लेखक की कलम

अमेरिका की साजिश, पाक की धमकी

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)
एक ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर अनाप शनाप टैरिफ दर लागू कर भारत के खिलाफ अपना शैतानी नजरिया साफ कर दिया है दूसरी ओर भारत सरकार के अमेरिकी टैरिफ के सामने झुकने से इंकार करने और कुछ लडाकू विमानों की खरीद के सौदे निरस्त करने से अमेरिका की हताशा बढ़ गई है। ऐसे में वह पाकिस्तान के नेतृत्व के जरिए भारत के खिलाफ विष वमन करा अपनी हसरत पूरी करने का षडयंत्र कर रहा है लेकिन न सिर्फ पाक को अपनी औकात का आकलन कर लेना चाहिए वरन अमेरिका को भी भारतीय नेतृत्व के दृढ़ इरादों और मजबूत आत्मबल व संसाधनों पर नजर डालकर ही कोई हिमाकत करना चाहिए। भारत हर मुसीबत और मुद्दे पर मुकाबला करने का साहस रखता है।
आपको बता दें कि अभी भारतीय मीडिया में पाकिस्तान की इतिहास की सबसे बड़ी धमकी जोर-शोर से छपी है कि पाकिस्तानी सेनाप्रमुख आसिम मुनीर ने अमरीका के एक कार्यक्रम में यह कहा कि अगर भारत सिंधु नदी पर बांध बनाकर पाकिस्तान में आते पानी को रोकेगा, तो हम उस बांध के बनने का इंतजार करेंगे, और फिर उसे दस मिसाइलों से उड़ा देंगे। समाचारों में कहा गया है कि फील्डमार्शल का दर्जा प्राप्त आसिम मुनीर ने अमरीका के फ्लोरिडा में प्रवासी पाकिस्तानियों के एक बंद कार्यक्रम में कहा कि अगर भविष्य में भारत के साथ किसी युद्ध में उनके देश का अस्तित्व खतरे में पड़ा, तो वे परमाणु युद्ध छेड़ देंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक परमाणु हथियार संपन्न देश है, और अगर उसे लगेगा कि वह डूब रहा है, तो वह आधी दुनिया को अपने साथ ले डूबेगा।
बता दें कि भारत की एक प्रमुख समाचार वेबसाइट, द प्रिंट पर बीते दिन आए इस समाचार के बाद यहां से इसे उठाकर भारत के अधिकतर प्रमुख अखबारों ने इसे छापा। समाचार में यह भी लिखा हुआ है कि अमरीका में हुए इस कार्यक्रम में लोगों के मोबाइल फोन बाहर रखवा दिए गए थे और वहां मौजूद लोगों से बात करके बाद में द प्रिंट ने भाषण के इन हिस्सों से यह समाचार बनाया है। यह याद रखने की जरूरत है कि अभी कुछ हफ्ते पहले आसिम मुनीर को अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति भवन में खाने पर आमंत्रित किया था, और दोनों के बीच खासी लंबी चर्चा हुई थी। इसके अलावा भी पाकिस्तानी सेनाप्रमुख की अमरीका में कई दूसरे फौजी और सरकारी नेताओं से बात-मुलाकात होती रही है। यह लोकतांत्रिक देशों में कुछ अटपटी बात लगेगी क्योंकि निर्वाचित लोकतंत्रों में निर्वाचित प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति ऐसी बात-मुलाकात करते हैं, लेकिन पाकिस्तान एक बुरी तरह से नाकामयाब लोकतंत्र दिखता है जिसमें सेना एक समानांतर सरकार चलाती है या कि सरकार के ऊपर से अपना काबू रखती है। इसलिए आसिम मुनीर के नाम से निकली इस बात को गंभीरता से लेने की जरूरत है। अब भारत के एक समाचार स्रोत से निकलकर भारत में चारों तरफ इसे छपे अब करीब चैबीस घंटे हो रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान या अमरीका के किसी भी समाचार स्रोत में ऐसा समाचार नहीं है। हो सकता है कि बंद कमरे में पाकिस्तानी फौजी मुखिया की कही यह बात पाकिस्तान में छापना लोगों के लिए आसान न हो, लेकिन अमरीका में तो मीडिया पर ऐसा कोई खतरा नहीं रहता है और अगर सवा सौ लोग ऐसे डिनर पर मौजूद थे, और पाकिस्तानी फौजी प्रमुख उसमें बोलने वाले थे, तो अमरीकी मीडिया की भी कुछ दिलचस्पी उसमें हो सकती थी। जब द प्रिंट से परे किसी स्रोत पर यह समाचार नहीं मिला, तो इंटरनेट पर