लेखक की कलम

निकाय चुनाव में भी सफल रहे बिष्णु देव

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
छत्तीसगढ़ के सभी 10 नगर निगमों में बिष्णु देव साय के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी बीजेपी ने कब्जा जमा लिया है। निकाय चुनाव में विजय के समाचार मिलते ही रायपुर के भाजपा कार्यालय में जश्न का माहौल दिखाई दिया। भाजपा ने 15 साल बाद रायपुर नगर निगम के महापौर पद पर कब्जा जमाया है। यहां भाजपा प्रत्याशी मीनल चौबे ने जीत हासिल की। बालोद जिले की दो नगर पालिका और छह नगर पंचायतों पर भाजपा का कमल खिला। जगदलपुर में महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी संजय पांडे ने जीत हासिल की है। बीजेपी प्रत्याशी मीनल चौबे की बड़ी जीत पर विधायक राजेश मूणत ने कहा कि जनता ने एक बार फिर भाजपा पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा त्रिस्तरीय निकाय में भी ट्रिपल इंजन की सरकार छत्तीसगढ़ में बनने जा रही है। भाजपा और मोदी सरकार की योजनाएं लोगों तक पहुंची हैं। रायपुर और अन्य नगर निगमों का अब तेजी से विकास होगा। भाजपा सरकार के कार्यों से जो जन विश्वास बढ़ा, वह जनादेश में बदलता दिख रहा है। इन चुनावों में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) ने भी खाता खोलने में सफलता पायी है। आप ने बिलासपुर की बदरी नगर पालिका में पहली बार खाता खोला है। यहां अध्यक्ष पद पर आप उम्मीदवार नीलम विजय वर्मा ने पार्टी का परचम लहराया है। भाजपा शासित छत्तीसगढ़ में यह आप की बड़ी जीत है। बोदरी नगर पालिका के तीन वार्डों में आप के पार्षद भी जीते हैं। कुसमी में एक सीट पर आप का पार्षद बना है। बोदरी छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष धर्मराज कौशिक का क्षेत्र है। आप प्रत्याशी नीलम विजय वर्मा को 290 वोट से जीत मिली है। इस प्रकार केजरीवाल को दिल्ली विधान सभा चुनाव में मिली पराजय की पीड़ा से कुछ राहत भी मिली होगी। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी हरियाणा, यूपी और दिल्ली विधानसभा चुनाव में घोर निराशा का सामना कर रही थी। छत्तीसगढ़ में नगर पालिका की एक सीट बसपा के भी खाते में जा चुकी थी। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक निकाय चुनाव के सभी नतीजे घोषित नहीं हो पाये थे लेकिन हर जीत की संभावना लगभग स्पष्ट हो चुकी थी। भाजपा की निकाय चुनाव में जीत की कहानी नक्सलियों के सफाए से भी लिखी गयी है। नक्सलवादियों ने जनता विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में दहशत पैदा कर रखी थी।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी शिकस्त देने के बाद बीजेपी ने नगर निकाय चुनावों में भी उसका सूपड़ा साफ कर दिया है। बीजेपी ने यहां मेयर के सभी 10 पदों पर जीत हासिल कर ली है। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि सत्ताधारी दल बीजेपी ने सभी 10 नगर निगमों में महापौर पद और 35 नगर पालिका परिषदों और 81 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है।
निकाय चुनाव में बीजेपी की निर्णायक बढ़त पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने पोस्ट में लिखा था प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा ऐतिहासिक जीत की ओर अग्रसर है । इस अभूतपूर्व जनादेश के लिए प्रदेश के मतदाताओं का आभार। भाजपा के कार्यकर्ताओं ने जिस तरह डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाया, जिस तरह संगठन ने कुशल रणनीति के तहत इस चुनाव में भी भागीदारी की। यह निर्णायक बढ़त उसी का परिणाम है।
