उत्तर प्रदेश में दहशत के ड्रोन!

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बड़े हिस्से में पिछले कई हफ्तों से ड्रोन को लेकर अफवाहों के चलते दहशत का माहौल गर्मा रहा है। लोगों के बीच अजीब सा डर फैला था।पिछले कई वर्षों से जुलाई-अगस्त के इन महीनों में कभी डायन आने, कभी महिलाओं की चोटी कटने तो कभी खूनी भेड़ियों के आने की अफवाह हर साल लोगों के लिए परेशानी और दहशत का माहौल बनाती रही है। इस साल रात को उड़ रहे ड्रोन दहशत और अफरा-तफरी फैला रहे हैं।
आजकल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ड्रोन लुटेरों की अफवाहों ने खौफ का माहौल बना दिया है। अमरोहा, बरेली, मुरादाबाद, बिजनौर, हापुड़, संभल, मेरठ और बुलंदशहर जैसे इलाकों में लोग रात में आसमान में चमकती लाइटों को देखकर डरने लगे हैं। सोशल मीडिया पर तेजी से फैली अफवाहों ने इसे ‘ड्रोन चोर गिरोह’ का नाम दे दिया। स्थानीय लोगों का मानना था कि ये ड्रोन घरों की रेकी कर रहे हैं और फिर चोरी की घटनाएं हो रही हैं। नतीजतन, लोग रातभर लाठी-डंडों के साथ गश्त करने लगे हैं।
व्हाट्सएप ग्रुपों पर ड्रोन और अलर्ट की पोस्ट के साथ हथियारबंद लुटेरों की गतिविधियों तक के वीडियो बिना जांचे-परखे शेयर किए जा रहे थे। यहां तक कि मारपीट की हिंसक घटनाएं सामने आ रही थीं, उसे देखते हुए ड्रोन उड़ाने या उसके दुरुपयोग को लेकर कड़े दिशा-निर्देशों की जरूरत महसूस की जा रही थी।
मुरादाबाद, अमरोहा और हापुड़ जैसे इलाकों में ड्रोन जैसी टिमटिमाती लाइटों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिससे लोगों की आशंका और भी गहरी हो गई। कई जगहों पर लोगों ने खुलेआम दावा किया कि उन्हें ड्रोन दिखे जो देर रात उनके इलाके के ऊपर मंडरा रहे थे। हालांकि बाद में जांच में पता चला कि कुछ मामलों में ये लाइटें पतंगों, कबूतरों या प्लास्टिक बैग पर बंधी हुई थीं लेकिन तब तक अफवाह इतनी फैल चुकी थी कि लोग हर अजनबी को चोर समझने लगे हैं। इसी संदेह के चलते अमरोहा में दो सगे भाइयों को ग्रामीणों ने केवल इसलिए पीट दिया क्योंकि उन्हें शक था कि वे ड्रोन चोर हैं। बरेली में एक युवक अपनी प्रेमिका से मिलने गया था लेकिन गांववालों ने उसे घेरकर बेरहमी से पीटा। हापुड़ में एक युवती को भीड़ ने चोर समझकर हमला किया। मेरठ में हिंडन नदी के पास हरियाली का सर्वे कर रही एक वैध ड्रोन टीम को भीड़ ने पीटा और पुलिस के हवाले कर दिया। ये सभी घटनाएं महज शक के आधार पर हुईं।
बरेली जिले के भोझीपुरा में सबसे दर्दनाक घटना हुई, जहां मानसिक रूप से विकलांग व्यक्ति को ड्रोन गिरोह का सदस्य समझकर पीट-पीटकर मार डाला गया। यह पहली मौत थी जो इस अफवाह की वजह से हुई। सिरौली में एक युवक को दो घंटे तक बेरहमी से पीटा गया, जबकि वह सिर्फ अपनी प्रेमिका से मिलने आया था। इसी तरह, किला इलाके में नोएडा की युवती को खंभे से बांधकर पीटा गया क्योंकि वह रात में फोन पर बात कर रही थी।
पुलिस और प्रशासन ने इन घटनाओं को रोकने की कोशिश की। मुरादाबाद पुलिस के अनुसार, सबसे पहले शिकायतें संभल और अमरोहा से आई थीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि चोरी और ड्रोन के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं मिला है। हापुड़ में जांच में पाया गया कि लोगों ने जिन चीजों को ड्रोन समझा, वो पतंग या प्लास्टिक बैग थे। वहीं, मुजफ्फरनगर पुलिस ने दो ऐसे युवकों को पकड़ा जिन्होंने कबूतरों पर लाल और हरी लाइटें बांधकर उड़ाए थे, जिससे ड्रोन की अफवाह फैली।
