
गुप्त नवरात्रि महत्व
चैत्र और शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा-उपासना धूम-धाम से की जाती है, लेकिन गुप्त नवरात्रि में मां की पूजा गुप्त तरीके से करने का विधान है. गुप्त नवरात्रि में खास इच्छापूर्ति और सिद्धि प्राप्त करने के लिए पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं. मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में सिद्धि प्राप्त करने और तंत्र-मंत्र आदि का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि मां दुर्गा की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सभी कष्टों का नाश होता है. गुप्त नवरात्रि तंत्र साधना, जादू-टोना, वशीकरण आदि चीजों के लिए विशेष महत्व रखता है. इन दिनों मां दुर्गा की कठिन भक्ति और तपस्या की जाती है. खासकर निशा पूजा की रात्रि में तंत्र सिद्धि की जाती है. भक्ति और सेवा से प्रसन्न होकर मां दुर्लभ और अतुल्य शक्ति का वरदान देती है. साथ ही सभी मनोरथ सिद्ध करती हैं.
माघ माह के गुप्त नवरात्रि की अनुसार 2 फरवरी 2022, बुधवार को है.
गुप्त नवरात्रि पूजा विधि
शास्त्रों के अनुसार गुप्त नवरात्रि के दौरान भी चैत्र और शारदीय नवरात्रि की तरह ही घट स्थापना भी की जाती है. सुबह-शाम मां दुर्गा की पूजा की जाती है और मां को लौंग और बताशे का भोग लगाया जाता है. इसके बाद मां को शृंगार का सामान अर्पित किया जाता है. इतना ही नहीं, गुप्त नवरात्रि के दौरान सुबह-शाम दोनों समय दुर्गा सप्तशती का पाठ भी अवश्य करना चाहिए. ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र का जाप करें. ऐसा करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर जाती हैं.