लेखक की कलम

राहुल गांधी को सुप्रीम फटकार

  • क्या राहुल गांधी के बयान मीडिया में सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए हैं?
  • यदि आप सच्चे भारतीय हैं, तो आप ऐसा नहीं कहेंगे।
  • भारत और चीन एशिया की दो महाशक्तियां हैं।
  • सबूतों को एटम बम की संज्ञा दी

 

क्या राहुल गांधी के बयान मीडिया में सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए हैं?

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के सबसे चर्चित नेता राहुल गांधी को सत्तापक्ष पर हमला करते समय अपने शब्दों पर नियंत्रण रखना चाहिए। अभी कुछ दिन पहले ही लोकसभा में आपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान राहुल की बहन प्रियंका गांधी बोल रही थीं। प्रियंका वाड्रा केरल से सांसद हैं। उन्होंने चर्चा में सरकार पर प्रहार किये लेकिन बहुत संतुलित शब्दों में। उनकी तारीफ भी हुई थी। साथ ही लोगों ने यह भी कहा था कि राहुल गांधी को भी इसी तरह सधे हुए शब्दों में सरकार की आलोचना करनी चाहिए। राहुल गांधी के अनियंत्रित शब्दों की वजह से ही गत दिनों (4 अगस्त 2025) को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगायी है। सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसम्बर 2022 को भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई झड़प के बाद राहुल गांधी की भारतीय सेना पर कथित टिप्पणी को लेकर नाराजगी जतायी है। राहुल गांधी ने 2023 की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कहा था कि एक पूर्व सेनाधिकारी ने उन्हें बताया कि चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। राहुल गांधी के इस बयान पर मानहानि की याचिका दायर की गयी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा राहुल को यह कैसे पता चला? कोर्ट ने कहा कि आप विपक्ष के नेता हैं। संसद में अपनी बात कहें, सोशल मीडिया पर इस प्रकार का बयान देना बहुत गलत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप सच्चे भरतीय हैं तो ऐसी बातें नहीं कहेंगे। इसी तरह चुनाव आयोग के खिलाफ अनियंत्रित बयानबाजी से राहुल गांधी का विवाद गरमा गया है। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए जवाबी पत्र भी लिखा और सवाल किया कि क्या राहुल गांधी के बयान मीडिया में सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए हैं? राहुल गांधी को अपनी गरिमा समझनी चाहिए।

यदि आप सच्चे भारतीय हैं, तो आप ऐसा नहीं कहेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर, 2022 को भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई झड़प के बाद भारतीय सेना पर कथित टिप्पणी को लेकर लोकसभा नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर आप सच्चे भारतीय हैं तो ऐसी बातें नहीं कहेंगे। कोर्ट ने राहुल गांधी से पूछा कि उन्हें कैसे पता चला कि 2000 किलोमीटर जमीन चीनियों ने कब्जा कर ली है।आप विपक्ष के नेता हैं, संसद में अपनी बात कहें, सोशल मीडिया पर नहीं। सेना पर टिप्पणी मामले में समन के खिलाफ राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस भी जारी किया। बता दें कि अपनी 2023 की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान, कांग्रेस नेता ने दावा किया कि एक पूर्व सेना अधिकारी ने उन्हें बताया था कि चीन ने 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। इसी टिप्पणी पर मानहानि के मुकदमे को चुनौती देने वाली गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, आपको कैसे पता चला कि चीन ने 2,000 किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है? और इस पर जोर देते हुए कहा, यदि आप सच्चे भारतीय हैं, तो आप ऐसा नहीं कहेंगे।

