लेखक की कलम

योगी की किसानों पर मेहरबानी

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के निजी नलकूपों पर बिजली बिल में 100 फीसदी तक की छूट देने का ऐलान किया है। इस योजना के तहत, 1 अप्रैल 2023 से किसानों को किसी भी प्रकार का बिजली बिल नहीं देना होगा। इसके अलावा, जो किसानों पर पुराने बिलों का बकाया है, उन्हें भी ब्याज रहित और आसान किस्तों में भुगतान करने की सुविधा दी जाएगी। यह सरकार की सुविधा है तो इसका फायदा सभी किसानों को मिलना चाहिए। प्रदेश में ऐसे किसानों की संख्या ज्यादा है जिनके पास अपने नलकूप नहीं हैं लेकिन उनको अपनी फसल की सिंचाई के लिए निजी नलकूपों से पानी लेना
पड़ता है। इस सिंचाई के लिए
किसानों को प्रति घंटा भुगतान करना पड़ता है। अब सरकार ने निजी नलकूपों को विजली दर में सौ फीसदी की छूट दी है तब इन्हें भी दूसरे किसानों को सस्ती दर पर पानी देना चाहिए। यह बात तक सरकार को भी मालूम
होगी कि निजी नलकूपों से भी दूसरे किसानों के खेत किराये पर सींचे जाते हैं। इस प्रकार सरकार की छूट का लाभ किसानों के बड़े वर्ग को मिलेगा। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में किसानों से यह वादा भी किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब उस वादे कर पूरा किया है।
केंद्र और राज्य सरकारें अपने नागरिकों की सुविधाओं और जरूरतों के आधार पर कई कल्याणकारी योजनाएं बनाती हैं, ताकि समाज के कमजोर वर्गों का उत्थान हो सके। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है, जिससे उन्हें राहत मिलेगी और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। यूपी में बीते कुछ दिनों से हर जिले से खाद की कमी की खबरें आ रही थीं। विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर आंदोलन कर रही थीं। इस बीच सरकार ने इसको लेकर स्थिति स्पष्ट की है। बताया गया है कि प्रदेश में अगले दो दिन में करीब आठ हजार मीट्रिक टन खाद पहुंच जाएगी। विभिन्न स्थानों से खाद लेकर 23 रैक उत्तर प्रदेश के लिए भेजी गई हैं। प्रदेश में अभी भी करीब ढाई लाख मीट्रिक टन से अधिक खाद उपलब्ध है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 17 नवम्बर को प्रदेश में खाद की उपलब्धता को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में मुख्य सचिव, कृषि विभाग के प्रमुख सचिव, सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि राज्य में किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं।
योगी सरकार ने 2024-25 के बजट में किसानों के निजी नलकूपों का बिजली बिल माफ करने की योजना के लिए 800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सरकार का दावा है कि इस निर्णय से लगभग 1.5 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी।यूपी के ऊर्जा मंत्री के अनुसार, राज्य में कुल 14,73,000 ग्रामीण नलकूप और 5,188 शहरी नलकूप हैं। इन सभी नलकूपों पर किसानों को बिजली बिल में छूट का लाभ मिलेगा। यह योजना योगी सरकार का चुनावी वादा था, जिसे अब पूरा किया गया है। किसानों को निजी नलकूपों पर 100 फीसद बिजली बिल छूट देने का वादा सरकार ने चुनाव के समय किया था, और अब उसे लागू कर दिया है। इस कदम से किसानों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा और उनके खेती के खर्चे कम होंगे, जिससे उन्हें अपनी आय बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
