नाना पटोले को मिला सबक

(अशोक त्रिपाठी हिफी फीचर)
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव 2024 मंे सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली कांग्रेस को विधानसभा चुनाव मंे सिर्फ 16 विधायक मिल पाये हैं। कांग्रेस को 13 सांसद मिले थे। इस हिसाब से उसे कम से कम 65 विधायक मिलने चाहिए थे। प्रदेश मंे कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे नाना पटोले को अब समझ मंे आ गया होगा कि राजनीति में स्वार्थ कितना खतरनाक होता है। उन्होंने चुनाव से पहले ही महाविकास अघाड़ी (एमबीए) में मुख्यमंत्री पद का झगड़ा शुरू कर दिया था। इसी का नतीजा रहा कि लोकसभा चुनवा मंे वहां की जनता ने भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को विधानसभा के चुनाव में बम्पर जीत दिलायी है। विधानसभा चुनाव मंे कांग्रेस से ज्यादा विधायक (20) तो उद्धव ठाकरे की पार्टी को मिले हैं। इसी विवाद मंे वरिष्ठ नेता शरद पवार को भी इस बार जनता ने ठुकरा दिया है। उनकी पार्टी को सिर्फ 10 विधायक ही मिले पाये हैं। कांग्रेस को अभी सच्चाई कबूल करने की हिम्मत नहीं पड़ रही और जयराम रमेश जैसे वरिष्ठ नेता चुनाव मंे धांधली का आरोप लगा रहे हैं लेकिन नाना पटोले ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर अपनी गलती कबूल कर ली है। महाविकास अघाड़ी में तो अब किसी घटक को मुख्य विपक्षी दल का दर्जा भी मिलना मुश्किल है क्योंकि किसी के पास 10 फीसद सीटें नहीं हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा है। हार के बाद अब कांग्रेस पार्टी में इस्तीफों का दौर भी शुरू हो गया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने पद से इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को महज 16 सीटों पर जीत मिली। वहीं महाविकास अघाड़ी को भी बड़ी हार का सामना करना पड़ा। महाराष्ट्र विधानसभा में 101 सीटों पर लड़ी कांग्रेस ने केवल 16 सीटें जीतीं और 12.42 वोट प्रतिशत वोट पाये।
इससे पहले नाना पटोले ने कहा था कि वो यह सुनिश्चित करेंगे कि नवनिर्वाचित महायुति सरकार अपने चुनावी घोषणा-पत्र और भाषणों में राज्य की जनता से किए गए वादों को पूरा करे। कांग्रेस नेता ने कहा था कि महायुति को मुख्यमंत्री मांझी लाडकी बहिन योजना के तहत महिलाओं के लिए मासिक भत्ता 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का अपना वादा तुरंत पूरा करना चाहिए। महायुति ने राज्य विधानसभा चुनाव में 288 में से 230 सीटों पर जीत दर्ज की है। महायुति में शामिल भाजपा को 132, शिवसेना को 57 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को 41 सीट पर जीत मिली। दूसरी ओर, एमवीए को करारी हार मिली, जिसने कुल मिलाकर महज 46 सीट जीती हैं। एमवीए में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) को 10, कांग्रेस को 16 और शिवसेना (यूबीटी) को 20 सीट पर जीत मिली। पटोले खुद भंडारा जिले के साकोली विधानसभा क्षेत्र से 208 मतों के अंतर से जीते। पटोले ने कहा है, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि महायुति सरकार चुनाव के दौरान किसानों से किए गए अपने वादों को पूरा करे।
महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन एक बार फिर से सरकार बनाने जा रहा है। महायुति ने 230 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं महाविकास अघाडी महज 47 सीटों पर ही सिमटकर रह गई। 10 सीटों पर निर्दलियों ने जीत दर्ज की है। महायुति में शामिल बीजेपी से देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चाएं तेज हो गई है। बीजेपी ने महाराष्ट्र में अब तक की अपनी सबसे बड़ी जीत हासिल की है। हालांकि एकनाथ शिंदे भी सीएम बनने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं।
