समाज के लिए घातक है बढ़ती असहिष्णुता!
बीते दिन गुजरात यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों के साथ मारपीट पत्थरबाजी की सनसनीखेज घटना सामने आयी है। हॉस्टल कैंपस में रमजान के दौरान तरावीह को लेकर विवाद हुआ था जिसके बाद उन पर हमला कर दिया गया। न सिर्फ छात्रों के साथ मारपीट की गई बल्कि हॉस्टल के कमरों में भी घुसकर तोड़फोड़ की गई। यूनिवर्सिटी में अफगानिस्तान, उजबेकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, सीरिया और अफ्रीकी देश के छात्र पढ़ाई करते हैं। वहीं एक अन्य वारदात बेंगलूरू से सामने आई है जहां अपनी दुकान पर संध्या भजन बजा रहे युवा दुकानदार को एक समुदाय विशेष के युवकों ने मारपीट कर घायल कर दिया। इन हमलावरों ने आरोप लगाया कि दुकानदार युवक अजान के समय भजन चला रहा था। हमलावरों ने दुकानदार पर जानलेवा हमला किया। ये दोनों घटनाएं समाज में बढ़ रही असहज असहिष्णुता और परस्पर समुदाय के प्रतिद्वेष और घृणा की दुर्भावना को जाहिर करती हैं।
गुजरात यूनिवर्सिटी में असामाजिक तत्वों ने हॉस्टल के रूम में घुसकर तोड़फोड़ भी की। हमले में घायल विदेशी छात्रों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। हमले की इस घटना के बाद गुजरात यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। फिलहाल हॉस्टल की तरफ जाने वाले सभी गेटों को बंद कर दिया गया है।हमले को लेकर बताया जा रहा है कि रमजान में रात के समय ए ब्लॉक में तरावीह के दौरान सामने बी ब्लॉक से कुछ छात्रों ने आकर इसका विरोध किया और हॉस्टल कैंपस में तरावीह करने से रोका। शुरू में इसे रोकने के लिए तीन छात्र आए थे लेकिन फिर वहां भीड़ पहुंच गई और हॉस्टल में पहुंचकर हमला शुरू कर दिया। इस घटना में 5 विदेशी छात्रों के साथ मारपीट की गयी। मिली खबर के मुताबिक हमलावरों ने इस दौरान जय श्रीराम के नारे लगाये और मारपीट कर भाग गये। इसी के साथ छात्रावास में खड़े वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। जिन छात्रों के साथ मारपीट की गयी है वे अफगानिस्तान, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका और उज्बेकिस्तान के रहने वाले हैं। मामला गुजरात विश्वविद्यालय का बताया जाता है। हमले का शिकार छात्रों ने बताया कि हमलावरों ने उनको नमाज पढ़ने से मना किया और कहा कि हॉस्टल में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं है।
अहमदाबाद शहर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) नीरज कुमार बडगुजर ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। घायल विदेशी छात्रों के बारे में बडगुजर ने कहा कि केवल एक छात्र अस्पताल में भर्ती है, जबकि अन्य को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। पुलिस आयुक्त जीएस मलिक ने कहा, गुजरात विश्वविद्यालय में लगभग 300 विदेशी छात्र पढ़ते हैं और लगभग 75 विदेशी छात्र ए ब्लॉक में रहते हैं। रात करीब साढ़े 10 बजे छात्रों का एक ग्रुप नमाज पढ़ रहा था। लगभग 20-25 लोग आए और उनसे पूछा कि वे यहां नमाज क्यों अदा कर रहे हैं और इसके बजाय इसे मस्जिद में पढ़ना चाहिए। उनके बीच बहस शुरू हो गई, बाहर से आए लोगों द्वारा पथराव किया गया और उनके कमरों में तोड़फोड़ की गई। मलिक ने कहा, पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और 20-25 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कानून व्यवस्था की स्थिति अब नियंत्रण में है।