ऐसे में योगी सरकार द्वारा बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने पर पूरी तरह रोक लगाने के साथ नियम तोड़ने वालों पर गैंगेस्टर और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में कार्रवाई करने का आदेश दिया जाना कानून-व्यवस्था की दृष्टि से अपरिहार्य हो गया था। दुनिया भर में ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल निगरानी, सुरक्षा, डिलीवरी और आपात सेवाओं में किया जाता है लेकिन पिछले कुछ समय से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और रुहेलखंड के इलाके में इस तकनीक का एक अलग ही चिंताजनक चेहरा देखने में सामने आ रहा था, जो अफवाह और भय का कारण बना हुआ था। ऐसा माहौल बन गया था कि ग्रामीण क्षेत्रों में रात में आसमान पर चमकदार लाल-हरी रोशनी कौंधते ही हल्ला मचने लगता था। लोग पूरी रात जागकर लाठी-डंडा लेकर पहरेदारी कर रहे थे। उनका आरोप था कि पहले ड्रोन उड़ता है, फिर संदिग्ध लोगों की गतिविधियां दिखाई देती हैं। ड्रोन का इस्तेमाल चोरी की रेकी के लिए किए जाने की उनकी आशंका लगातार गहराती जा रही थी। पुलिस के हरकत में आने पर लोगों का यही कयास सामने आता था कि ड्रोन उड़ाकर पहले ध्यान भटकाया जाता है और जैसे ही वह लोग ड्रोन की ओर भागते हैं, गांव में सन्नाटा हो जाता है, जिसका फायदा चोर-बदमाश उठा सकते हैं। इस अफवाह में बेवजह तमाम सामान्य लोग निशाना भी बन रहे थे। अफरा-तफरी के आलम में कई स्थानों पर देर रात घर लौट रहे लोगों के साथ पहरा देने वाले असामाजिक तत्वों द्वारा ड्रोन उड़ाने के शक में अभद्रता व मारपीट की घटनाएं प्रकाश में आ रही थीं। गांवों से लेकर शहरों तक एक-दो स्थानों पर पुलिस ने एलईडी लाइट लगे कबूतर पकड़कर दहशत फैलाने की साजिश का खुलासा भी किया था। इस काम के लिए दो लोगों को हापुड़ पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
सोशल मीडिया पर फर्जी ड्रोन पोस्ट डालने वाले 8 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। ऐसे 15 से अधिक मामलों में रिपोर्ट दर्ज की गई है। प्रशासन ने चेतावनी दी कि अफवाह फैलाने वालों पर गैंगस्टर एक्ट और आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) भी लगाया जा सकता है। लोगों को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत 112 पर देने के लिए कहा गया है। पुलिस की साइबर सेल ने कई वायरल वीडियो को फर्जी करार देते हुए जांच शुरू की है।
इस मामले में कानून व्यवस्था के लिए उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से यह आदेश दिया गया है कि अफवाह फैलाने या डर पैदा करने की किसी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लोगों में सुरक्षा का भरोसा पैदा करने के लिए यह जरूरी हो गया था। ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कई नियम तय कर रखे हैं। इन नियमों की रोशनी में ही योगी सरकार ने प्रमुख सचिव गृह व पुलिस महानिदेशक को हर जिले में ड्रोन गतिविधियों की समीक्षा कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जाहिर है कि तकनीक का गलत इस्तेमाल करने वालों के साथ सख्ती होनी ही चाहिए और कानून व्यवस्था से खिलवाड़ की इजाजत किसी को नहीं मिलनी चाहिए।यह भी आशंका है कि आतंकवादी संगठन से जुड़े तत्व इस तरह की अफवाहों के जरिए प्रदेश में अराजकता फैलाने की कोशिश में लगे हुए हैं। सरकार सभी कोण से मामले पर निगाह बनाए हुए है।
(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)