यूपी को साध रहे मोदी व योगी
देश को सबसे ज्यादा (80) सांसद देने वाले राज्य उत्तर प्रदेश मंे भाजपा के मिशन-80 को लेकर 4 जून से पहले कुछ भी कहना उचित नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी को साधने मंे कोई कसर बाकी नहीं रख रहे हैं। पीएम योगी अभी 5 मई को सीतापुर और
अयोध्या मंे जिस तरह भावपूर्ण उपस्थिति दर्ज करायी है, उससे आमजन भी प्रभावित हुआ है। सीतापुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब कहा कि मेरा अपना तो कोई परिवार है नहीं, मेरे परिवार भी आप हैं और मेरे वारिस भी आप ही हैं। उन्होंने कहा परिवार का मुखिया जैसे अपने वारिसों के लिए दिन-रात काम करता है, वैसे ही मैंे आपके परिवार के सेवक के रूप में काम कर रहा हूं। पीएम मोदी का यह भाषण इंडिया गठबंधन के खिलाफ आग उगलते भाषण से एकदम अलग था और आम जनता को सीधे जोड़ रहा था। इसीलिए जब पीएम मोदी अयोध्या पहुंचकर सबसे पहले मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के बाल विग्रह के समक्ष नतमस्तक हुए तो ऐसा लगा कि अब प्रभु श्रीराम अपने इस भक्त का आग्रह टाल नहीं पाएंगे। इसी तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 5 मई को हरदोई और मल्लावां की जनसभाओं को संबोधित किया। योगी केे भाषण मंे वहीं तीखापन था जो उनके क्रोधित होने पर विपक्षियों के प्रति देखा जाता रहा है। योगी ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सपा आतंकवादियों की समर्थक है, जबकि कांग्रेस संविधान मंे दी गयी आरक्षण की व्यवस्था मंे सेंध लगाना चाहती है। आगामी 7 मई को तीसरे चरण का मतदान होना है जिसमें यूपी की मैनपुरी, एटा और आगरा समेत 10 महत्वपूर्ण सीटें शामिल हैं। मैनपुरी में पूर्व रक्षामंत्री और सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की विरासत पर जोर-आजमाइश होनी है। समाजवादी पार्टी ने यहां से अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव को प्रत्याशी बनाया है तो भाजपा ने उनके मुकाबले जयवीर सिंह को उतारा है। बसपा ने भी यहां
पर शिवप्रसाद यादव को खड़ा करके मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास किया है।
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत 7 मई को 10 सीट के लिए मतदान की तैयारी पूरी हो चुकी हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने यह जानकारी दी। तीसरे चरण के तहत उत्तर प्रदेश की संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली सीट पर मतदान होगा। इस चरण में 100 उम्मीदवारों के भाग्य के फैसले का अधिकार 1।88 करोड़ मतदाताओं के पास होगा। इनमें एक करोड़ से अधिक पुरुष मतदाता और 87 लाख से अधिक महिला मतदाता शामिल हैं। तीसरे चरण में केंद्रीय मंत्री एस। पी। सिंह बघेल (आगरा), उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह (मैनपुरी) और राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि (हाथरस) की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। लोकसभा चुनाव का यह दौर समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए भी महत्वपूर्ण है जिसमें मैनपुरी सीट से डिंपल यादव फिर से जीत के लिए प्रयास कर रही हैं। इस सीट पर उन्होंने अपने ससुर और सपा नेता मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुए उपचुनाव में जीत हासिल की थी। सपा के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव फिरोजाबाद सीट को फिर से हासिल करने की कोशिश करेंगे। इस सीट पर उन्होंने 2014 में जीत हासिल की थी। बदायूं लोकसभा सीट से चुनावी शुरुआत कर रहे आदित्य यादव सपा का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट को जीतने के लिए प्रयासरत हैं। वर्ष 2014 में बदायूं सीट पर आदित्य के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव ने जीत हासिल की थी। तीसरे चरण के चुनाव में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता रहे कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह एटा संसदीय क्षेत्र से ‘हैट्रिक’ बनाने की उम्मीद कर रहे हैं। बरेली में मुख्य मुकाबला भाजपा के छत्रपाल सिंह गंगवार और सपा के प्रवीण सिंह ऐरन के बीच है। इस सीट पर बसपा उम्मीदवार मास्टर छोटे लाल गंगवार का नामांकन पत्र खारिज हो गया है। तीसरे चरण में जिन 10 लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें भाजपा ने इस बार पांच नए चेहरों को टिकट दिया है-बरेली से छत्रपाल सिंह गंगवार (संतोष गंगवार की जगह), बदायूं से दुर्विजय सिंह शाक्य (संघमित्रा मौर्य की जगह), हाथरस से अनूप प्रधान वाल्मीकि (राजवीर सिंह दिलेर की जगह), फिरोजाबाद से विश्वदीप सिंह (चंद्रसेन जादौन की जगह) और मैनपुरी लोकसभा सीट से जयवीर सिंह को पहली बार प्रत्याशी बनाया गया है। भाजपा ने एटा, आगरा, आंवला और फतेहपुर सीकरी से विजयी उम्मीदवारों को बरकरार रखा है। पार्टी ने संभल लोकसभा सीट से परमेश्वर लाल सैनी को टिकट दिया है। तीसरे चरण में कांग्रेस ने फतेहपुर सीकरी से रामनाथ सिंह सिकरवार को मैदान में उतारा है, जबकि उसके सहयोगी दल समाजवादी पार्टी ने बाकी नौ संसदीय क्षेत्रों से अपने उम्मीदवार उतारे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवारों के लिए ताबड़तोड़ जनसभाएं कीं। उन्होंने 26 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बरेली में रोड शो में भी भाग लिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीतापुर के हरगांव में जन सभा को संबोधित किया। चीनी मिल मैदान में आयोजित जनसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योजनाओं और विकास कार्यों का बखान करते हुए एक तरफ जन समर्थन जुटाया तो दूसरी तरफ विपक्षियों को घेरा भी। उन्होंने अब तक किए गए विकास कार्यों को ट्रेलर बताकर भविष्य में बहुत कुछ करने की बात कहते हुए जनमानस को उम्मीदों की राह दिखाई। स्थानीय मुद्दों का जिक्र कर आमजन से नजदीकी बढ़ाई। उन्होंने कहा कि अपने शरीर का कण-कण अपने समय का क्षण क्षण आपकी सेवा में लगाऊंगा मेरा परिवार तो है नहीं, मेरा परिवार भी आप हैं। जैसे परिवार का मुखिया अपने वारिस के लिए दिन रात काम करता है।वैसे ही आपके परिवार के सेवक के रूप में आप मेरे परिवार के वारिस हैं। इसलिए मैं आपको कुछ देना चाहता हूं।
पीएम मोदी ने अयोध्या से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार व सांसद लल्लू सिंह के समर्थन में फूलों और बैनर से सजे एक खुले वाहन (रथ) पर सवार होकर रोड शो शुरू किया और वाहन पर उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और लल्लू सिंह मौजूद थे। पीएम मोदी राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य द्वार के पास सुग्रीव किला से रथ पर सवार हुए। इसके पहले पीएम मोदी ने राम मंदिर में भगवान श्री रामलला का दर्शन पूजन किया और पूरी तरह लेटकर आशीर्वाद मांगा।
उधर, हरदोई के शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र के उधरनपुर में जाहिर खां की जमीन से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भविष्य के भारत को दिखा दिया। संबोधन के दौरान उनके चेहरे की भाव भंगिमा बिना भेदभाव के विकास के संकल्प की ओर इशारा कर रही थीं। उन्होंने कह भी दिया कि प्रयास को परिणाम में बदलना जानते हैं। उनके यह शब्द मंच पर मौजूद जिले के दो मंत्रियों, पांच विधायकों, तीन सांसदों और एक एमएलसी के लिए किसी नसीहत से कम नही हैं। शाहाबाद में जिस जगह पर नारी शक्ति वंदन के तहत महिला सम्मेलन का आयोजन हुआ उसके मालिक शाहाबाद कस्बा निवासी जाहिर खां हैं। जाहिर ने मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर खुद ही आयोजन स्थल के लिए हामी भर दी थी। जहीर की जमीन पर हुए सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ ने विकास कार्यों का जो खाका खींचा उससे भविष्य का भारत भी नजर आया और उत्तर प्रदेश भी। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)