लेखक की कलम

मध्य प्रदेश में खनन माफिया

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
लगभग तीन महीने पहले की बात है जब मध्य प्रदेश के खरगौन जिले में जंगल के क्षेत्र मंे अवैध उत्खनन रोकने पहुंची वन विभाग की टीम पर खनन माफियाओं ने पथराव कर हमला बोला था। इस हमले मंे दो वनकर्मी और दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गये थे। हमलावर जब्त की गयी जेसीबी मशीन छुड़ाकर फरार हो गये थे। कसराबद के रेंज आफिसर सचिव ने बताया था कि 26 मई 2025 की रात करीब 2 बजे अवैध उत्खनन की सूचना मिलने पर दो वनकर्मी और 2 सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे थे। वहां जेसीबी से अवैध उत्खनन किया जा रहा था। प्रकरण दर्ज कर जेसीबी को जब्त किया गया था लेकिन 15-20 लोग अचानक हमला कर जेसीबी छुड़ा कर ले गये थे। यह मामला इसलिए याद आया कि गत दिनों प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने रेत से भरा ट्रक रुकवाया और उसकी जांच की। जीतू पटवारी ने पुलिस कर्मी को बुलाकर ड्राइवर के पास मिली रायल्टी की जांच करायी, उसमंे समय और तारीख दर्ज नहीं थी। मामला कुछ तो दाल में काले का है लेकिन इसको सत्तारूढ़ भाजपा ने राजनीतिक रूप दे दिया। भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नियम-कानून की जानकारी होने के बावजूद कानून अपने हाथ में ले रहे हैं। यहां सवाल है कि ‘अपराधी’ को टोकने की जिम्मेदारी क्या सामान्य व्यक्ति को नहीं है? मध्य प्रदेा के कांग्रेस अयक्ष ने अगर संदिग्ध देखकर जांच करायी तो कोई गलत काम नहीं किया। मध्य प्रदेश मंे खनिज और रेत का अवैध उत्खनन खुलेआम हो रहा है। ऐसे उत्खनन का परिवहन करने के खिलाफ राज्य में 10956 मामले दर्ज हैं। भाजपा विधायक ने जिस प्रकार से जांच पर सवाल उठाया है, उससे वहां की भाजपा सरकार ही कठघरे मंे खड़ी हो सकती है।
मध्य प्रदेश में अवैध खनन की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। इस बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी खुद रेत परिवहन कर रहे ट्रक की रॉयल्टी चेक करने सड़कों पर उतर गए। इससे सियासी हंगामा खड़ा हो गया। भाजपा ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नियम कानून की जानकारी होने के बाद भी कानून हाथ में ले रहे हैं। जीतू पटवारी ने शहडोल जिले में रेत से भरे वाहनों की चेकिंग की। जीतू पटवारी के ट्रक चेक करने का वीडियो भी सामने आया है। इसमें देखा जा सकता है कि वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ आते हैं और रेत से भरे ट्रक के केबिन में चढ़ जाते हैं। इसके बाद ड्राइवर से रेत परिवहन की रॉयल्टी रसीद दिखाने की बात करते हैं। इस पर ड्राइवर अपने फोन पर रॉयल्टी दिखाता है। ऐसे में वह पुलिसकर्मी को बुलाकर पूछते हैं कि क्या रॉयल्टी ऑनलाइन आती है? पुलिसकर्मी के हां कहने पर फोन उसे दे देते हैं और रॉयल्टी चेक करने के लिए कहते हैं। इस दौरान उन्हें पता चलता है कि रॉयल्टी तो है, लेकिन उसमें समय और तारीख नहीं है। मध्य प्रदेश में खनिज और रेत का अवैध उत्खनन का काम जोरों पर है।
मध्य प्रदेश सरकार ने अवैध उत्खनन परिवहन के खिलाफ बीते एक साल में कड़ी कार्रवाई करते हुए 10956 मामले दर्ज किए हैं। मध्य प्रदेश में अब तक दर्जनों खनन माफिया पुलिस अधिकारियों पर जानलेवा हमले कर चुके हैं। अवैध उत्खनन की प्रदेश के तमाम हिस्सों से आती इन्हीं खबरों के चलते कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने रेत के ट्रक की रॉयल्टी चेक की।जीतू पटवारी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा चाहे रेत माफिया हो, शराब माफिया, खनिज माफिया, नशा माफिया, सबका सरकार पर कब्जा है।मध्यप्रदेश में रेत के अवैध उत्खनन का कारोबार खुलेआम, बेखौफ और बेहद संगठित तरीके से चल रहा है। चंबल, नर्मदा, क्षिप्रा, बेतवा, सोन जैसी प्रमुख नदियां अवैध रेत खनन की सबसे बड़ी मंडियां हैं, जहां रेत माफियाओं का एकछत्र राज है। सूत्रों के मुताबिक पूरे प्रदेश में प्रति वर्ष करीब 2000 करोड़ रुपये से अधिक का रेत का अवैध कारोबार चलता है। अवैधा रेत उत्खनन रोकने के लिए सरकार ने सैटेलाइट निगरानी, ई-चैक गेट, खदानों की जियो टैगिंग जैसे उपाय लागू करने के दावे किए, लेकिन जमीन पर इसका असर कहीं नहीं दिखता। बहरहाल भाजपा जीतू पटवारी के इस कदम को गलत बता रही है।