योगी सरकार द्वारा 33000 किसानों का कर्ज भी माफ किया गया है। इसको लेकर सरकार के द्वारा किसान कर्ज माफी लिस्ट को भी जारी किया जा चुका है। इस लिस्ट में उन सभी किसानों के नाम दर्ज किए गए हैं जिनका कर्ज सरकार माफ करेगी। किसान अपनी फसलों और खेती के लिए सरकार से कर्ज लेते हैं, लेकिन कई वजहों से किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है जिससे मुनाफा न होने के कारण किसान सरकार से लिया हुआ कर्ज वापस नहीं चुका पाते जिससे सरकार अपने घोषणा पत्रों में कर्ज माफी का वादा करती है और इसके लिए योजनाएं चलाती है। पिछले साल खरीफ का सीजन किसानों के लिए अच्छा नहीं रहा। किसानों को बाढ़, बारिश और सूखे ने जमकर नुकसान पहुंचाया। किसानों की करोड़ों रुपये की फसलें बर्बाद हो गई लेकिन किसानों के साथ ये इस साल ही नहीं है, हर साल किसानों की फसल किसी न किसी आपदा की चपेट में आकर बर्बाद
हो जाती है। किसान राज्य और केंद्र सरकार से कर्ज लेकर भरपाई करते
हैं लेकिन कई बार यह नाकाफी होता है। यूपी सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर किसानों की मदद के लिए कदम उठाया है। किसान कर्ज माफी राहत लिस्ट में जिनका नाम है, ऐसे किसानों का 100000 रूपए का कर्ज सरकार ने माफ कर दिया । देखा जाए तो उत्तर प्रदेश के गरीब किसानों के लिए यह बहुत ही ज्यादा बड़ी मदद है। इस योजना के द्वारा यूपी सरकार ने अब तक 86 लाख किसानों को लाभ प्रदान किया है।
यूपी किसान कर्जमाफी योजना एक महत्वपूर्ण कदम है जो उत्तर प्रदेश सरकार ने उठाया है। सरकार का मकसद किसानों को ऋण से छुटकारा दिलवाना है। यह योजना उन किसानों के लिए है जो अपनी फसलों में हुए नुकसान की वजह से ऋण की कठिनाइयों में फंस गए थे। योजना में भाग लेने के लिए किसानों को कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं । जैसे जो किसान चार पहिया वाहन, ट्रैक्टर या मोटर कार नहीं रखते। इसके अलावा किसान की आयु 21 वर्ष से अधिक होनी
चाहिए और वह उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए। कर्ज माफी योजना का लाभ लेने के लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट न्चंहतपबनसजनतमण्बवउ पर जाना होगा। इसके बाद आपको वहां 2024 कर्जमाफी योजना के विकल्प पर क्लिक करने को कहा जाएगा। क्लिक करने के बाद आपको नए रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करने के लिए कहा जाएगा। इसके बाद आप पूछी गई जानकारी वहां मौजूद पोर्टल पर देंगे जैसे नाम, बैंक खाता जानकारी और ऋण विवरण जैसी आवश्यक जानकारी आपको वहां देनी होगी। इसके बाद जरूरी दस्तावेज को अपलोड करें। इसके बाद सबमिट वाले ऑप्शन पर क्लिक करें और आवेदन प्रक्रिया को पूरा करेंगे।
खाद संकट को लेकर भी सरकार सचेत है। रबी की फसल के लिए तैयारी हो रही है। खाद की जरूरत है। प्रदेश में शीघ्र ही करीब आठ हजार मीट्रिक टन खाद पहुंच जाएगी। विभिन्न स्थानों से खाद लेकर 23 रैक उत्तर प्रदेश के लिए रवाना किये गये । प्रदेश में अभी भी करीब ढाई लाख मीट्रिक टन से अधिक खाद उपलब्ध है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने खाद की उपलब्धता की समीक्षा की। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी स्थान पर खाद की कमी न होने पाए। अधिकारियों ने बताया कि एक से 15 नवंबर के बीच प्रदेश में 85 फास्फेटिक उर्वरकों की रैक भेजी गई। इसमें 60 उर्वरक रैक प्रदेश को प्राप्त हो चुकी है, जिनमें 1.75 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 55 हजार मीट्रिक टन एनपीके आ चुकी है। 25 उर्वरक रैक भी शीघ्र पहुंचने की उम्मीद है। अभी प्रदेश में सहकारिता के पास 52 हजार मीट्रिक टन, निजी केंद्रों पर करीब 1.20 लाख मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है। (हिफी)

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