्मीद है कि आगे भी सदन चलता रहे। हमारा मानना है कि सदन चलना चाहिए। हमें उम्मीद है कि दोनों पक्षों के लोग सदन के कामकाज के प्रति समर्पण दिखाएंगे। समाजवादी पार्टी चाहती है कि सदन चले। डिंपल यादव ने इस दौरान साफ कर दिया कि समाजवादी पार्टी संविधान को लेकर सदन में होने वाली चर्चा में भी हिस्सा लेगी। दरअसल सपा ने सदन में अडाणी के मुद्दे से दूरी बनाई हुई है। सपा उद्योगपतियों को इस तरह निशाने पर लेने से सहमत नही हैं।
इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस पार्टी लगातार अडाणी के मुद्दे पर सदन में चर्चां की माँग कर रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ सत्ता पक्ष की ओर से सोरोस के मुद्दे को लेकर कांग्रेस को घेरने की कोशिश की जा रही है लेकिन इस मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ नहीं दिख रही है। सपा लगातार अडाणी के मुद्दे से दूरी बनाते हुए दिख रही है।यहीं नहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस के आक्रामक रुख से सपा सहमत नहीं है। इंडिया गठबंधन में इन दिनों नेतृत्व को लेकर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन की जिम्मेदारी संभालने की बात कही जिस पर कई सहयोगियों ने सहमति जताई है। समाजवादी पार्टी ने तो ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन की कमान सौंपे जाने का खुलकर समर्थन किया है तो वहीं आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव भी इस बात से सहमत दिखाई दिए और कांग्रेस से इस पर विचार करने को कहा है। कांग्रेस दोनों तरफ से घिरी हुई है ।
भाजपा पिछले कुछ दिन से संसद में और संसद के बाहर कांग्रेस और उसके नेताओं पर अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस से घनिष्ठ संबंध होने तथा देश की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगा रही है तब इंडिया गठबंधन के साथी कांग्रेस के नेतृत्व को स्वीकार नहीं कर रहे।वर्ष 2017 के यूपी विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन करके चुनाव लड़ने वाली समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को अन्य राज्यों में एक दूसरे का साथ पसंद नहीं आ रहा है।
पहले मध्य प्रदेश और फिर हरियाणा में कांग्रेस ने सपा को एक भी सीट नहीं देकर यह संदेश दे दिया है कि गठबंधन केवल उत्तर प्रदेश तक ही रहेगा। दूसरे प्रदेशों में सपा का प्रभाव न होने के कारण कांग्रेस उसे गठबंधन से दूर रख रही है। सपा को यह बात भी अखर रही थी। अब मौका देख कर डिम्पल यादव ने कांग्रेस को इशारों में अपनी पार्टी का इरादा बता दिया है। (हिफी)