लेखक की कलम

ईमानदार कोशिश बेलगाम नौकरशाही

देश भर में एक कुशल नेतृत्व और ईमानदार प्रयास वाली सरकार सत्ता में है लेकिन नौकरशाही बेलगाम हो चली है। पुलिस थाना हो या बड़ा छोटा सरकारी दफ्तर, लोकसेवक दोनों हाथों से अपने पद और रुतबे का दुरुपयोग कर अथाह धन संपत्ति बटोर रहे हैं। देश भर में ऐसे धनकुबेर पकड़े जा रहे हैं, मामूली क्लर्क के घरों में छापे के दौरान अकूत संपदा बरामद हो रही है। तेलंगाना में भ्रष्टाचार के बड़े मामले पकड़ में आ रहे हैं तेलंगाना दक्षिणी विद्युत वितरण कंपनी के असिस्टेंट डिविजनल इंजीनियर (ऑपरेशंस) के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया गया है। उन पर अपनी सेवा के दौरान कथित तौर पर गैरकानूनी गतिविधियों और संदिग्ध तरीकों से संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा हुआ है। बिजली विभाग के आरोपी इंजीनियर के घर और उसके तथा उसके रिश्तेदारों के 10 अन्य ठिकानों पर तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान, एक फ्लैट, एक भूतल और पांच मंजिला इमारत, 10 एकड़ जमीन पर एक कंपनी, छह आवासीय ओपन प्लॉट, एक खेती योग्य जमीन, 2 कार, सोने के आभूषण और बैंक जमा सहित कई तरह की संपत्तियां मिलीं। इसके अलावा, अधिकारी की एक संदिग्ध बेनामी संपत्ति के घर से 2.18 करोड़ रुपये कैश भी बरामद किए गए। जांच एजेंसी एसीबी के अनुसार एजेंसी की तलाशी के दौरान पता चला कि बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग करके भारी मात्रा में चल-अचल संपत्तियां अर्जित की थीं। तलाशी अभियान अभी भी जारी है। एसीबी ने इंजीनियर और उनके रिश्तेदारों से जुड़े कई स्थानों पर तलाशी ली और माधापुर तथा गाचीबोवली सहित हैदराबाद में करीब 15 टीमें तैनात की गयीं। फिलहाल इन संपत्तियों का बाजार मूल्य आधिकारिक मूल्य से कहीं अधिक होने की उम्मीद है। भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसीबी का कहना है कि आगे की जांच जारी है।
अभी हाल ही में रंगारेड्डी जिले के नरसिंगी नगरपालिका कार्यालय में मंगलवार, 9 सितंबर 2025 को, तेलंगाना भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो ने टाउन प्लानिंग अधिकारी, एस मणिहरिका को 4 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने मंचिरेवुला निवासी विनोद से नियमित स्कीम के तहत प्लॉट की स्वीकृति के लिए 10 लाख रुपये की मांग की थी, जिसमें 4 लाख रुपये अग्रिम के रूप में प्राप्त किए गए थे। शिकायत मिलने पर भ्रष्टाचार निवारक ब्यूरो ने एक जाल बिछाया और लेनदेन की कार्रवाई के दौरान अधिकारी को पकड़ लिया।
इससे पहले 19 अगस्त को एसीबी ने एक तहसीलदार के यहां भी छापा मारा था। छापे के दौरान 5 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का पता चला था। अधिकारियों ने वारंगल जिले के वारंगल फोर्ट मंडल के तहसीलदार बांदी नागेश्वर राव से जुड़े सात स्थानों पर तलाशी ली थी।
आपको बता दें कि एसीबी ने अकेले जुलाई 2025 माह में कुल 22 मामले दर्ज किए, जिनमें 13 ट्रेप केस एक आय से अधिक संपत्ति का मामला, एक आपराधिक कदाचार का मामला, एक नियमित जांच और छह औचक निरीक्षण शामिल हैं। जनवरी से जुलाई तक, सात महीने की इस अवधि में ब्यूरो ने 148 मामले दर्ज किए, जिनमें 93 ट्रैप मामले, नौ आय से अधिक संपत्ति के मामले, 15 आपराधिक कदाचार के मामले, 11 नियमित पूछताछ, 17 औचक निरीक्षण और तीन गोपनीय पूछताछ शामिल हैं। दस आउटसोर्सिंग कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों सहित कुल 145 लोक सेवकों को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया। इस दौरान ब्यूरो ने ट्रैप मामलों में 30.32 लाख रुपये जब्त किए और 39.16 करोड़ रुपये से अधिक की आय से अधिक संपत्ति का पता लगाया।
