जेलेंस्की को ट्रम्प की उचित सलाह

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ही शब्दों को दोहराते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लदिमिर जेलेंस्की को सलाह दी है। यह सलाह कड़े शब्दों मंे दी गयी ताकि यूक्रेनी राष्ट्राध्यक्ष को किसी प्रकार की गलतफहमी न रह जाए। भारत के पीएम मोदी ने दुनिया के युद्धरत नेताओं को हमेशा यही सलाह दी कि समस्या का समाधान बुद्ध के दर्शन में है युद्ध में नहीं महात्मा गौतम बुद्ध ने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया था। डोनाल्ड ट्रम्प कोई संत नहीं हैं और दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के राष्ट्रपति हैं, इसलिए उन्हांेने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से साफ शब्दों मंे कहा कि आप तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा मोल ले रहे हैं। जेलेंस्की ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन को जब हत्यारा कहा तो ट्रम्प ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई और कहा ‘आपके लोग मर रहे हें, आपके पास सैनिकों की कमी है इसके बावजूद आप युद्ध का खतरा उठाना चाहते हैं। ट्रम्प ने बहुत उचित सलाह दी है और जेलेंस्की को उस पर अमल करना चाहिए।
अमेरिका के व्हाइट हाउस में जेलेंस्की सामने बैठे थे और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप रूस से जंग में यूक्रेन के सैनिकों और उनकी वीरता का पाठ पढ़ रहे थे लेकिन यह पाठ इतना सीधा-सपाट नहीं था। शब्दों की तासीर कुछ अलग थी। तारीफ-तारीफ में समझ जाने की नसीहत थी। अब बस बहुत हो गया।। इस शब्द के साथ एक हिदायत भी छिपी हुई थी। दूसरी तरफ जेलेंस्की की बॉडी लैंग्वेज बता रही थी कि वह एक हारे हुए सिपाही हैं। बुझा-बुझा चेहरा और थका-थका शरीर। ट्रंप बोल रहे थे और हाथ बांधे वह सब सुन रहे थे। शांति डील की शर्तें जेलेंस्की के सामने ही ट्रंप ने एक तरह से फाइनल कर दी थीं। ट्रंप ने जेलेंस्की से साफ कहा- आपको हमारा शुक्रगुजार होना चाहिए। इसके साथ ही कहा कि मॉस्को के साथ कॉम्प्रोमाइज करना ही होगा। ट्रंप बोल रहे थे और जेलेंस्की के अंदर का लावा मानो फूटकर बाहर आने को उतावला था। उनका चेहरा यह बता रहा था। यह उन 10 मिनट से ठीक पहले का सीन था, जब दोनों में तीखी बहस शुरू हो गई थी और सूई चुभोने का काम किया पास बैठे जेडी वेन्स ने।
रूस और अमेरिका के बीच यूक्रेन युद्ध को लेकर पिछले दिनों सऊदी अरब में एक हाई लेवल मीटिंग हुई थी। इस बैठक में यूक्रेन पर विस्तार से चर्चा हुई। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव इस बैठक में शामिल हुए थे लेकिन इस बैठक में यूक्रेन की ओर से किसी को शामिल नहीं किया गया था। जेलेंस्की ने इस पर अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि यूक्रेन के भविष्य का फैसला ऐसे नहीं हो सकता है। इस बात से भी जेलेंस्की काफी खफा थे, जिसकी भड़ास उन्होंने ट्रंप के साथ हुई बैठक में निकाल दी। डोनाल्ड ट्रंप अपनी दूसरी पारी में एकदम बदले-बदले नजर आ रहे हैं। वह शुरुआत से ही युद्ध रोकने और रूस का पक्ष लेते नजर आ रहे हैं। सऊदी अरब में हुई बैठक के बाद ट्रंप ने कहा था कि पुतिन भी युद्ध के पक्ष में नहीं हैं। वह भी शांति चाहते हैं और समझौते के लिए तैयार हैं। इस दौरान उन्होंने जेलेंस्की को तानाशाह तक कह दिया। जेलेंस्की से बातचीत के दौरान भी ट्रंप लगातार रूस का पक्ष लेते हुए नजर आए।