भारत और चीन एशिया की दो महाशक्तियां हैं।

भारत और चीन के बीच सीमा पर अक्सर तनाव और झड़पें होती रहती हैं। मुख्य रूप से लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्रों में, दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और क्षेत्रीय संप्रभुता को लेकर मतभेद हैं। 1962 में दोनों देशों के बीच एक युद्ध भी हुआ था। हाल के वर्षों में, विशेष रूप से 2020 में, गलवान घाटी में एक हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें कई भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। भारत और चीन एशिया की दो महाशक्तियां हैं। दोनों देशों के बीच विवाद पहले भी रहे हैं और कई मुद्दों पर रहे हैं लेकिन जो मुद्दा प्रमुख रहा है वह है दोनों देशों की सीमा। इसी सीमा विवाद के चलते साल 1962 में दोनों देशों के बीच युद्ध भी हो चुका है और अभी भी सीमा पर कुछ इलाके ऐसे हैं जिन्हें लेकर अक्सर तनाव की स्थिति बन जाती है।
नौ दिसंबर को चीनी पीएलए सैनिकों और भारतीय सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में संघर्ष हुआ। इस दौरान भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया। सूत्रों की मानें तो घायल चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सैनिकों की तुलना में अधिक थी। संघर्ष के तुरंत बाद दोनों पक्ष इलाके से पीछे हट गए। बताया जा रहा है कि चीनी पीएलए सैनिकों की संख्या लगभग 300 थी, जो भारी तैयारी के साथ आए थे। हालांकि, उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि उनका सामना करने के लिए भारतीय सैनिक भी पूरी तरह से तैयार होंगे। हाल का मामला यह है कि चीन ने लद्दाख में अक्साई चिन की गलवां घाटी में भारत की ओर से एक महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण को लेकर अपनी आपत्ति जताई थी। पांच मई को लगभग 250 भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों और डंडों के साथ झड़प हुई थी। इसमें दोनों तरफ के कई सैनिक घायल हो गए थे। सड़क का निर्माण फिलहाल रोक दिया गया है।

सबूतों को एटम बम की संज्ञा दी

अक्साई चिन की गलवां घाटी इलाके में भारत की ओर से सड़क निर्माण और रक्षा संसाधनों की तैनाती बढ़ने से झल्लाए चीन ने भी अक्साई चिन इलाके में अवैध निर्माण तेज कर दिया है। इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच विवाद नया नहीं है बल्कि इसकी शुरुआत साल 1950 में ही हो गई थी। चीन इस इलाके पर अपना अधिकार जताता रहा है। अक्साई चिन पर चीन ने 1950 के दशक में कब्जा किया था। लंबे समय तक इससे नावाकिफ रहे भारत को इस बारे में साल 1957 में पता चला जब चीन ने यहां सड़क निर्माण शुरू कर दिया। साल 1958 में इस सड़क को चीन ने अपने नक्शे में भी दर्शाया। इस इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच लंबा विवाद चला जो दोनों देशों के बीच युद्ध की वजह भी बना। अक्साई चिन चीन के जिनजियांग प्रांत से जुड़ा है।साल 2017 में दोनों देशों के बीच तनाव की शुरुआत तब हुई जब चीन ने दोकलाम में चीन ने सड़क बनाने की कोशिश की और भारत ने इसका विरोध किया था। चीन में इस क्षेत्र को डोंगलोंग कहा जाता है। यह भारत के उत्तर-पूर्व में सिक्किम और भूटान की सीमा के पास है। भूटान और चीन दोनों इस पर दावा करते हैं और भारत इस मामले में भूटान का समर्थन करता है। भारत की यह आपत्ति केवल भूटान की वजह से नहीं थी। भारत का मानना है कि अगर यह सड़क पूरी बन गई तो उत्तर-पूर्वी राज्यों को भारत से जोड़ने वाले 20 किलोमीटर के इस इलाके तक चीन पहुंच जाएगा।
इसी तरह चुनाव आयोग और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बीच चल रहा विवाद भी गहरा गया। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वोट चोरी के आरोपों को खारिज करते हुए इसे बेबुनियाद बताया। साथ ही, आयोग ने जून में राहुल को लिखा गया एक पत्र भी सार्वजनिक किया, जिसका जवाब अभी तक नहीं मिला। आयोग ने सवाल उठाया कि क्या राहुल के बयान सिर्फ मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए थे? चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया एक्स पर राहुल गांधी के दावों को पूरी तरह नकारते हुए एक पोस्ट किया है।
राहुल गांधी ने 2 अगस्त को अपने तेवर और तेज कर दिए। रायबरेली से सांसद राहुल ने दावा किया कि उनकी पार्टी के पास वोट चोरी के पक्के सबूत हैं। उन्होंने इन सबूतों को एटम बम की संज्ञा दी और कहा कि जब ये सामने आएंगे, तो चुनाव आयोग के पास छिपने की कोई जगह नहीं बचेगी। सबूत न दे पाने पर राहुल की बहुत किरकिरी
हुई। अशेाक त्रिपाठी-हिफी फीचर)  (हिफी)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button