लेखक की कलम

लालू पर आफत, परिवार में खिलाफत

बिहार में इस बार विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर कोई भी मुतमईन नहीं दिखता है। सभी अपनी-अपनी जीत के दावे भले ही कर रहे हैं लेकिन पूर्ण विश्वास नहीं है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू यादव को भी उम्मीद है कि उनका बेटा तेजस्वी ही इस बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा। सहयोगी दलों मंे कांगे्रस ही ज्यादा विरोध कर सकती है लेकिन पता चला कि तेजस्वी ने राहुल गांधी को मना लिया है। अब मुसीबत कोर्ट की तरफ से आ गयी है। लालू यादव यूपीए सरकार मंे जब रेल मंत्री हुआ करते थे, तब उन पर आरोप लगाया गया है कि जाॅब के बदले लोगोें से जमीन ली थी। मनी लांड्रिंग का यह केस अब 13 अक्टूबर से रोजाना सुना जाएगा। इस मामले मंे लालू का पूरा परिवार आरोपित है। उधर, परिवार मंे खिलाफत भी चल रही हैं। बड़े बेटे तेज प्रताप तो तेजस्वी का खुलकर विरोध कर ही रहे थे, अब बेटी रोहिणी आचार्य का भी राजद से मोह भंग हो गया है।
दिल्ली की स्पेशल कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संस्थापक
अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ा आदेश दिया है। अब लैंड फॉर जॉब केस की 13 अक्टूबर से सुनवाई रोजाना यानी डे-टू-डे आधार पर होगी। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप यादव, बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस की सुनवाई अब हर दिन होगी। कोर्ट ने साफ किया कि आरोपियों को केस से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट्स की साफ और पढ़ने लायक कॉपी मिलनी चाहिए। इसके लिए ईडी, जांच अधिकारी और आरोपियों के वकील मिलकर कोर्ट रिकॉर्ड देखेंगे।
लैंड फॉर जॉब्स स्कैम में लालू प्रसाद यादव पर रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने का आरोप है। इस मामले में ईडी ने पहले चार्जशीट दायर की थी और अब सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल हुई है। कोर्ट का आदेश 20 सितंबर को आया और अब 13 अक्टूबर से इस केस की रोजाना सुनवाई शुरू होगी। साफ है कि अब ये मामला तेजी से आगे बढ़ेगा। यह मामला 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित भारतीय रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप ‘डी’ की नियुक्तियों से संबंधित है। मामले में लालू पर वर्ष 2004 से 2009 तक यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहते हुए उनके और परिवार द्वारा जमीन के बदले लोगों को नौकरी देने का आरोप है। सीबीआई द्वारा मामले में लालू के साथ उनके परिवार पर भी केस दर्ज किया गया है और आरोप है कि लालू ने परिजनों के नाम पर नौकरी के बदले जमीनें रिश्वत में ली थीं। लालू पर आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए ही बिना कोई विज्ञापन जारी कर रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी के लिए कई लोगों की भर्ती की थी। लालू परिवार को 7 जगहों पर जमीनें मिलीं- ईडी की चार्जशीट, लालू परिवार पर 600 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।
इधर कोर्ट का मामला तो उधर लालू प्रसाद यादव की बेटी और राजद नेता रोहिणी आचार्य अब पार्टी से दूरी बनाती नजर आ रही हैं। संजय यादव को लेकर किए गए पोस्ट के बाद रोहिणी आचार्य ने काफी समय तक अपने सोशल मीडिया अकाउंट को प्राइवेट करके रखा हुआ था। वहीं अब उनका अकाउंट पब्लिक हुआ है तो उसमें कई सारे बदलाव देखने को मिले हैं। रोहिणी आचार्य ने आरजेडी के तमाम नेताओं को अनफॉलो कर दिया है। इसके अलावा उन्होंने लालू, राबड़ी और तेजस्वी के साथ लगी फोटो भी हटा दी है। रोहिणी आचार्य ने अब अपनी अकेले की फोटो लगाई है।
दरअसल, संजय यादव को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जाने के बाद विवाद काफी बढ़ गया है। रोहिणी आचार्य ने पोस्ट को डिलीट भी कर दिया। हालांकि इसके बाद अब उन्होंने अपने अकाउंट में कई सारे बदलाव कर दिये हैं। रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर भी परिवार और पार्टी से दूरी बना ली है। रोहिणी आचार्य ने अपने फेसबुक प्रोफाइल से लालू, राबड़ी और तेजस्वी की फोटो हटा दी है और अब उन्होंने इसकी जगह पर अकेले अपनी फोटो लगाई है। इसके अलावा रोहिणी ने अपने एक्स अकाउंट से 58 राजनेताओं को अनफॉलो कर दिया है। पहले वह 61 प्रोफाइल को फॉलो करती थीं, लेकिन अब यह संख्या सिर्फ 3 रह गई है। ये तीनों लोग भी राजनीति से हटकर हैं। बता दें कि इससे पहले रोहिणी ने सोशल मीडिया अकाउंट को प्राइवेट भी कर दिया था। हालांकि शाम तक उन्होंने अकाउंट फिर खोल दिया।
बता दें कि रोहिणी आचार्य से जुड़ा हालिया विवाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर की गई एक पोस्ट से शुरू हुआ। 18 सितंबर 2025 को रोहिणी आचार्य ने एक पोस्ट की थी, जो राजद के आंतरिक कलह को उजागर कर रहा था। यह पोस्ट मुख्य रूप से तेजस्वी यादव के करीबी राज्यसभा सांसद संजय यादव पर निशाना साधते हुए थे, जिन्हें रोहिणी ने सबस्टैंडर्ड (निम्न स्तर का) व्यक्ति बताया था। हालांकि रोहिणी ने बाद में यह पोस्ट हटा ली।
उधर, पटना के रविन्द्र भवन में तेज प्रताप यादव ने श्अति पिछड़ा-दलित का संवैधानिक अधिकार सम्मेलन को संबोधित किया। तेज प्रताप यादव ने कहा, जब हम स्वास्थ्य मंत्री थे तो परिवार के कुछ लोग भी काम के लिए आते थे। कुछ गलत लोगों के साथ भी आते थे लेकिन हम उनको मना कर देते थे।
बता दें कि रोहिणी आचार्य (लालू प्रसाद यादव की बेटी) का हालिया विवादास्पद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट 18 सितंबर 2025 को किया गया था, जो राजद के आंतरिक कलह को उजागर करता है। यह एक्स पोस्ट मुख्य रूप से तेजस्वी यादव के करीबी राज्यसभा सांसद संजय यादव पर निशाना साधता है, जिन्हें रोहिणी ने सबस्टैंडर्ड (निम्न स्तर का) व्यक्ति बताया। तेज प्रताप का संकेत भी उसी तरफ है। तेज प्रताप ने कहा, हमारी बहन पूजनीय है, जिस तरीके से बहन ने कहा है हम उससे सहमत हैं, जिस तरीके से उन्होंने ट्वीट किया बातों को रखने का काम किया वह पूरी तरह सच्चाई है। उन्होंने कहा, बिहार में हम लड़ाई लड़ने का काम कर रहे हैं। बिहार की ही बात कर रहे हैं। इसलिए बिहार गठबंधन बन गया। (अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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