रायगढ़ से बीजेपी के जीववर्धन चौहान ने जानकी काटजू को हराया। राजनांदगांव से बीजेपी के मधुसूदन यादव ने अपनी जीत दर्ज की तो वहीं जगदलपुर में बीजेपी के संजय पांडेय ने मलकील सिंह गेंदू को हराया है। इसी तरह अंबिकापुर में बीजेपी की मंजूषा भगत ने कांग्रेस के डॉ. अजय तिर्की को हरा दिया। रायपुर के पूर्व मेयर एजाज ढेबर भी चुनाव हार गए हैं। बीजेपी के अमर गिदवानी ने उन्हें 1529 वोटों से हराया। मनेंद्रगढ़ के झगराखांड नगर पंचायत में मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की बहू अध्यक्ष का चुनाव हार गई हैं। कांग्रेस की रीमा यादव ने बीजेपी की चंपा जायसवाल को 44 वोट से हराया। इधर, बालोद नगर पालिका में बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की है और 10 साल तक पालिका में काबिज कांग्रेस का किला बीजेपी ने ढहा दिया है। यहां 3374 वोटों से भाजपा अध्यक्ष प्रत्याशी प्रतिभा चौधरी ने जीत हासिल की है तो वहीं रायपुर से भी बीजेपी प्रत्याशी आगे चल रही थीं। रायपुर में बीजेपी 48 वार्डों में आगे थीं, तो वहीं कांग्रेस 11 वार्डों में लीड कर रही थी। जिलों में 32 पार्षद निर्विरोध निर्वाचित हो चुके थे। रायपुर, बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़ के कुछ मतदान केंद्रों से विवाद की स्थिति बन गई थी। पुलिस मौके पर पहुंची और समझा कर मामला शांत कराया गया था।
राजधानी रायपुर में 13 फरवरी को हुई वोटिंग के दौरान महिलाओं में भी जमकर उत्साह दिखा था। पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी सुबह से मतदान केंद्रों में पहुंचीं और शहर में महिला महापौर को चुनने के लिए वोट किया। रायपुर नगर निगम में हुए मतदान में जहां पुरुष का मतदान प्रतिशत 49.79 रहा, वहीं महिलाओं का मतदान प्रतिशत भी 49.4 रहा।
रायपुर नगर निगम की सरकार में महिलाओं की भूमिका मुख्य रहने वाली थी क्योंकि इस बार कुल 70 वार्डों से 34 वार्ड में महिला वोटरों की संख्या भी अधिक थी। वहीं, एक वार्ड में महिला और पुरुष वोटर बराबर थे। इस बार जहां शहर को महिला महापौर मिलने जा रही है, वहीं चुनावी जंग में भी महिलाओं की भूमिका मुख्य रही है। राज्य में 70 में 23 वार्ड महिला आरक्षित हैं, जिसमें भी 11 वार्डों में महिलाओं की संख्या ज्यादा है। ऐसे में महिला प्रत्याशियों को अवसर भी मिला है। कुल वोटरों की बात करें तो महिला और पुरुष के बीच सिर्फ 2006 का अंतर है। कुल 70 वार्डों की बात करें तो कुल 10 लाख 36 हजार 110 मतदाता हैं, जिसमें 49.58 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया है। रायपुर में सबसे ज्यादा 16 महापौर प्रत्याशी थे, राजनांदगांव और कोरबा में 11-11 मेयर प्रत्याशी थे तो वहीं दुर्ग नगर निगम में सिर्फ 2 प्रत्याशी मैदान में जूझ रहे थे , यहां सिर्फ कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशी ही चुनाव लड़ रहे थे। इसके अलावा पार्षद प्रत्याशियों की बात करें तो रायपुर के 70 वार्डों में 306 पार्षद प्रत्याशी मैदान में थे, कोरबा से 281, बिलासपुर से 230 और दुर्ग से 228 प्रत्याशी मैदान में थे।
निकाय चुनाव नतीजों पर नक्सलवादियों पर कसे गये शिकंजे ने भी प्रभाव डाला है। बीजापुर में ही 1 फरवरी, 2025 को गंगालूर इलाके में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें 8 नक्सली मारे गए थे। पिछले महीने 20-21 जनवरी को छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर गरियाबंद जिले के जंगलों में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 16 नक्सली मारे गए थे। इनमें
90 लाख का इनामी नक्सली चलपति भी शामिल था। बुड़गीचेरु गांव बस्तर में सबसे ताकतवर नक्सल संगठन दक्षिण बस्तर डिवीजन के प्रभाव क्षेत्र में आता है। यहां नक्सलियों के देश की इकलौती बटालियन की भी सक्रियता है। पिछले कुछ दिनों में इस क्षेत्र में सुरक्षा बल ने 10 से अधिक नए कैंप स्थापित कर नक्सलियों को बैकफुट पर धकेला है। (हिफी)

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