चिंतन-मनन
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प्रकृति का सर्वोत्तम रूप प्रकाश
प्रकृति विराट है। अनंत आयामी है। बहुरूपवती है। यह सदा से है। प्रतिपल नए रूप में होती है। सभी…
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देवी उपासना के उत्सव
देवी उपासना के उल्लासधर्मा उत्सव चल रहे हैं। यह प्रकृति की आराधना है। प्रकृति मां है। हम सब इसी…
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हिन्दुत्व व हिन्दुइज्म
भारत में धर्म का सतत् विकास हुआ है। यहां धार्मिक विकास की यात्रा मजेदार है। यहां दर्शन और वैज्ञानिक…
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भारतीय संस्कृति के देवता हनुमान
(हृदयनारायण दीक्षित-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा) भारत की देव-प्रतीति निराली है। जहाँ-जहाँ दिव्यता, वहाँ-वहाँ देवता के दर्शन होते हैं। इसीलिए अनेक…
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घर और उससे लगाव
(हृदयनारायण दीक्षित-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा) घर प्राचीनकाल से मनुष्य की जिज्ञासा रहे हैं। हमारा गाँव नदी के किनारे है। नदी…
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नेशनलिज्म और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
इसके पहले राष्ट्र जैसी कल्पना भारत के अलावा दुनिया के किसी अन्य देश में नहीं दिखाई पड़ती है। यूरोपीय अपने…
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शंकराचार्य का दर्शन
पूरा ब्रह्माण्ड, प्रकृति या सृष्टि सब एक है। अस्तित्व में द्वैत नहीं है। हम-आप संसार में बहुलता देखते हैं। कम…
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इतिहास के विरल नक्षत्र हैं डा. आम्बेडकर
इतिहास प्रायः अपनी राह चलता है लेकिन विचार और संकल्प से समृद्ध महानुभाव इतिहास की गति में हस्तक्षेप भी करते…
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धर्म और अधर्म से परे ज्ञान
आत्मज्ञान स्वयं का बोध है लेकिन स्वयं द्वारा स्वयं को जानना कठिन है। ज्ञान प्राप्ति में हमेशा ‘दो तत्व’ होते…
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हिप्पोक्रेटस की जगह चरक संहिता की शपथ
* चरक ने धन लोभ को बताया है निंदनीय#हिप्पोक्रेटस * शपथ लेने के बाद चिकित्सक क्या करेंगे इसका अनुसरण#चरक संहिता…
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