लेखक की कलमसम-सामयिक

वैश्विक है योगी की सोच और दृष्टि

 

योगी ने अभी हाल में दो बयान दिये जो उनकी वैश्विक सोच को दर्शाते हैं। पहला बयान पाकिस्तान स्थित सिंध को भारत में मिलाने का है तो दूसरा बयान हमास के पक्ष मंे बोलने वालों पर सख्त कार्रवाई है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर भी हैं। संत-महात्माओं का भूगोल सीमित नहीं होता। हमारे देश के संतों ने ही कहा- ‘सर्वे भवन्तु सुखिना, सर्वे संतु निरामया’ इसलिए योगी आदित्यनाथ की सोच और दृष्टि का भी क्षेत्र सीमित नहीं है। गोरक्षपीठ ने देश को सामाजिक और आध्यात्मिक के साथ राजनीतिक दिशा भी दी है। दशकों तक गोरखपुर संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व भी गोरक्षपीठ ने किया है। योगी आदित्यनाथ भी सांसद रहते हुए ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और इस दायित्व को संभालते हुए 6 वर्ष बीत चुके हैं। अभी हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने दो ऐसे बयान दिये जिन पर विशेष रूप से चर्चा हो रही है। हालंाकि दोनों बयान योगी आदित्यनाथ की सोच और दृष्टि के अनुरूप हैं। योगी आदित्यनाथ ने पाकिस्तान स्थित सिंध प्रांत का जिक्र करते हुए कहा कि यह भारतखंड का ही एक हिस्सा है। वहां की जनता के साथ अत्याचार किया जा रहा है। इसलिए अगर हम पांच सौ साल के संघर्ष के बाद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला के मंदिर का निर्माण कर सकते हैं तो सिंध को भी उसके वास्तविक भू-भाग से जोड़ने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री योगी ने यह बात सिंधी समाज के एक कार्यक्रम मंे कही थी। योगी का दूसरा बयान इजरायल पर आतंकी संगठन हमास के क्रूर हमले से जुड़ा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकी हमले की निंदा करते हुए इजरायल के साथ मजबूती से खड़े होने का आश्वासन दिया है। इस प्रकार मोदी का यह आश्वासन भारत की विदेश नीति का एक अंग बन गया। हमास लड़ाकू फिलस्तीनियों का संगठन है इसलिए कुछ लोगों ने हमास के हमले का समर्थन यूपी मंे भी किया है जिनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। योगी आदित्यनाथ ने साफ-साफ कह दिया कि इजरायल पर हमास के हमले पर भारत की नीति के खिलाफ कोई बोलेगा तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। योगी के इस बयान को भी वैश्विक बताया जा रहा है।

पाकिस्तान में कई हिंदू मंदिरों को कट्टरपंथियों ने निशाना बनाया है। मंदिरों को तोड़े जाने और ईशनिंदा के आरोपों से सिंध के हिंदू दहशत में रहते हैं। अक्टूबर 2021 में सिंध प्रांत के कोटरी में एक हिंदू शिव मंदिर में तोड़फोड़ की गयी। जनवरी 2020 में भी सिंध के चाचरों में कट्टरपंथियों ने माता रानी भटियानी देवी का मंदिर ध्वस्त कर दिया और देवी की मूर्ति पर कालिख पोत दी थी। सितंबर 2019 में धार्मिक नेता मियां मिट्ठू के समर्थकों ने सिंध में तीन मंदिरों को तोड़ दिया था। थाटा जिले में भी 2017 के दौरान हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियों को नाले में फेंका गया था। जून 2023 में कराची के मरी माता मंदिर को रॉकेट लॉन्चर के हमले से तोड़ा गया। कट्टरपंथियों ने 150 साल पुराने मंदिर को बाद में बुलडोजर भी तोड़ा था। इसके बाद भी सिंध में हिंदू मंदिरों पर हमले का सिलसिला जारी है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित सिंधी सम्मेलन में ऐसा बयान दिया कि पाकिस्तान आग-बबूला हो गया। योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि 500 साल बाद अगर राम मंदिर को वापस लिया जा सकता है तो कोई कारण नहीं है कि सिंध को हम वापस नहीं ले सकते हैं। पाकिस्तान ने कहा योगी अखंड भारत के दावे को हवा दे रहे हैं। इससे पहले भी योगी आदित्यनाथ पाकिस्तान को लेकर तल्ख बयान दे चुके हैं। अब यह चर्चा शुरू हुई है कि आखिर योगी आदित्यनाथ पाकिस्तानी सूबे सिंध को वापस क्यों लेना चाहते हैं? आरएसएस और उससे जुड़े संगठन दशकों से अखंड भारत की बात करते रहे हैं। सितंबर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक युवा को जवाब दिया था कि जब तक आप बूढ़े होंगे, तब अखंड भारत का सपना पूरा हो जाएगा। इस सपने को साकार होने में 20 से 25 साल लग सकते हैं। नए संसद भवन में भी केंद्र सरकार ने अखंड भारत की तस्वीर लगाई है, जिसका पाकिस्तान ने विरोध किया था। दरअसल, हिंदू बाहुल्य सिंध प्रांत में आस्था से जुड़े कई मंदिर और प्रतीक हैं। वहां हिंदुओं की दयनीय हालत की खबरों के बाद भारत में शामिल करने की मांग उठती रही है। योगी के इस बयान को बीजेपी के हिंदुत्व के अनुकूल ही माना जा रहा है। योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व और राष्ट्रवाद का असरदार चेहरा हैं। सिंध के हिंदुओं के बहाने उन्होंने भारत के हिंदुओं को साधने की कोशिश की है।