चारों तरफ इस बयान को ढूंढने की कोशिश की? लेकिन चैटजीपीटी से लेकर जेमिनी तक ने सिवाय द प्रिंट के और किसी जगह इस बयान की शुरूआत नहीं पाई। करीब चैबीस घंटे बाद भी पाकिस्तानी मीडिया पर इसकी कोई प्रतिक्रिया एआई टूल्स नहीं देख पाए और द प्रिंट पर इस असाधारण और अभूतपूर्व बयान में बहुत बड़ी धमकियां गिनाई गई हैं जिनमें आसिम मुनीर के शब्दों में यह कहा गया कि पाकिस्तान अपने हमले की शुरूआत भारत के पूर्वी इलाके से करेगा जहां उसके सबसे मूल्यवान संसाधन है? और फिर वह पश्चिम की ओर बढ़ेगा। यहां पर इस सिलसिले में यह याद रखने की जरूरत है कि डोनाल्ड ट्रम्प लगातार, अब तक करीब तीन दर्जन बार यह सार्वजनिक दावा कर चुके हैं कि दो परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसियों के बीच युद्ध उन्होंने रूकवाया है और पाकिस्तान ने ट्रम्प का नाम नोबल शांति पुरस्कार के लिए मनोनीत भी किया है। अभी हम पाकिस्तानी फौजी प्रमुख के इस कथित बयान की सच्चाई पर नहीं जा रहे, न तो पाकिस्तान से किसी ने इस पर हामी भरी है और न इसे गलत ठहराया है। हम इस आलेख में इस की कोई पुष्टि नहीं कर रहे हैं।
आप जानते हैं कि पाकिस्तान का परमाणु हथियार संपन्न होना भारत के लिए बहुत बड़े खतरे की वजह इसलिए है कि उस देश की हुकूमत निर्वाचित लोकतंत्र के हाथ में न होकर फौजी ताकतों के हाथ में रहती है और वहां के फौजी मुखिया भी चरमपंथी धर्मान्धता के शिकार हैं। देश धर्म पर आधारित है और सरकार और फौज से परे चरमपंथी धर्मान्ध ताकतें भी वहां आतंकी संगठनों की शक्ल में काम करती हैं, और देश की सत्ता कुछ बिखरी हुई है। कभी-कभी ऐसा भी सुनाई पड़ता है कि पाकिस्तानी फौजी खुफिया एजेंसी, आईएसआई, एक अलग ही बेकाबू संस्था की तरह काम करती है पाकिस्तान की हालत लंगूर के हाथ अंगूर वाली है। एकमात्र यही कारण है कि भारत सरकार को बहुत सजग रह कर अपने नादान पडोसी के साथ व्यवहार करना होता है लेकिन अमेरिकी नेतृत्व पाकिस्तान के कंधे पर हाथ रखकर अपने मकसद को साधने के लिए उसका दुरुपयोग करने की कोशिश कर सकता है जैसे यूक्रेन को रूस के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत को बहुत सजग रहकर हर षडयंत्र का मुकाबला करना होगा।
हालांकि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की परमाणु वाली धमकी को लेकर पूर्व पेंटागन विश्लेषक माइकल रुबिन ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे ‘आतंकवादी संगठनों जैसी भाषा‘ करार देते हुए पाकिस्तान को गैर-जिम्मेदार राष्ट्र बताया। यह विवाद तब शुरू हुआ जब मुनीर ने अमेरिका के फ्लोरिडा के टैम्पा में अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक में कहा अगर पाकिस्तान का अस्तित्व खतरे में पड़ा, तो हम आधी दुनिया को अपने साथ ले डूबेंगे।
रुबिन ने एएनआई से बातचीत में मुनीर के इस बयान को अस्वीकार्य कहा और बताया कि इस तरह का बयान इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों की विचारधारा को दिखाता है। हैरानी बात ये है कि ये धमकी अमेरिका की जमीन से दी गई है, जिस पर रुबिन ने कहा कि अमेरिका को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। उसे पाकिस्तान का प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी दर्जा छीनना और उसे आतंकवाद प्रायोजक राष्ट्र घोषित करना शामिल होने के साथ-साथ आसिम मुनीर पर अमेरिका में प्रवेश प्रतिबंध शामिल है। रुबिन ने आसिम मुनीर की तुलना अल कायदा आतंकी ओसामा बिन लादेन से करते हुए कहा कि वो सूट में ओसामा बिन लादेन है। (हिफी)

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