सियासी दुश्मनी एक और उदाहरण
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू रिश्वत कांड के मामले मंे गिरफ्तार किये गये हैं। इसे राज्य मंे सियासी दुश्मनी का एक हिस्सा बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने भी कितने ही दिन जेल मंे बिताए और उसका कारण तब चंद्रबाबू नायडू बताये जा रहे थे। दक्षिण भारत मंे सियासी दुश्मनी की कहानियां हमेशा तरोताजा हुआ करती हैं। तमिलनाडु मंे पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि को रात में सोते समय जगाया गया और जिस तरह गिरफ्तार कर ले जाया गया था, उसने शांतिप्रिय लोगों को स्तब्ध कर दिया था। महाराष्ट्र में भी उद्धव ठाकरे की सरकार मंे केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी को राजनीतिक प्रतिघात ही बताया गया था। तेलुगुदेशम पार्टी (टीडीपी) नेता चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी उस समय हुई है जब वह केन्द्र मंे सत्तारूढ़ भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए का हिस्सा बनने जा रहे थे लेकिन जगनमोहन रेड्डी ने राज्यसभा मतदान में भाजपा का साथ दिया था। इसलिए भाजपा के लिए इस मामले मंे असमंजस की स्थिति है।
चंद्रबाबू नायडू को पता नहीं था कि इतिहास अपने को दोहराता भी है। आंध्र प्रदेश मंे 2012 में सरकार तो कांग्रेस की थी लेकिन भाजपा के साथी चंद्रबाबू नायडू उस समय जगन मोहन रेड्डी के दुश्मन बन गये थे। जगन मोहन के पिता वाईएस रेड्डी तब आंध्र प्रदेश के सीएम थे। दुर्भाग्यवश एक हवाई दुर्घटना के वह शिकार हो गये। जगन मोहन रेड्डी अपने पिता की कुर्सी मांग रहे थे लेकिन कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं हुई। जगनमोहन रेड्डी ने बगावत शुरू कर दी और इसका फायदा चन्द्रबाबू नायडू ने उठाया। राजशेेखर रेड्डी सरकार के मंत्रियों के भ्रष्टाचार की जांच हुई। वह रिपोर्ट लीक हो गयी थी। रिपोर्ट मंे जगन मोहन रेड्डी की सम्पत्ति की छानबीन का ब्यौरा भी था। इस प्रकार रिपोर्ट मिलते ही टीडीपी ने जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति का आरोप लगाते जांच कराने का अभियान चलाया। इसके बाद सीबीआई और ईडी की जांच हुई। जगन मोहन रेड्डी को गिरफ्तार किया गया। वह 16 महीने जेल मंे रहे थे। सत्ता में आने के बाद जगन मोहन रेड्डी का ऐक्शन शुरू हुआ।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को 9 सितंबर को सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था। विजयवाड़ा कोर्ट ने उनको 14 दिन के लिए जेल भेज दिया। कोर्ट के आदेश के बाद नायडू को राजामहेंद्रवरम सेंट्रल जेल लाया गया।सुरक्षा के मद्देनजर उनको जेल के स्पेशल कमरे में रखा गया। यह आदेश उनकी जान के खतरे को देखते हुए दिया गया। पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को जेड-प्लस सिक्योरिटी मिली हुई है। कथित भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को भ्रष्टाचार के कथित मामले में गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एक अदालत के समक्ष पेश किया गया था। नायडू को चिकित्सकीय जांच के लिए विजयवाड़ा के सरकारी जनरल अस्पताल ले जाया गया था। इससे पहले, उनसे कुंचनपल्ली स्थित सीआईडी के विशेष जांच दल (एसआईटी) कार्यालय में लगभग 10 घंटे तक पूछताछ की गई थी। करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार तेदेपा प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू की रिमांड पर अदालत का फैसला आने से पहले आंध्र प्रदेश पुलिस ने किसी भी प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। विजयवाड़ा शहर में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।
सीआईडी के दल ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को सुबह करीब छह बजे नंदयाल शहर के ज्ञानपुरम स्थित आर के फंक्शन हॉल के बाहर से गिरफ्तार किया था। नायडू को उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह सभी सुविधाओं से लैस अपनी बस में सो रहे थे। आंध्र प्रदेश पुलिस ने कथित कौशल विकास निगम घोटाले में नायडू को ‘मुख्य षड्यंत्रकारी’ बताया था। ऐसा आरोप है कि इस कथित घोटाले से राज्य सरकार को 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सीआईडी प्रमुख एन संजय ने कहा था कि नायडू इस मामले के ‘मुख्य षड्यंत्रकारी थे।
अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने कहा है कि कथित कौशल विकास निगम घोटाला मामले में गिरफ्तार तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं किया। प्रश्नों के अस्पष्ट उत्तर देते हुए कहा कि उन्हें कुछ बातें याद नहीं हैं। अधिकारियों ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को नंदयाल से विजयवाड़ा ले जाने के लिए एक हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की थी, लेकिन विपक्ष के नेता ने इसका इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्यकर्ताओं ने काफिले को कई बार रोका, जो उनके द्वारा अपने पद के दम पर कानून प्रवर्तन अधिकारियों को डराए जाने का एक संकेत है। इसमें कहा गया नायडू से उन नोट फाइल के आधार पर प्रश्न पूछे गए, जो इस ‘केस डायरी’ से जुड़े साक्ष्य का हिस्सा हैं, लेकिन उन्होंने सवालों का जवाब देते समय सहयोग नहीं किया और अस्पष्ट रूप से उत्तर दिया कि उन्हें तथ्य याद नहीं हैं। इस संबंध में, मध्यस्थों की उपस्थिति में रिपोर्ट तैयार की गई और उनके (नायडू) द्वारा विधिवत सत्यापित की गई।
सीआईडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि सीआईडी कार्यालय लाए जाने के बाद नायडू से अपराधों में उनकी भूमिका के बारे में मध्यस्थों की उपस्थिति में पूछताछ की गई। रिपोर्ट के अनुसार, कानूनी सलाहकार से परामर्श करने, अपने परिवार के सदस्यों से मिलने और भोजन और जलपान करने के लिए उन्हें उनके अनुरोध के अनुसार पूछताछ से अल्पकालिक विश्राम दिया गया।
इसमें कहा गया है कि टीडीपी प्रमुख के भागने का खतरा नहीं है। सीआईडी ने आरोप लगाया कि चंद्रबाबू नायडू और तेलुगु देशम पार्टी कथित अवैध धन के लाभार्थी थे। अदालत में दाखिल रिमांड रिपोर्ट के अनुसार, नायडू को आरोपी 37 (ए 37) के रूप में नामजद किया गया है। सीआईडी ने मामले में पूर्व सरकारी कर्मचारियों जी सुब्बा राव और के लक्ष्मीनारायण को क्रमशः ए1 और ए2 के रूप में नामजद किया है। राज्य मंे चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन भी हुए। भाजपा की नेता ने भी गिरफ्तारी का विरोध किया लेकिन बंद व प्रदर्शन को समर्थन नहीं दिया। कांग्रेस भी खुलकर नहीं आ रही है। लोकसभा चुनाव के साथ ही यहां विधानसभा चुनाव होना है। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)