लेखक की कलमसम-सामयिक

महंगा साबित हो सकता हेमंत का प्रोत्साहन

 

झारखण्ड मंे हेमंत सोरेन की सरकार ने अपनी जनता को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित किया है इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक योजना शुरू की है। इस योजना के तहत पेड़ लगाने पर बिजली बिल में छूट दी जाएगी। लगभग पांच महीने पहले ही इस योजना को मंजूरी मिली थी।

सरकार केन्द्र की हो अथवा राज्य की, अगर जनता को अच्छे कार्य के लिए प्रोत्साहित करती है तो इसे हितकर माना जाता है। कभी-कभी यहीे प्रोत्साहन महंगा भी साबित होता है क्योंकि इनपुट तो हम ज्यादा कर देते हैं लेकिन आउटपुट कम मिलता है। सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए भी ऐसे प्रोत्साहन होते हैं। झारखण्ड मंे हेमंत सोरेन की सरकार ने अपनी जनता को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित किया है इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक योजना शुरू की है। इस योजना के तहत पेड़ लगाने पर बिजली बिल में छूट दी जाएगी। लगभग पांच महीने पहले ही इस योजना को मंजूरी मिली थी। झारखंड भी अन्य राज्यों की तरह बिजली संकट से जूझ रहा है। बिजली बिल मंे छूट देने से लोग अपने घरों के आस-पास फलदार एवं छायादार वृक्ष लगाने के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं लेकिन इसकी माॅनीटरिंग ठीक तरह से होनी चाहिए। लोग पौधे लगाएं तो उनकी देखभाल भी करें। इसलिए पेड़ जब तक बड़ा न हो जाए तब तक उपभोक्ता को छूट नहीं मिलनी चाहिए। बिजली बिल मंे छूट देने से राज्य सरकार के खजाने मंे कमी आएगी। इसलिए यह देखना जरूरी होगा कि उपभोक्ता ने ऐसे पेड़ लगाए हैं जो हरियाली को विकसित कर रहे हैं। लगभग एक महीने बाद अर्थात् 29 दिसम्बर को हेमंत सोरेन सरकार के चार साल पूरे होने वाले हैं। इस दौरान राज्य सरकार ने कई योजनाएं लागू की हैं। प्रमुख रूप से सावित्री बाईफुले किशोरी समृद्धि योजना, गुरू जी स्टूडेन्ट क्रेडिट कार्ड योजना, झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना है। इनके नतीजे बहुत अच्छे नहीं रहे हैं। इसलिए नई योजना का भी मूल्यांकन ठीक से कराना होगा। विधानसभा चुनाव अब नजदीक आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में पेड़ लगाओ, बिजली बिल में छूट पाओ की योजना शुरू है। इसके तहत फरवरी महीने तक लोग नगर निकायों के दफ्तर में आवेदन कर सकेंगे। यह योजना सिर्फ शहरी क्षेत्रों के लिए है, जिसमें पौधे लगाने वालों को प्रति पेड़ पांच यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। यह लाभ अधिकतम पांच पेड़ के लिए मिलेगा, यानी एक उपभोक्ता पांच पेड़ों के एवज में 25 यूनिट तक की मुफ्त बिजली का लाभ ले सकेगा। इस योजना को सरकार ने जुलाई महीने में ही मंजूरी दी थी।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक साल पहले वन महोत्सव के दौरान घोषणा की थी कि शहरी क्षेत्रों में जो लोग अपने आवासीय परिसर में पेड़ लगाएंगे, उन्हें प्रति पेड़ पांच यूनिट बिजली पर सब्सिडी दी जाएगी। सरकार ने इस योजना को वित्तीय वर्ष 2023-24 से लागू करने की स्वीकृति दी है। यह लाभ निजी आवासीय परिसर में फलदार और बड़े छायादार वृक्ष लगाने पर ही मिलेगा। जब तक कैंपस अथवा घरों के परिसर में पेड़ रहेंगे, उपभोक्ताओं को बिजली बिल में छूट का यह लाभ मिलता रहेगा। इस योजना का उद्देश्य राज्य के शहरी क्षेत्रों में हरियाली को विकसित करना और पर्यावरण को स्वच्छ रखना है। आवासीय परिसरों में लगाए गए पेड़ों की गणना नगर निकाय करेगा और इसकी सूची वन विभाग को सौंपी जाएगी। वन विभाग पेड़ों की सूची के आधार पर इसकी मॉनिटरिंग करेगी और पेड़ों की लंबाई चैड़ाई मापने के बाद इस योजना के योग्य लाभुकों की सूची बिजली विभाग को सौंपेगा।