आपको याद होगा इससे पहले भी 12 जून 2025 को तेलंगाना के ही एक इंजीनियर पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था। छापेमारी में इतनी संपत्ति मिली, जिसे देखकर जांच ऐजेंसी भी हैरान रह गयी। सवाल यही कि आखिर तेलंगाना में सिंचाई विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पास इतना पैसा आया कहां से। उसने अपने बेटे की थाईलैंड में डेस्टिनेशन वेडिंग की, जिसमें कथित तौर पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए। संपत्ति की अगर बात करें को उसके पास एक विला, तीन इंडिपेंडेंट बिल्डिंग्स, 19 प्राइम रेजिडेंशियल प्लॉट्स, करीब 4 फ्लैट और कई होटलों में हिस्सेदारी है. वह पेशे से तो सिंचाई विभाग में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर है, लेकिन लाइफस्टाइल ऐसा जैसे कोई रईस व्यापारी हो।
एंटी करप्शन ब्यूरो ने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर नुने श्रीधर से जुड़े 13 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान ऐसी संपत्तियां बरामद की, जिससे पता चलता है कि ये सब उसकी कमाई से कहीं ज्यादा है। प्रॉपर्टी की लिस्ट में हैदराबाद के शेखपेट में स्काई हाई नाम के एक आलीशान रेंजिडेंशियल आवासीय परिसर में 4,500 वर्ग फुट का फ्लैट और करीमनगर में कम से कम तीन अन्य फ्लैट शामिल हैं।
इसी तरह असम में सिविल सेवा देने वाली अधिकारी नूपुर बोरा को पुलिस ने कथित तौर आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। असम में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई के तहत मुख्यमंत्री विशेष सतर्कता सेल ने नूपुर बोरा के गुवाहाटी स्थिति आवास पर छापा मारा। यहां से 92 लाख रुपये नगद बरामद हुए और करीब 1 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए गए। इतना ही नहीं बारपोटा स्थिति उनके किराए के घर पर छापेमारी के दौरान 10 लाख रुपये नगद बरामद किए गए। नूपुर बोरा असम के गोलाघाट की रहने वाली हैं। बोरा साल 2019 में असम सिविल सेवा में भर्ती हुईं थीं। मौजूदा समय में वो कामरूप जिले के गोरोइमारी में सर्कल ऑफिसर के पद पर तैनात थी। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि विवादास्पद भूमि संबंधी मुद्दों में कथित संलिप्तता की शिकायतों के बाद पिछले छह महीनों से उन पर निगरानी रखी जा रही थी।
आरोप है कि नूपुर जब बारपेटा राजस्व मडल में तैनात थीं, तब उन्होंने पैसों के बदले हिंदुओं की जमीन संदिग्ध लोगों को ट्रांसफर कर दिया था। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। सरमा ने कहा कि अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों में राजस्व मंडलों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आया है। इतना ही नहीं विशेष सतर्कता सेलने नूपुर के सहयोगियों के ठिकानों पर भी छापा मारा है। ये वही लोग हैं, जो बारपेटा में राजस्व सर्कल ऑफिस में काम करते हैं।
ये मामले तो सिर्फ बानगी मात्र है देश भर में कमोबेश यही हालात बने हैं सरकारी कर्मचारी हो या अधिकारी बिना सुविधा शुल्क के कोई फाइल टस से मस करने को तैयार नहीं है। स्थिति यह है कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारी बेहिसाब अवैध ढंग से आय से सौ सौ गुना संपत्ति बटोर रहे हैं । आपको बता दें कि यूपी की पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव और चीफ इंजीनियर यादव सिंह कभी भ्रष्टाचार के पर्याय बने थे लेकिन अब हर प्रदेश में नीरा यादव और यादव सिंह जैसे सरकारी अधिकारी लाखों करोड़ो की संपति बटोर कर कुंडली मार कर बैठे हैं ऐसे समय में जब पडोसी देश नेपाल के जैनजी युवा भ्रष्टाचार के कारण ही आंदोलित होकर सड़कों पर उतरे और सत्ता परिवर्तन कर दिया हमारी सरकारों को भी सरकारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस पालिसी लागू कर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि आम आदमी
सुशासन के नारों को धरातल पर महसूस करें। (मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)

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