चीन ब्रह्मपुत्र पर बना रहा सबसे बड़ा बांध

भारत और चीन के रिश्तों में जमी बर्फ अब पिघलने लगी है। एलएसी से चीन पीछे हट गया है। शांति कायम करने की कोशिशें रंग लाती दिख रही हैं। भारत-चीन के बीच सीमा पर शांति को लेकर बातचीत अब बहुत पॉजिटिव है। मगर दूसरी ओर ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन एक अलग ही खेल खेलने की फिराक में है। चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर अपना दिमाग लगा दिया है। वह यहां डैम बनाने जा रहा है। अगर ऐसा संभव होता है तो चीन इतना बिजली पैदा करेगा कि उसका देश और चमक उठेगा। हालांकि, चीन के इस चाल से भारत को सचेत रहने की जरूरत है। एक अनुमान के मुताबिक नदी की जलविद्युत क्षमता का इस्तेमाल करने के लिए नदी के आधे बहाव को लगभग 2000 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड की दर से मोड़ना होगा और इसके लिए नामचा बरवा पर्वत के जरिए चार से छह 20 किमी लंबी सुरंगें खोदी जानी होंगी। डैम की जगह एक टेक्टोनिक प्लेट सीमा के साथ है जहां भूकंप आ सकते हैं।
चीन करीब 75 साल पहले कब्जाए गए तिब्बत में अब दुनिया का सबसे बड़ा डैम बनाने जा रहा है। यह दुनिया की किसी भी पावर परियोजना से कई गुना अधिक महंगा और विशाल होगा। भारत की ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत में पहुंचकर यारलुंग त्सांगपो के नाम से जानी जाती है। इसी नदी पर चीन दुनिया का सबसे बड़ा और महंगा डैम बना रहा है। इसी के साथ भारत के लिए चीन पर सुरक्षा के लिहाज से निगाह रखने का काम और अधिक बढ़ जाएगा।
तिब्बत की इसी सबसे लंबी नदी पर हाइड्रोपावर डैम बनाकर सालाना 300 बिलियन किलोवाट प्रति घंटे बिजली उत्पादन का योजना बनाए हुए है। यह पावरफुल प्लांट चीन के ही थ्री गॉर्जस डैम से तीन गुना अधिक बिजली पैदा करेगा। इसे बनाने में कुल लागत 1 ट्रिलियन युआन (137 बिलियन अमेरिकी डॉलर) यानी 10.96 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। यानी दुनिया में इससे महंगा कोई और ऐसा प्रोजेक्ट अभी तक नहीं बताया जा रहा है।