भाजपा विधायक ने जीतू पटवारी को आड़े हाथों लेते हुए कहा समझदार विधायक उच्च शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं, उन्हें सरकार के नियम कानून और सरकार चलाने की विधि भली भांति मालूम है। यह उन्हें सोचना चाहिए किस नियम का आदेश के तहत उन्हें क्या-क्या चेक करने की पावर है। अगर कोई बात है तो लिख कर दीजिए, कलेक्टर को दीजिए, एसपी को बताइए, खनिज अधिकारी को बताइए, आप इस तरह की चेकिंग न करें तो ज्यादा बेहतर है। कभी जाने अनजाने में कोई ट्रक ड्राइवर कोई बदतमीजी करेगा तो ठीक नहीं है। जन प्रतिनिधि चाहे भाजपा का हो या कांग्रेस का उन्हें कानून हाथ में नहीं लेना चहिए।
ध्यान रह कि मध्य प्रदेश के देवास जिले में कई स्थानों पर सक्रिय खनिज माफिया से निपटने के लिए इस बार खनिज विभाग ने ऐसी रणनीति बनाई कि माफिया गच्चा खा गए। नर्मदा नदी के फतेहगढ़ घाट पर अवैध खनन कर रहे खनन माफिया पर खनिज, पुलिस और प्रशासन की टीम अचानक टूट पड़ी और 10 ट्रैक्टर ट्रॉलियां जब्त कर लीं। कार्रवाई के पहले माफिया के मुखबिरों को चकमा देने के लिए खनिज अधिकारी ने दूल्हे का वेश लिया और साथी अधिकारी-कर्मचारी बराती बने। सुबह पांच बजे निकले, बकायदा कार को सजाया गया और दोपहर में फिल्मी अंदाज में कार्रवाई की गई। टीम ने इस बार सरकारी वाहनों के बजाय निजी वाहनों का उपयोग किया। कार को फूलों से सजाकर अधिकारी गणेश विश्वकर्मा ने दूल्हे की तरह पोशाक पहनी। बराती बने अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों ने सफेद कुर्ता-पायजामा और टोपी पहन कर बरातियों जैसा रूप धारण किया। कार पर बकायदा दूल्हा और दुल्हन का नाम लिखे पर्चे भी चिपकाए गए थे। इस प्रकार खनिज विभाग की टीम बराती के रूप में घाट पर पहुंची और इसके 20 मिनट बाद पुलिस और प्रशासन की टीम पहुंच गई। जिला खनिज अधिकारी रश्मि पांडे ने बताया कि काफी समय से कार्रवाई करने की योजना बना रहे थे। बराती बनकर दल को भेजने से प्रभावी कार्रवाई की जा सकी।
खनन माफियाओं ने 2012 मंें मुरैना जिले के बानमोर एसडीओपी आईपीएस नरेंद्रकुमार पर जानलेवा हमला किया। उनके ड्राइवर मनोज ने ट्रेक्टर चढ़ा दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी। इसी प्रकार 2021 में ग्वालियर- चंबल इलाके में रेतमाफिया ने सिर्फ 15 दिनों के अंदर चार बार पुलिस और वन विभाग टीम पर हमला बोला था और 2021 मंे ही दतिया में रेत माफिया ने एक पुलिस जवान को गोली मार दी थी। उसी साल मंे ही ग्वालियर के पुरानी छावनी के जलालपुर इलाके में चंबल से रेत ला रहे माफिया ने पेट्रोलिंग कर रहे टीआई सुधीर सिंह फायरिंग कर जमकर पीटा था। मई 2024 में शहडोल में रेत माफियाओं ने एएसआई महेंद्र बागरी की हत्या ट्रैक्टर से कुचलकर कर दी जब वह अवैध खनन रोकने पहुंचे थे। अगस्त 2024 में राजगढ़ में नायब तहसीलदार सुरेश सिंह पर रेत माफिया ने हमला किया और 4 जून 2025 को श्योपुर में राजस्थान पुलिस पर चंबल नदी में अवैध रेत खनन रोकने के दौरान माफियाओं ने पथराव किया, पुलिस को आत्मरक्षा में फायरिंग करनी पड़ी। इसी साल 28 अगस्त को सिंगरौली बलियारी इलाके में रेत माफियाओं ने निजी रेत कम्पनी के कर्मचारियों पर दौड़ा-दौड़ाकर जानलेवा हमला किया, दो कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुए। (हिफी)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button