लेखक की कलम

यूपी में बिछेगा सड़कों का जाल

(मोहिता स्वामी-हिफी फीचर)
सड़कें विकास की धमनियां होती हैं। उत्तर प्रदेश मंे योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 2017 मंे जब सत्ता संभाली थी, उस समय भी प्रदेश में एक्सप्रेस-वे बनाने का प्रयास चल रहा था लेकिन जिस गति से सड़कें बननी चाहिए, उस गति से नहीं बन पा रही थीं। योगी ने सड़कों का जाल बिछाना उसी समय से प्रारम्भ किया था। इस बार 20 फरवरी को प्रदेश सरकार का 8वां बजट पेश किया गया है। इस बजट मंे चार नए एक्सप्रेस-वे बनाने की घोषणा की गयी है। मोटे रूप से इसे इस प्रकार समझा जा सकता है कि पूरे प्रदेश को हाईवे और एक्सप्रेस-वे से जोड़ दिया जाएगा। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से गंगा एक्सप्रेस-वे कौसिया हरदोई वाया फर्रुखाबाद तक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे होगा। इसके लिए बजट में 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी की गयी है। बजट मंे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेन्स इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना के लिए भी 461 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश सरकार का अनुमान है कि इस डिफेंस कॉरिडोर मंे साढ़े नौ हजार करोड़ रुपये का निवेश मिलेगा। प्रदेश को विकास के पंख लगंेंगे, ऐसी उम्मीद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जतायी है। प्रदेश के लोकनिर्माण विभाग को 36 हजार करोड़ रुपये देने की बात बजट में कही गयी है।
उत्तर प्रदेश के बजट में एनसीआर के चार जिलों गाजियाबाद नोएडा बुलंदशहर और हापुड़ के लिए कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। इनमें से सबसे अहम है सड़कों का निर्माण है। गाजियाबाद में नार्दर्न पेरिफेरल रोड (एनपीआर) और बुलंदशहर में रिंग रोड बनेगा। इसके अलावा नोएडा में आईटी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई घोषणाएं की गई हैं। प्रदेश के विकास की रफ्तार और बढ़ाने के लिए सड़क व सेतुओं का जाल बिछाने पर 16,850 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार सेतुओं, रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) व रेलवे अंडर ब्रिजों (आरयूबी) के निर्माण पर 1,450 करोड़ रुपये खर्च करेगी। वहीं, राज्य में राजमार्गों के चौड़ीकरण पर 2900 करोड़ रुपये का व्यय किया जाएगा। साथ ही औद्योगिक व लाजिस्टिक पार्कों को जाने वाले मार्गों के नवीनीकरण व चौड़ीकरण के लिए 800 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
गत 20 फरवरी को सदन में पेश किए गए बजट में सरकार ने लोक निर्माण विभाग के लिए 36,855.90 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। राज्य सड़क निधि से सड़कों के अनुरक्षण पर 3,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं, 2,800 करोड़ रुपये से नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा। शहरों के बाईपास, रिंगरोड व चौराहों पर फ्लाईओवर के निर्माण के लिए 1,200 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है। इस राशि से बहराइच, मीरजापुर, गोंडा, मैनपुरी, फर्रुखाबाद में बाईपास व फ्लाईओवर का निर्माण कराया जाएगा। वहीं औरैया, भदोही, बुलंदशहर, संभल, चंदौली व बागपत में रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा।
सरकार ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य को लेकर प्रदेश में नार्थ-साउथ (उत्तर-दक्षिण) कॉरिडोर के विकास के लिए मार्गों के चौड़ीकरण, सुदृढीकरण व निर्माण की योजना के तहत बजट में 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते वर्ष प्रदेश के उत्तरी व दक्षिणी क्षेत्रों की कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए कॉरिडोर बनाने की मंशा जाहिर की थी। योजना के तहत उत्तराखंड का काशीपुर से मुरादाबाद-अलीगढ़-मथुरा होते हुए भरतपुर तक कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, मुरादाबाद से चंदौली तक कॉरिडोर बनाया जाएगा। बजट में ग्रामीण मार्गों एवं पुलियों के अनुरक्षण के लिए 2,700 करोड़ रुपये रखे गए हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लघु सेतुओं के निर्माण और मुख्यमंत्री ग्राम योजना के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गयी है।
ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम योजना नामक नई योजना शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत ग्रामीण मार्गों के नवनिर्माण व जिन गावों में सड़क नहीं है वहां पर सड़कों के निर्माण पर 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार ने सड़क सुरक्षा के लिए बजट में 250 करोड़ रुपये रखे हैं। यह राशि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षात्मक कार्यों पर खर्च की जाएगी। सड़क दुर्घटनाओं के मामले में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। बीते पांच वर्षों में देश में 7.7 लाख मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुई हैं। इनमें सर्वाधिक
1.08 लाख मौतें उत्तर प्रदेश में हुई हैं। पुल निर्माण के लिए 1,600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस राशि से 781 लघु सेतुओं का निर्माण किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के विकास के लिए 27000 करोड़ रुपए का प्रावधान उत्तर प्रदेश के बजट में किया गया है। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने अपनी घोषणाओं में नगर विकास, जलापूर्ति, सड़क और प्रधानमंत्री आवास जैसी योजनाओं के लिए अच्छा बजट घोषित किया है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर तक का प्रदेश सरकार के लक्ष्य के दृष्टिगत प्रदेश में नॉर्थ साउथ कॉरिडोर के विकास हेतु मार्गों के चौड़ीकरण, सदृढ़ीकरण और निर्माण की योजना प्रारम्भ की गई है, जिसके लिए 200 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है।
प्रदेश में सेतुओं एवं रेल उपरिगामी अथवा अधोगामी सेतुओं के निर्माण के लिए कुल 1450 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। राज्य राजमार्गों के चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण कार्यों के लिए 2900 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। राज्य सड़क निधि से सड़कों के अनुरक्षण के लिए 3000 करोड़ रुपये तथा निर्माण हेतु 2800 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश के ग्रामीण मार्गों एवं पुलियों के अनुरक्षण के लिए 2700 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। कृषि विपणन सुविधाओं के लिए ग्रामीण सेतुओं के निर्माण के लिये 1600 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित। शहर वासियों के आवागमन को सुगम बनाने के दृष्टिगत शहरों के बाईपास एवं रिंगरोड तथा चौराहों पर फ्लाईओवर आदि के निर्माण के लिए 1200 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
औद्योगिक और लॉजिस्टिक पार्क हेतु मार्गों के चौड़ीकरण, सुदृढीकरण और निर्माण कार्य के लिए 800 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री ग्राम योजनान्तर्गत ग्रामीण मार्गों के नवनिर्माण पुनर्निर्माण/ मिसिंग लिंक के निर्माण हेतु नई योजना प्रारम्भ की जा रही है। इस योजना हेतु 200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों के सुधार, रोड सेफ्टी कार्यों एवं सौन्दर्यीकरण हेतु 250 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। इस प्रकार प्रदेश में शहरों से गांवों तक सड़कों का जाल बिछ जाएगा। (हिफी)

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