सम-सामयिक

रिश्तों का कत्ल दर कत्ल!

 

घोर कलियुग है साहब, लोग अपने सगे संबंधियों को ही थोड़ी सी सम्पत्ति या विवाद की वजह से गाजर-मूली की तरह काट रहे हैं। बुलंदशहर में पोते ने ढाई बीघा जमीन के एक लाख रुपये के लिए दादा को काट डाला। वहीं बागपत के एक दारोगा पुत्र वेटलिफ्टर ने मां और पत्नी दोनों के बीच कलह से तंग आकर दोनों की गला रेत कर हत्या कर दी। उधर, नजीबाबाद में छत पर सो रही पत्नी को पति ने गला काट कर मार डाला। वहीं जयपुर में एक सोसाइटी में पत्नी और चार साल की बेटी की हत्या के मामले में एक पति को गिरफ्तार किया गया। यह सभी वारदातें मात्र चैबीस घंटे के भीतर अंजाम दी गई हैं।

आइए विस्तार से बता दें। बुलंदशहर के थाना क्षेत्र के सहार गांव निवासी 70 वर्षीय वृद्ध श्यामलाल की हत्या में फरार आरोपी पोते निक्की को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी लगातार जमीन और एक लाख रुपये की मांग कर रहा था। इन्कार करने पर उसने बनियान से वृद्ध का गला दबा दिया था। ग्रामीणों को 70 वर्षीय श्याम लाल का शव उनके घर में मिला था। ग्रामीणों ने नोएडा में रहने वाले वृद्ध के बेटे रामगोपाल और पुलिस को सूचना दी थी।

नोएडा के इलावास गांव में रहने वाले रामगोपाल ने मामले में पुलिस को तहरीर दी। रामगोपाल का आरोप था कि उसके छोटे भाई कृपाल सिंह का बेटा निक्की रुपयों की लालच में अक्सर परिवार के लोगों के साथ मारपीट करता था। पूछताछ में निक्की ने बताया कि वह अपने दादा से एक लाख रुपये और जमीन बेचने की मांग कर रहा था। दादा ने रुपये देने से इंकार कर दिया। इस पर गुस्से में आकर निक्की ने बनियान से अपने दादा श्याम लाल का गला दबा दिया। बनियान फट गई तो हाथ से गला दबाकर हत्या कर दी। निक्की ने बताया कि उसके दादा ताऊ रामगोपाल के बेटे प्रदीप को रुपये दे देते थे, लेकिन उसकी कोई मदद नहीं करते थे। इस बात से वह घृणा करने लगा था। प्रदीप के पास परिवार और सब कुछ था। निक्की अकेला था और पांच शादीशुदा बहनों की जिम्मेदारी थी। इसके बावजूद दादा की ओर से कोई मदद नहीं मिलती थी।
राजस्थान की राजधानी जयपुर के फेमस त्रिहान डीलाइट रेजीडेंसी सोसायटी में आकांक्षा और उसकी 4 साल की बेटी की डेड बॉडी फ्लैट से मिलने वाले केस में पुलिस को सफलता मिली है। पुलिस ने आरोपी पति निशांत को अरेस्ट कर लिया है। आरोप है कि हत्या कर वह फरार हो गया था।टपूकड़ा की त्रिहान सोसाइटी में 10वीं मंजिल पर बिहार के सिवान जिले की 25 वर्षीय आकांक्षा उर्फ ऋतु अपने पति निशांत पांडे और चार वर्षीय बेटी नाव्या पांडे के साथ रहती थी। मृतक आकांक्षा क्षेत्र में ही एक निजी स्कूल में टीचर थी। सोशल मीडिया के माध्यम से 2012 में निशांत पांडे और मृतका आकांक्षा पांडे संपर्क में आए थे और 2016 में दोनों ने शादी कर ली थी। शादी के बाद से ही दोनों के बीच मनमुटाव रहता था। पुलिस की पूछताछ में निशांत ने बताया की 17 अप्रैल को उसने पत्नी की बाथरूम में गला दबा कर हत्या की थी। उसके बाद 18 अप्रैल को सुबह बेटी की भी गला दबा कर निर्मम हत्या कर दी थी।इसी बीच गत वर्ष निशांत पांडे ने बिहार के सिवान में ही किसी दूसरी लड़की से शादी कर ली थी। इस बात का पता उसकी पत्नी आकांक्षा पांडे को चल गया था। इसी बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा होता रहता था।

