लेखक की कलम

ममता की बौखलाहट और भय

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
राजनीति के मैदान में जब दुश्मन ताकतवर हो और साथ देने वालों पर विश्वास न रहे तो बौखलाहट और भय पैदा होना स्वाभाविक है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कुछ ऐसे ही हालात से गुजर रही हैं। उन्होंने दिल्ली मंे अरविन्द केजरीवाल का मजबूत किला ढहते हुए देखा है। उनको यह भी पता है कि केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) को पराजित करने मंे कांग्रेस ने भी बड़ी भूमिका निभाई है। अब पश्चिम बंगाल मंे 2026 मे विधानसभा चुनाव होने हैं। उनके सामने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मजबूती के साथ जुटी है। साथ देने वाले कांग्रेस और वामपंथी भी अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा की ही मदद करेंगे। ममता के अति निकटवर्ती भी अविश्वसनीय साबित हो रहे हैं। कोलकाता मंे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने डेरा डाल रखा है। अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में फर्जी मतदाता बनाने का आरोप लगाया था। पश्चिम बंगाल मंे ममता बनर्जी को भी इसकी आशंका है। यही कारण है कि चुनाव आयोग का भय जताते हुए उसके खिलाफ धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दे रही हैं।
पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अभी से ही शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकर्ताओं से बड़ी जीत का आह्वान किया लेकिन इस जीत तक पहुंचने से पहले उन्हें एक डर सता रहा है, जिसका जिक्र उन्होंने अपनी पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं के बीच किया। यही डर आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी लग रहा था। दरअसल, ममता बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को मतदाता सूची की गहनता से जांच करने का निर्देश दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में महाराष्ट्र और दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा ने चुनाव आयोग के साथ मिलकर फर्जी मतदाताओं के नाम सूची में जुड़वाए थे और जीत हासिल की थी। मतलब बंगाल में भी फर्जी वोटर का जिन्न प्रवेश कर चुका है। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा के दौरान फर्जी वोटर का मुद्दा उठाया था। उन्होंने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए था। उन्होंने कहा था, ‘उत्तर प्रदेश और बिहार से फर्जी वोटर लाए जा रहे हैं। बहुत बड़ा घोटाला चल रहा है। पिछले 15 दिनों में नए वोट के लिए 13,000 आवेदन आए हैं। दूसरे राज्यों से लोगों को लाकर फर्जी वोट बनाए जा रहे हैं।’ इस मुद्दे को लेकर वह चुनाव आयोग गए थे। कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में टीएमसी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, ममता बनर्जी ने कहा, “भाजपा ने चुनाव आयोग की मदद से मतदाता सूची में हेरफेर की है। महाराष्ट्र और दिल्ली में विपक्षी दल इसे रोक नहीं पाए और भाजपा की जीत हुई लेकिन हम इसे बंगाल में नहीं होने देंगे।” उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा, “महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद अब आप बंगाल को निशाना बना रहे हैं। हम आपको मुंहतोड़ जवाब देंगे। एक बार फिर ‘खेला होबे’।”
ममता बनर्जी ने फर्जी मतदाताओं के नामों की सूची दिखाते हुए भाजपा और चुनाव आयोग दोनों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मेरे पास सभी जिलों के उदाहरण हैं। हरियाणा और गुजरात के लोगों के नाम बंगाल के निवासियों के नाम के साथ और एक ही ईपीआईसी कार्ड पर हैं। फर्जी मतदाताओं को ऑनलाइन जोड़ा जा रहा है।” ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर भाजपा से प्रभावित होने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि अगर सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई तो उनकी पार्टी चुनाव आयोग के कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना देगी। उन्होंने कहा, “मुझे चुनाव आयोग का सम्मान था लेकिन अब ऐसा लगता है कि वे भाजपा समर्थकों से भरे हुए हैं। नए मुख्य चुनाव आयुक्त (ज्ञानेश कुमार) केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) के अधीन सहकारिता विभाग में सचिव थे। अगर मैं 2006 में भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के दौरान 26 दिन की भूख हड़ताल कर सकती हूं, तो मत भूलिए कि हम चुनाव आयोग के खिलाफ भी आंदोलन शुरू कर सकते हैं।” ममता बनर्जी ने वरिष्ठ नेताओं- सुभ्रत बक्शी, डेरेक ओ ब्रायन, अभिषेक बनर्जी और फिरहाद हकीम की एक नई समिति के गठन की भी घोषणा की। समिति को मतदाता सूची सत्यापन प्रक्रिया की देखरेख का काम सौंपा गया है। उन्होंने कहा, “हमारा पहला काम शारीरिक सत्यापन के माध्यम से मतदाता सूची की जांच करना है। बूथ कार्यकर्ताओं को तुरंत घर-घर जाकर यह काम शुरू करना चाहिए। जिला अध्यक्षों को इस प्रक्रिया की देखरेख करनी चाहिए और सात दिनों के भीतर रिपोर्ट देनी चाहिए।”
ममता ने कार्यकर्ताओं से जनता से जुड़ने और जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “अपने पड़ोस में नजर रखें और सुनिश्चित करें कि बाहरी लोग सांप्रदायिक अशांति न फैलाएं।” अपने भाषण में, ममता बनर्जी ने कहा कि टीएमसी 2001 में सत्ता में आ जाती, लेकिन कांग्रेस के एक वर्ग ने धोखा दिया था। पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के बीच तल्खी की खबर है। चर्चा है कि अभिषेक बनर्जी भारतीय जनता पार्टी में जा सकते हैं। इस बीच अभिषेक ने एक बड़ा ऐलान कर दिया है। अभिषेक ने कहा कि बाजार में फैलाया जा रहा है कि अभिषेक बनर्जी भाजपा में जा रहे हैं। कहा यह भी जा रहा है कि अभिषेक बनर्जी नई पार्टी ला रहे हैं। ये सब बेकार की बातें हैं। मेरा गला काट भी दिया जाए तो भी ममता बनर्जी जिंदाबाद की आवाज निकलेगी। भाजपा 18 से 12 पर आ गयी है पर दिमाग ठिकाने नहीं आया, अभी तक बंगाल के लोगों के पैसे नहीं दे रहे हैं।
बहरहाल, महाराष्ट्र में जिस तरह विपक्ष की हार हुई, उससे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सहम गई हैं। तभी तो वो वोटर लिस्ट में ‘खेल’ का आरोप लगा रही हैं। ललकार रही हैं कि बीजेपी ने महाराष्ट्र और दिल्ली में जो किया, वह बंगाल में नहीं होने देंगे। टीएमसी की बैठक में ममता ने कहा, महाराष्ट्र और दिल्ली के चुनावों में जो हुआ, उसका पश्चिम बंगाल में कोई असर नहीं होगा। 2027-2029 तक बीजेपी का सफाया हो जाएगा। ममता बनर्जी ने एक बड़ा आरोप लगाया कि बीजेपी ने एसोसिएशन फॉर बिलियन माइंड्स नाम की एक एजेंसी को बंगाल में भेजा है। ये लोग बंगाल के वोटरों के नाम हरियाणा, गुजरात जैसे दूसरे राज्यों के लोगों से बदल रहे हैं। यह सीधे दिल्ली से किया जा रहा है। ऐसा करके, उन्होंने (बीजेपी) महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में जीत हासिल की। ममता ने कार्यकर्ताओं से कहा, आपकी दो जिम्मेदारियां हैं- बीजेपी को हराना और बंगाल को फिर से जीतना। चिंता न करें, हम फिर से जीतेंगे। हम बंगाल हैं, दिल्ली या महाराष्ट्र नहीं। ममता बनर्जी ने कहा, दिल्ली-महाराष्ट्र में तो विपक्षी दल बीजेपी का मुकाबला करने में फेल रहे, लेकिन पश्चिम बंगाल में हम उनका डटकर मुकाबला करेंगे। हम भाजपा को खत्म करके रहेंगे। अब उनके पास सिर्फ 2 से 3 साल बचे हैं। ममता ने कार्यकर्ताओं के सामने 2026 विधानसभा चुनाव में 294 सीटों में से 215 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा। दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी की करारी हार के बाद अब सभी की निगाहें पश्चिम बंगाल पर हैं, क्योंकि भाजपा 2011 से सत्ता में काबिज टीएमसी से यह राज्य छीनने की पुरजोर कोशिश कर रही है। टीएमसी सुप्रीमो ने कहा, हम 2026 के विधानसभा चुनावों में 215 से ज्यादा सीटें जीतेंगे और बीजेपी की संख्या को और कम करेंगे। 2021 में उन्होंने (भाजपा) ‘200 पार’ का नारा दिया लेकिन हार का सामना करना पड़ा। 2024 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने ‘400 पार’ नारा दिया लेकिन बहुमत हासिल करने में विफल रहे। हम दो-तिहाई बहुमत हासिल करेंगे और बीजेपी कैंडिडेट्स की जमानत जब्त हो जाएगी। बंगाल में क्या हिंदू एकजुट हो गए हैं और इसलिए वह डरी हुई हैं। दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद पश्चिम बंगाल बीजेपी के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा था, दिल्ली की जीत हमारी है, 2026 में बंगाल की बारी है। (हिफी)

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