2017 की जनगणना के अनुसार, पाकिस्तान में हिंदू आबादी कुल जनसंख्या का 2.14 फीसदी है। हिंदू संगठनों का दावा है कि पाकिस्तान में हिंदू आबादी 4 फीसदी है, मगर पहचान पत्र नहीं होने के कारण उनकी गिनती नहीं होती है। पाकिस्तान के सिंध और पंजाब में ज्यादातर हिंदू बसे हैं। सिंध में हिंदू धर्म मानने वालों की संख्या 4.17 मिलियन है, जो प्रांत की आबादी का 8.73 फीसदी है। सिंध के उमरकोट जिले में हिंदुओं की आबादी 51 फीसदी से भी अधिक है। आजादी के बाद पाकिस्तान में हजारों मंदिर तोड़े गए। इसके बाद भी कई प्रसिद्ध मंदिरों को स्थानीय हिंदुओं ने दोबारा बनवाया। सिंध के कराची के बारीकलां में हिंगलाज माता का मंदिर है, जो 51 शक्तिपीठों में से एक है। माना जाता है कि हिंगलाज मंदिर में ही सती का सिर गिरा था।

इसी प्रकार योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि इजरायल-हमास युद्ध पर भारत सरकार के स्टैण्ड के खिलाफ बोलने वालों की खैर नहीं। उन्हांेने सख्त आदेश दिये हैं कि इस मामले में सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। योगी ने कहा कि सोशल मीडिया या किसी भी धार्मिक स्थल से भारत सरकार के स्टैण्ड के खिलाफ बयान जारी होने पर ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। इजरायल-हमास के बीच जारी संघर्ष वैश्विक राजनीतिक व्यवस्था में एक ऐसी घटना है, जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ने वाला है। भले ही इस संघर्ष में सीधे तौर से इजरायल-हमास और फिलिस्तीन जुड़े हुए हों, लेकिन यह मसला दुनिया के कई देशों के लिए अग्नि-परीक्षा बन कर सामने आया है। फिलिस्तीन और इजरायल के बीच अपने-अपने अस्तित्व को लेकर संघर्ष आधुनिक समय के लिहाज से दशकों पुराना है। ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में इसका संबंध सदियों पुराना कहा जा सकता है। फिलिस्तीन और इजरायल के बीच अस्तित्व को लेकर जारी संघर्ष में भारत जैसे कई देश हमेशा से ‘टू स्टेट’ समाधान पर जोर देते आये हैं। हमास के इजरायल पर हमला के बाद उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर बयान जारी किया जाता है। इजराइल में आतंकी हमलों पर गहरा दुःःख जताते हुए कहा कि भारत इस कठिन समय में इजरायल के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है।

प्रधानमंत्री के बयान से स्पष्ट है कि हमास के हमले को उन्होंने आतंकी हमला बताया। इसके बाद 10 अक्टूबर को बेंजामिन नेतन्याहू से जब फोन पर बातचीत हुई, तब भी उन्होंने साफ तौर से कहा कि भारत के लोग इस मुश्किल घड़ी में इजरायल के साथ मजबूती से खड़े हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत दृढ़ता से और स्पष्ट रूप से आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा करता है। यहाँ भी पीएम मोदी ने जो कुछ कहा, उसका सार है कि भारत आतंकवाद के किसी भी रूप का समर्थन नहीं कर सकता है। प्रधानमंत्री के बयान में कहीं भी फिलिस्तीन का जिक्र नहीं है और न ही हमास का नाम लिया है। हालांकि आतंकी हमला शब्द का इस्तेमाल करके पीएम मोदी ने ये तो जाहिर कर दिया कि भारत की नजर में हमास का हमला आतंकी हमले की कैटेगरी में है। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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