बिजनौर में पति ने अपनी पत्नी की चाकू से गर्दन रेतकर हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया। खून से लथपथ महिला जान बचाने के लिए कुछ दूर चली इसके बाद गिर गई। तड़प-तड़पकर उसकी मौत हो गई। इसका वीडियो भी सामने आया है जिसमें सड़क पर गिरी महिला खून से लथपथ है। वह दर्द से कराह रही है। हाथ-पांव चला रही है। करीब 15 मिनट बाद उसकी मौत हो जाती है। इस दौरान लोग तमाशबीन बने रहे। उसका वीडियो बनाते रहे, लेकिन किसी ने उसे अस्पताल नहीं पहुंचाया। मोहल्ला पठानपुरा निवासी नौशाद उर्फ सोनू ने अपनी पत्नी सायमा (24) की हत्या कर दी। सायमा अपने नाना जाब्तागंज निवासी अमीर अहमद के यहां आई हुई थी। रात्रि करीब दो बजे पड़ोसी की छत के सहारे आए सोनू ने सायमा के गले पर चाकू से ताबड़तोड़ वार किए। घायल सायमा ने छत से नीचे आकर अपनी खाला के मकान की ओर भागी। रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। सायमा की 23 दिन की एक बेटी सहित तीन बेटियां हैं। सायमा की मां सायरा ने पुलिस को बताया कि सायमा का पति 50 हजार रुपये और मोटर साइकिल की मांग कर रहा था। काफी समय से मारपीट कर दहेज की मांग पूरी करने का उनके परिवार पर दबाव बना रहा था।

रिश्तों के कत्ल के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। बागपत में भी 30 अप्रैल को एक वेटलिफ्टर ने मां और पत्नी की हत्या कर दी। हलालपुर गांव में दोनों महिलाओं की हत्या के आरोप में मृतक महिला के बेटे को ही हिरासत में लिया गया है। आरोपी से पुलिस पूछताछ कर रही है। मरने वाली एक महिला आरोपित की पत्नी है जबकि दूसरी उसकी मां है। एसपी बागपत पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और शव पोस्टमार्टम के लिए भेजकर हत्या की जांच करायी जा रही है। दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत्त दरोगा जितेंद मंगलवार को पेंशन के मामले में दिल्ली गये हुए थे। आरोप है कि तभी घर में जितेंद्र के छोटे बेटे ने अपनी पत्नी वर्षा और मां सरोज की गला रेतकर हत्या कर दी। दोनों महिलाओ के शव अलग-अलग कमरे में पड़े मिले है। सूचना पर छपरौली पुलिस मौके पर पहुंची तो जितेंद्र के बेटे ने खुद को ब्लेड मारकर घायल कर लिया।

हलालपुर गांव में हुआ दोहरा हत्याकांड पहला मामला नहीं है बल्कि ऐसे कई मामले अब तक सामने आए जब अपने ही अपनों के खून से हाथ रंग रहे हैं। पहले भी जनपद में तमाम ऐसी हत्याएं हो चुकी हैं, जिसमें बेटे ने अपने पिता, चाचा या मां को मौते के घाट उतारा है।अप्रैल को शबगा गांव में तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। ये हत्याएं किसी बाहरी ने नहीं, बलकि अपने सगे खून ने की थी। शबगा गांव निवासी ऋषिपाल के बेटे अंजुल उर्फ मालू ने अपने पिता पिता ऋषिपाल (60), चाचा श्रीपाल (58) और बुआ वीरमति(62) की गला दबाकर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद तीनों के शव एक कमरे में ले जाकर एक ही चारपाई पर रजाई से ढक दिए थे। बाद में हत्यारोपी ने सिरसली गांव में जाकर अपनी दूसरी बुआ सरोज को हत्या करने की जानकारी दी।आठ नवंबर 2023 को सुल्तानपुर हटाना गांव में मनीष ने घर में हुए मामूली विवाद के बाद अपनी मां रोशनी को मौत के घाट उतार दिया था। हत्या से पहले पिता सतेंद्र कुमार, मामा समरपाल सिंह व चांदवीर को मनीष को समझाने का भी प्रयास किया था, लेकिन मनीष के सिर पर खून वार था और उसने मां की हत्या कर दी।9 जनवरी 2023 को आवास विकास कालोनी में रजत ने अपनी मां मुनेश देवी की गला घोंटकर हत्या कर दी थी और उसे बचाने पहुंचे पिता का भी गला घोंटने की कोशिश की। वजह सिर्फ इतनी थी कि रजत एक-दूसरे समुदाय की युवती से प्यार करता था।
ये वारदातें तो सिर्फ बानगी मात्र हैं। आए दिन ऐसे मामलों की झड़ी लगी है जिनमें लोग बिना कानून और समाज की परवाह किए सगे संबंधियों के खून से हाथ रंग रहे हैं यह समाज में हिंसा और अपराध के प्रति बढ़ रही प्रवृत्ति और मानसिकता घोर चिंता का विषय बन रही है। (हिफी)

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)

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