जेलेंस्की ने जब रूस के राष्ट्रपति पुतिन को हत्यारा कहा तो ट्रंप ने जेलेंस्की को फटकार लगा दी। ट्रंप ने कहा, आपको शुक्रगुजार होना चाहिए कि युद्ध को समाप्त करवाया जा रहा है। हम जो महसूस कर रहे हैं, उसे डिक्टेट करने की आप स्थिति में नहीं हैं। आपके हाथ में अब कुछ (कार्ड्स) नहीं बचा है। आप लाखों लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं। आप तीसरे विश्व युद्ध से खेल रहे हैं। आप जो कुछ कर रहे हैं, वह इस देश के लिए बहुत असम्मानजनक है। अमेरिका का रूस के खिलाफ ये बदला नजरिया भी जेलेंस्की को रास नहीं आ रहा है। यूक्रेन खनिजों के मामले में एक समृद्ध देश है। यहां कई प्रकार के खनिज पाए जाते हैं। यूक्रेन में टाइटेनियम, यूरेनियम, मैंगनीज और नेचुरल गैस जैसे कुछ प्रमुख खनिज हैं। रूसी सेना ने पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। इन क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में मिनिरल्स मौजूद हैं। अब अगर युद्ध विराम हो जाता है और समझौता होता है, तो यूक्रेन को अपने खनिज क्षेत्र का बड़ा हिस्सा रूस को सौंपना होगा। बीते 3 साल से रूस का जंग लड़ने का मकसद यही मिनिरल्स हैं। जेलेंस्की को अपने इन मिनिरल्स को सौंपने का दर्द भी है, जो ट्रंप के साथ बातचीत में ज्वालामुखी के रूप में फटा है।
24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण का ऐलान कर दिया था। इसके बाद रूसी सेना ने यूक्रेन के कई शहरों पर बमबारी की और कई क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया। युद्ध अभी भी जारी है और दोनों पक्षों को भारी नुकसान हुआ है। युद्ध ने लाखों यूक्रेनियों को विस्थापित किया है। हजारों लोगों की जान जा चुकी है। यूक्रेन के कई शहर पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं। अर्थव्यवस्था थप हो गई है। ऐसे में यूक्रेन के पास अब हारने को कुछ नहीं है। जेलेंस्की कई बार कह चुके हैं कि वह इस युद्ध को आत्मसम्मान और अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं। इंसान के पास जब कुछ खोने के लिए नहीं रहता, तो वह बेखौफ हो जाता है। जेलेंस्की की स्थिति भी इन दिनों कुछ यही है। इसीलिए उन्होंने विश्व के सबसे शक्तिशाली इंसान से भिड़ने से पहले एक बार भी नहीं सोचा। जेलेंस्की ने इस पूरे ड्रामे के लिए ट्रंप से माफी मांगने से इनकार किया है।
ट्रंप और जेलेंस्की के रिश्तों में कड़वाहट किस हद तक घुल गई है, उससे दोनों का एक मेज पर बैठना मुमकिन नहीं है। शुक्रवार 28 फरवरी की रात व्हाइट हाउस में माहौल कितना तनावपूर्ण था, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि जेलेंस्की को वहां से समय से पहले ही निकलने को कह दिया गया। जेलेंस्की जिस मिनिरल्स डील के लिए आए थे, उस पर भी हस्ताक्षर नहीं किए गए। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, जेलेंस्की को ट्रंप के वरिष्ठ अधिकारियों ने व्हाइट हाउस से निकल जाने के लिए कहा था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वालोदिमिर जेलेंस्की के बीच व्हाइट हाउस में हुई बैठक के दौरान जो कुछ हुआ उससे अब दुनिया वाकिफ है। दोनों नेताओं के बीच हुई तीखी बहस के बाद अब यूक्रेन के राष्ट्रपति का एक बयान सामने आया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि व्हाइट हाउस में जो कुछ हुआ उसे लेकर मैं किसी से कोई माफी नहीं मांगने वाला हूं। जो हुआ वो दोनों देशों के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूक्रेन के रिश्ते किसी दो राष्ट्रपति तक के बीच ही सीमित नहीं है। ये रिश्ता ऐतिहासिक रहा है। हमारे लोगों के बीच काफी मजबूत रिश्ते रहे हैं। ईमानदारी से कहूं तो मैं चाहता हूं हमारे सहयोगी देश हर परिस्थिति को सही तरीके से समझें। मैं भी चीजों को सही से समझना चाहता हूं।हम अब तक ऐसे ही रहे हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने पहुंचे तो उम्मीद थी कि वो अपना रुख छोड़ेंगे और युद्ध समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे, लेकिन यहां उल्टा हो गया। जेलेंस्की दुनिया के सबसे ताकतवर शख्स से भिड़ गए। अमेरिका और यूक्रेन के बीच बात बिगड़ी तो कुछ देर की बहस के बाद जेलेंस्की व्हाइट हाउस छोड़कर निकल गए। अब जेलेंस्की को ठण्डे दिमाग से सोचना होगा कि दिमाग से सोचना होगा कि ट्रम्प जो कह रहे हैं, वहीं उचित है। (हिफी)