2019 में मुकाबला एनडीए बनाम यूपीए के बीच था। एनडीए में बीजेपी के साथ अविभाजित शिवसेना शामिल थी तो यूपीए में कांग्रेस के साथ एनसीपी भी शामिल थी। 2019 में सीट शेयरिंग फॉर्मूले के तहत बीजेपी ने 152 और शिवसेना ने 124 सीटों पर चुनाव लड़ा था, इसके अलावा 12 सीटें दूसरे साझीदारों को दी गई थी। इसी तरह यूपीए में कांग्रेस और एनसीपी ने 125-125 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उन्होंने 38 सीटें अपने सहयोगियों की दी थी। बीजेपी ने 105 सीटें जीती थीं। चुनाव के बाद उपजे मतभेद से शिवसेना और बीजेपी की राहें जुदा हो गई थीं तो इस बार बीजेपी को 132 सीटों पर जीत मिली है यानि बीजेपी ने इस बार 27 सीटें ज्यादा जीती है।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में संगठित शिवसेना ने 56 सीटें जीती थी। इस बार उद्धव ठाकरे की शिवसेना सिर्फ 20 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई है उसे सीधी तौर पर 36 सीटों का नुकसान हुआ है। कांग्रेस ने 2019 में 44 सीटें जीती थीं। इस बार महज 16 सीटें जीत पाई है। उसे 28 सीटों का नुकसान हुआ है।
वहीं, 2019 में 54 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली एनसीपी को अब अजित पवार के अलग पार्टी बनाने पर सिर्फ 10 सीटें ही मिल पाई हैं। उसे 44 सीटों का नुकसान हुआ है। अकेले अपने दम पर पहला विधानसभा चुनाव लड़ने वाली शिवसेना शिंदे ने 57 सीटों पर और एनसीपी अजित पवार ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की है।
महाराष्ट्र भारत का एक राज्य है जो भारत के दक्षिण मध्य में स्थित है। इसकी गिनती भारत के सबसे धनी राज्यों में की जाती है। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस ने कहा कि लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में हमने बीजेपी को हराया था, लेकिन अब कैसे इतनी बड़ी जीत मिल गई है यह अपने आप में एक सवाल है। हमें धक्का लगा है, लेकिन हम महाराष्ट्र को लेकर विश्लेषण करेंगे। महाराष्ट्र में लेवल प्लेइंग फील्ड को बिगाड़ा गया है। कांग्रेस ने कहा कि जहां तक महाराष्ट्र की बात है तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि टारगेटेड तरीके से लेवल प्लेइंग फील्ड को बिगाड़ा गया। चुनाव के नतीजे आए हैं, जो कि अप्रत्याशित हैं। हमारे लिए आश्चर्य भी है। कई लोग विश्लेषण कर रहे हैं कि विकास की जीत हुई है। जो लोकसभा में हमारा एजेंडा था, वो आज भी उतना ही महत्व रखते हैं और आगे भी रखेंगे। रमेश ने आगे कहा कि जाति जनगणना, 50 फीसदी आरक्षण की सीमा, अडानी घोटाला जैसे मुद्दे रहेंगे। महाराष्ट्र की जनता ने इसको ठुकराया नहीं है। कैसे ये नतीजा आया है इसकी हम जांच करेंगे और विश्लेषण करेंगे। जो जीता है उनको भी ये अनुमान नहीं था कि ये नतीजा आएगा। हमको पता था महाराष्ट्र के किसान नाराज हैं, वर्किंग क्लास के लोग सरकार के खिलाफ हैं, हम आज भी यही मानकर चल रहे हैं। जो नतीजे आए हैं वो इसके बिल्कुल विपरीत हैं। हम जो मुद्दे उठाए थे, उसे संसद के भीतर और बाहर उठाते रहेंगे। जयराम रमेश बोले- हमें धक्का मिला है, लेकिन हम मुद्दों से पीछे नहीं हटेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा कि महाराष्ट्र में हमें धक्का मिला है ये बिल्कुल सही है, लेकिन ये धक्का दिया गया है। हमे हराने के पीछे कोई षड़यंत्र है। एक बात निश्चित है कि कांग्रेस पार्टी की एजेंडा में कोई परिवर्तन नहीं आने वाला है। जो सामाजिक और आर्थिक मुद्दे हम उठाते रहे हैं उसे आगे भी उठाते रहेंगे। संविधान की सुरक्षा को लेकर हमें जो कदम उठाते हैं उसे उठाते रहेंगे। (हिफी)