इससे पहले झारखंड सरकार ने सरकारी योजनाओं तक जरूरतमंद लोगों की पहुंच आसान करने और राशन कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, पेंशन योजना, जॉब कार्ड, आयुष्मान कार्ड, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड सहित अलग-अलग तरह के आवेदनों का मौके पर निपटारा करने के लिए आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार अभियान की शुरुआत की थी।

झारखंड के 9 जिलों में बिजली संकट है। इनमें रांची, कोडरमा, लोहरदगा, दुमका, पलामू, गिरिडीह, हजारीबाग, रामगढ़ और चतरासे शामिल है। यहां जनता को बिजली संकट झेलना पड़ता। कोडरमा के बांझेडीह में डीवीसी के 1000 मेगावट के कोडरमा थर्मल पावर प्लांट से अगले 28 दिनों तक के लिए ओवरवाइलिंग और मेंटेनेंस कार्य को लेकर विद्युत उत्पादन के 500 मेगावट की एक यूनिट बंद किया जा रहा है। हालांकि डीबीसी दावा कर रही है कि विद्युत आपूर्ति में सामंजस्य बनाए रखने को लेकर डीवीसी दूसरे पावर प्लांट से इन कमांड एरिया में विद्युत की आपूर्ति करेगी, जिसको लेकर व्यापक रणनीति बनाई जा रही है।

केटीपीएस के परियोजना प्रधान दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के एक यूनिट से बिजली उत्पादन 28 अक्टूबर से अगले 28 दिनों 25 नवंबर तक कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के यूनिट नंबर 2 से बिजली उत्पादन बंद किया गया। इस दौरान प्लांट के एक यूनिट का ओवरवाइलिंग और मेंटेनेंस का कार्य किया गया। कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के दो यूनिट से 500-500 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है। एक यूनिट के बंद होने से 1000 मेगावाट क्षमता वाले इस प्लांट से महज 500 बिजली उत्पादित की जाएगी। इस प्लांट से उत्पादित बिजली का पावर सप्लाई झारखंड के विभिन्न जिलों में किया जाता है।

झारखंड सरकार ने अलग-अलग सरकारी योजनाओं तक जरूरतमंद लोगों की पहुंच आसान करने और राशन कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, पेंशन योजना, जॉब कार्ड, आयुष्मान कार्ड, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड सहित विभिन्न तरह के आवेदनों का मौके पर निपटारा करने के लिए आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार अभियान की शुरुआत की।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार 29 दिसंबर को अपने चार साल पूरे करेगी। इस अभियान का उद्देश्य सुदूर इलाकों के लोगों तक सरकार की सीधी पहुंच सुनिश्चित करना है। हेमंत सोरेन ने अपने निर्वाचन क्षेत्र बरहेट विधानसभा क्षेत्र के भोगनाडीह से इस अभियान की शुरुआत की। इस मौके पर गोपलाडीह मैदान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के बीच करोड़ों की परिसंपत्तियों का वितरण किया। सीएम ने कहा कि आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार अभियान के तहत लगाए जाने वाले कैंपों में हर आवेदन का रजिस्ट्रेशन होगा और उस पर की जाने वाली कार्रवाई का संदेश मोबाइल पर आएगा। हमारी सरकार ‘गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम’ में 10वीं पास बच्चों को इंजीनियर, डॉक्टर, वकील की पढ़ाई के लिए 4 साल के खर्च का ऋण देगी। ऋण की यह राशि नौकरी लगने के एक साल बाद किस्तों में वापस करनी होगी। इस योजना के तहत लाभार्थी को कोई गारंटी देने की जरूरत नहीं है। श्आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वारश् अभियान 4,300 से ज्यादा पंचायतों और सभी नगर निकायों में कैंप लगाकर लोगों के आवेदनों का मौके पर निपटारा जायेगा। राज्य से लेकर जिला और प्रखंड स्तर तक के अधिकारी इन कैंपों में खुद मौजूद रहेंगे। ऐसा अभियान 2021 और 2022 में भी चलाया गया था। राज्य सरकार के मुताबिक, वर्ष 2021 में इस तरह चलाए गए कार्यक्रम के दौरान कुल 35.95 आवेदन मिले थे। इनमें से 35.56 लाख आवेदनों का निपटारा किया गया। इसी तरह वर्ष 2022 में 55.44 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे। इन शिकायतों को दूर करना ज्यादा जरूरी है। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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