राजनीतिलेखक की कलम

आपस में ही लड़ रहे ‘इंडिया’ के सेनानी

 

 

भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए दो दर्जन से ज्यादा राजनीतक दलों ने इंडिया के नाम से गठबंधन बनाया था लेकिन पांच राज्यों के चुनाव नतीजों ने विपक्ष के नेताओं का एकता-प्रेम भंग कर दिया है। विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक 6 दिसम्बर को होनी थी लेकिन उसे टाल दिया गया। कारण समय की अनुपलब्धता बताया गया है लेकिन समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी का बयान बताता है कि बैठक में कुछ नेता जाने को तैयार ही नहीं थे। बिहार में मुख्य रूप से सत्ता संभाल रही जद(यू) के नेता ने भी पांच राज्यों मंे सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों में तालमेल न होने का आरोप लगाया है। उधर, हरियाणा मंे कांग्रेस की नेता किरण चौधरी ने तमाम बहाने करने के बाद भी यह स्वीकार किया कि पराजय का बड़ा कारण गुटबाजी रही है। पश्चिम बंगाल के सबसे चर्चित नेता और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कांग्रेस की आत्ममुग्धता को पराजय का कारण बताया है। उन्हांेने इशारों-इशारों में यह भी कह दिया कि इसके चलते विपक्षी दलों का महागठबंधन (इंडिया) अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएगा। अभिषेक बनर्जी ने कांग्रेस में आंतरिक कलह को समाप्त करने का आह्वान भी किया है। आश्चर्य तो इस बात का है कि विपक्षी दलों के इस गठबंधन की बैठक के बारे मंे कुछ नेताओं को जानकारी तक नहीं की। यह बैठक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष जानकारी तक नहीं थी। यह बैठक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे के आवास पर होनी थी, इसलिए यह भी कहा जा रहा है कि विपक्षी दलों के नेता कांग्रेस की छतरी के नीचे चलने को तैयार नहीं हैं।

इंडिया विपक्षी गठबंधन के बड़े नेताओं की 6 दिसम्बर को होने वाली बैठक टल गई है। अगली बैठक की तारीख बाद में आएगी। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के कुछ घटक दलों के प्रमुख नेताओं के पास 6 दिसंबर को समय की अनुपलब्धता के चलते बैठक स्थगित की गई है। फिलहाल गठबंधन की ‘अनौपचारिक समन्वय बैठक’ होगी। जिसमें पार्टियों के संसदीय दल के नेता शामिल होंगे। इससे पहले विपक्षी दलों के गठबंधन की 6 दिसंबर को होने वाली बैठक पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि ‘मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है और मेरे उत्तर बंगाल के कुछ कार्यक्रम तय हैं। अगर इस बारे में जानकारी होती तो मैं उत्तर बंगाल के कार्यक्रम में नहीं जाती। मैं उत्तर बंगाल के दौरे पर जा रही हूं। वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता राजेंद्र चैधरी ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का दिल्ली में होने वाली विपक्ष के इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) की बैठक में जाने का कोई कार्यक्रम नहीं है। सपा के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बिना किसी छिपाव के कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की इंडिया गठबंधन की बैठक मंे शामिल होने का कोई कार्यक्रम ही नहीं था। बैठक के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी।

गौरतलब है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बीच विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं की छह दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर बैठक बुलाई गई थी।

इसी संदर्भ में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने कहा था कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में ‘इंडिया’ गठबंधन के साझेदारों के साथ कोई तालमेल नहीं कर अकेले चुनाव लड़कर गलती की। पांच राज्यों के नतीजों की पश्चिम बंगाल तक हलचल है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने तो साफ-साफ कहा कि कांग्रेस अपनी आंतरिक कलह से निपटने का प्रयास करे।

इन चुनाव नतीजों ने हरियाणा में भी हलचल पैदा की है। हरियाणा में छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत और अपनी हार को कांग्रेस हजम नहीं कर पा रही है। हरियाणा के भिवानी में कांग्रेस की सीनियर लीडिर किरण चौधरी ने बीजेपी की जीत पर सवाल खड़े किए। साथ ही कहा कि कांग्रेस की गुटबाजी की वजह से भी नुकसान हुआ। चौधरी ने बीजेपी को वोट देने पर जनता को भी कोसा। कांग्रेस की जानी मानी नेता किरण चौधरी ने भिवानी में आवास पर अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। समस्याओं को लेकर संबंधित अधिकारियों को फोन कर समाधान के निर्देश दिए।

किरण चैधरी मीडिया से भी रूबरू हुई और बीजेपी की प्रचंड जीत और कांग्रेस की करारी हार से विचलित दिखीं। किरण चौधरी ने कहा कि हम इस बारे में समीक्षा करेंगे। लेकिन आज जो हालात हैं और देश का सत्यानाश हो रहा है। बेरोजगारी के चलते युवा दुसरे देशों में पलायन कर रहे हैं। पीने को पानी नहीं, विकास हो नहीं रहा, कर्मचारी भी दुखी और फिर भी वोट बीजेपी को देते हैं तो लोग ही बताएँगे ऐसा क्यों। किरण ने कहा कि कुछ ऐसा हो रहा है जो हमें समझ नहीं आ रहा। उन्होंने ईवीएम में गड़बड़ी की भी आशंका जताई और कहा कि इस (बीजेपी) सरकार में कुछ भी संभव है। किरण चैधरी ने कहा कि लोगों को समझना होगा कि उन्हें काम चाहिए या जुमले। उन्होंने कहा कि सीएम मनोहरलाल राजस्थान में गैस सिलेंडर 500 का देने की कहते थे तो अब हरियाणा में भी देना चाहिए, अगर चुनाव के समय दिया तो वो जुमला होगा। साथ ही कहा कि हरियाणा के लोग समझदार हैं। वो हरियाणा में अब बीजेपी को मौका नहीं देंगे। बीजेपी नेताओं द्वारा कांग्रेस का संगठन न होने पर उठाए जा रहे सवालों पर वह ठीक से जवाब नहीं देतीं।

कहती हैं बीजेपी के संगठन में भी जूतमपैजार होता है। हम सब जानते हैं कि बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष को कैसे और क्यों हटाया। साथ ही कांग्रेस की गुटबाजी पर किरण ने माना कि गुटबाजी कहीं हो, नुकसान होता ही है। ऐसे में जो अपने आप को बड़ा मानते हैं, उन्हें समझना चाहिए, कि सब इकट्ठे होकर साथ चलेंगे तो फायदा होगा।
यह सच है कि किरण चौधरी ने अपने बेबाक अंदाज में कांग्रेस की गुटबाजी और उसके नुकसान होने की बात स्वीकार की है, लेकिन वो बीजेपी की जीत व कांग्रेस की हार को स्वीकार नहीं कर पा रही हैं। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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