राजनीति

तमाशा बन गए तमाशा देखने वाले

 

टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी का उपराष्ट्रपति धनखड़ की नकल उतारना और इस दौरान राहुल गांधी का वीडियो बनाना यह दिखाता है कि उन्हें उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति की गरिमा का सम्मान नहीं है।

मणिपुर मसले पर विपक्ष ने पंद्रह दिन तक संसद में हंगामा किया था। वह मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान के लिए बेकरार था। लेकिन जब प्रधानमंत्री ने जवाब देना शुरू किया तो पिछली कांग्रेसी सरकारों की हकीकत सामने आने लगी। इसलिए जवाब मांगने वाले बहिर्गमन कर गए। इस बार संसद की सुरक्षा में चूक पर गृहमंत्री के इस्तीफे और जवाब के लिए हंगामा हो रहा है। यह दांव भी उल्टा पड़ गया। उपराष्ट्रपति के सम्बन्ध में विपक्ष की अमर्यादित नौटंकी चर्चा में है। उपराष्ट्रपति का मजाक बनाने वाले खुद ही मजाक बन गए। तमाशा देखने वाले तमाशा बन गए, न उन्हें संसद के भीतर कुछ मिला, न बाहर कुछ मिला। उनके आचरण की निंदा हो रही है।

इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगदीप धनखड़ को फोन किया। विपक्ष की गालियों को सर्वाधिक नरेंद्र मोदी ने ही झेला है। जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उसी समय से उन पर अमर्यादित हमले शुरू हो गए थे। यह आज तक जारी है। एक बार नरेंद्र मोदी ने कहा था कि विपक्ष की गालियां मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। उनकी बात मुझे सही भी लगती है। नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से फोन पर बात कर संसद परिसर में उनका का मजाक उड़ाए जाने पर दुख जताया है और कहा है कि वह भी पिछले बीस सालों से इस तरह का अपमान सह रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस घटना पर निराशा जताई है। इसमें संदेह नहीं कि संसद की सुरक्षा में चूक हुई। दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में उत्पात करना गंभीर मसला था। बाइस वर्ष पहले इसी दिन संसद पर आतंकवादियों ने हमला किया था। शायद इस तिथि का सम्बन्ध मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में नई सरकार के शपथ ग्रहण से रहा होगा। जैसा भी हो मोदी की सरकार और लोकसभा अध्यक्ष ने इस प्रकरण को गंभीरता से लिया, जिसकी जांच प्रगति पर है। इसके अनेक तथ्य सामने आ रहे है। संसद सुरक्षा उल्लंघन को उचित ठहराये जाने के प्रयासों पर भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चिंता व्यक्त की और कहा कि कुछ दल एक तरह से संसद में सुरक्षा उल्लंघन का समर्थन कर रहे हैं। उनका यह प्रयास संसद की सुरक्षा उल्लघंन जितना ही खतरनाक कहा जायेगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में तेरह दिसंबर को संसद के सुरक्षा उल्लंघन के लिए बेरोजगारी और महंगाई को जिम्मेदार ठहराया था। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष विधानसभा चुनाव में हार से बौखला गए हैं। हताशा में संसद को बाधित कर रहे हैं। शुरू में लगा था कि विपक्ष भी इस मसले पर गंभीर है। लेकिन अब प्रधानमंत्री का आरोप सही साबित हो रहा है। चुनाव में भारी पराजय के बाद विपक्ष हताश हुआ है। उसने इसे अपना राजनीतिक मुद्दा बना दिया है। सदन में हंगामा करके कार्यवाही बाधित करने का प्रयास किया गया। सदन से बाहर विपक्षी साँसदों ने इसे मनोरंजन का विषय बना दिया है। जैसे एक सदन धूप में पिकनिक मना रहे हैं। एक सांसद उपराष्ट्रपति की नकल कर रहे है राहुल गांधी वीडियो बना रहे हैं। अन्य विपक्षी सांसद हंस रहे हैं। सुरक्षा सम्बन्धी विषय पर उनके इस आचरण को देश देख रहा है।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद कल्याण बनर्जी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को आज अपमानित करने का काम किया है, जिसकी वह निंदा करते हैं। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी का उपराष्ट्रपति धनखड़ की नकल उतारना और इस दौरान राहुल गांधी का वीडियो बनाना यह दिखाता है कि उन्हें उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति की गरिमा का सम्मान नहीं है। जोशी ने कहा कि देश के उपराष्ट्रपति के बारे में ऐसे व्यवहार करना निंदनीय है।

इस घटना पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने भी सदन में अफसोस जताया है और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का नाम तक लेकर कहा कि एक किसान और जाट के तौर पर उन्हें देखने और उन्हें अपमानित करने से वे आहत हैं। विपक्षी सांसद सुरक्षा सम्बन्धी विषय पर भी गंभीर नहीं हैं। उन्होंने संसद में हुए उपद्रव की निंदा तक नहीं की। अनेक सांसद तो दर्शक दीर्घा से कूदने वालों का बचाव कर रहे हैं। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि तृणमूल को दूसरों पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। जिस तरह वह पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता को नियमित रूप से निलंबित कर रही है, उससे लोकतंत्र के बारे में पाठ पढ़ाने की जरूरत नहीं है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ठीक कहा कि भारत विश्व का सबसे विशाल एवं जीवंत लोकतंत्र है। संवाद, बहस और चर्चा भारतीय संसदीय लोकतंत्र का आधार हैं। देश की संघीय लोकतांत्रिक संरचना है। भारत की संवैधानिक प्रणाली में राज्य व्यवस्था के तीनों अंग नियंत्रण और संतुलन की पारदर्शी प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए सद्भाव से कार्य करते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के दृढ़ संकल्प के साथ एक मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में तेजी से उभर रहा है। (हिफी)

(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिफी फीचर)

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