गुजरात यूनिवर्सिटी की वीसी नीरजा अरुण गुप्ता के अनुसार, बीती रात करीब साढ़े 10 बजे हॉस्टल में एक घटना हुई जहां विदेशी छात्र रहते हैं। यहां करीब 300 छात्र पढ़ते हैं। दो गुटों में झड़प हो गई, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया। कुछ विदेशी छात्र घायल हो गए। एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस और सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। मामले की जांच की जा रही है। कुछ वीडियो वायरल हैं और पुलिस मामले की तह तक जांच करने की कोशिश कर रही है।
उधर, बेंगलुरु में अपनी दुकान पर कथित तौर पर हनुमान चालीसा बजाने की वजह से स्थानीय अल्पसंख्यक युवाओं ने दुकानदार पर हमला कर दिया। तेजस्वी सूर्या ने उनसे मुलाकात की कर्नाटक विधानसभा के बाहर पाकिस्तान जिंदाबाद की नारेबाजी के बाद अब राज्य में एक और विवाद लोकसभा चुनाव से पहले खड़ा होता दिख रहा है। यहां बेंगलुरु में दुकान में हनुमान चालीसा बजा रहे दुकानदार की स्थानीय अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं ने पिटाई कर दी।
बीजेपी के सांसद तेजस्वी सूर्या ने सोमवार 18 मार्च को पीड़ित दुकानदार से मुलाकात की है। उसका नाम मुकेश है। सूर्या ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने लिखित शिकायत के बावजूद प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी।दुकानदार से मिलने के बाद तेजस्वी सूर्या ने बताया कि किस तरह से भक्ति गाना बजाने की वजह से उस पर हमला हुआ था। उन्होंने कहा, कल शाम, मुकेश अपनी दुकान चला रहा था और रोज की तरह संध्याभजन बज रहा था। उसी समय कुछ बदमाश उसकी दुकान पर आए और उसके साथ बहस शुरू कर दी और उससे स्पीकर बंद करने और हनुमान चालीसा बजाना बंद करने को कहा। जब उसने इनकार कर दिया, तो उसे बाहर खींच लिया गया और 6-7 बदमाशों ने उसकी पिटाई की। मुकेश को गंभीर चोटें आई हैं।
आपको बता दें कि संविधान सभी नागरिकों को अपनी धार्मिक विश्वास व मान्यता के अनुसार धार्मिक व्यवहार पूजा इबादत का अधिकार देता है। यदि विदेश से आए कुछ छात्र अपने हास्टल के परिसर में बिना कोई शोरगुल किए इबादत कर रहे थे तो उसमें व्यवधान डालना कौन सी देश भक्ति या धर्म निष्ठा का प्रमाण देता है। कई बार कुछ लोगों में इतना असहिष्णुता और अतिरेक दुर्भावना सिर चढ़कर बोलती है कि वह बिना परिणाम पर विचार किए इस तरह की ऊट पटांग हरकत करते हैं जिससे देश की अन्तरराष्ट्रीय समुदाय में छवि को नुकसान पहुंचता है और देश के भीतर मौजूद सांप्रदायिक विद्वेष फैलाकर अल्पसंख्यकों को भयभीत कर वोटों की फसल तैयार करने वाले कथित सेकुलर दलों के स्वार्थी राजनीतिक लोगों को रोटी सेकने का अवसर मिल जाता है। क्या इन युवाओं को यह पता नहीं है कि जिन देशों के छात्रों पर वह कथित हमला कर रहे हैं, उन्ही देशों में एक लाख से अधिक भारतीय छात्र मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं। यदि इस घटना की कोई प्रतिक्रिया विदेश में भारतीय छात्रों के साथ होने लगी तो स्थिति क्या होगी। हम सभी संस्कृति धर्मो के प्रति सद्भाव रखने वाले हिन्दू धर्म संस्कृति के अनुयायी हैं हमारी यही छवि हमें अन्तरराष्ट्रीय समुदाय में विशिष्टता व सम्मान दिलाती है। कट्टरपंथी मुल्क और कौमों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई रोजगार नौकरी बीजा तक नहीं देता है। इस लिए हमारे समाज विशेषकर युवाओं में असहिष्णुता घृणा विद्वेष का कोई भाव हावी नहीं होना चाहिए। हम वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा को लेकर विश्वगुरु बनने के मार्ग पर हैं लेकिन इस तरह की असहिष्णुता इसमंे बाधा बन सकती है। (हिफी)
(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)