सम-सामयिक

पित्रोदा व लालू ने बढ़ाईं मुश्किलें

 

कांग्रेस की मुश्किलों को उसके अपने और सहयोगी ही ज्यादा बढ़ा रहे हैं। एक तरफ सैम पित्रोदा का ज्ञान अब कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन रहा है तो दूसरी तरफ लालू यादव जैसे सहयोगी आरक्षण में मुस्लिम कोटा का मामला उठाकर भाजपा को एक मुद्दा पकड़ा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि लालू यादव राजनीति को नहीं समझ रहे हैं बल्कि उन्हंे भी सियासी नुकसान की भनक लग गयी। इसीलिए कुछ देर बाद ही वह अपने बयान से पलट गये और कहने लगे कि आरक्षण का आधार धार्मिक नहीं सामाजिक और शैक्षणिक होना चाहिए। उधर, सैम पित्रोदा चुनाव की संवेदनशीलता को समझना ही नहीं चाहते। दक्षिण और उत्तर भारत की गोरी-काली चमड़ी पर उन्हांेने अपना ज्ञान परोसा तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को घेर लिया। कुछ दिन पहले ही सैम पित्रोदा के अमेरिका मंे पैतृक सम्पत्ति वाले बयान पर कांग्रेस ने अपने को अलग कर लिया था, अब एक नया विवाद उन्हांेने खड़ा कर दिया है। पीएम मोदी इस पर जमकर बरस रहे हैं।
सैम पित्रोदा ने अपने बयान में कहा कि उत्तर भारत के लोग तो सफेद गोरे जैसे नजर आते हैं, जबकि पूर्वी भारत के लोग चाइनीज जैसे दिखते हैं। इस बयान में आगे पित्रोदा ने कहा कि दक्षिण भारतीय लोग अफ्रीकी जैसे और पश्चिम भारत के लोग अरब के लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत जैसे विविधता वाले देश में फिर भी सभी एक साथ रहते हैं। अब भाजपा पित्रोदा के इसी नस्लीय बयान पर हमलावर हो गई है। भाजपा का कहना है कि ये शब्द भले सैम पित्रोदा के हों लेकिन सोच राहुल गांधी की है। इससे पहले सैम पित्रोदा ने अपने बयान के जरिए राजनीति का पारा हाई कर दिया था, जब उन्होंने कहा था कि अमेरिका की तरह भारत में भी विरासत कर लगना चाहिए। हालांकि कांग्रेस ने तब उनके इस बयान से पाला झाड़ लिया था जबकि इसके बाद भी राहुल गांधी कई मंचों से देश में जाति जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण कराने की बात कह चुके हैं। पीएम मोदी ने तेलंगाना में विपक्षी दलों और राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने वारंगल में सैम पित्रोदा की विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि शहजादे के अंकल अमेरिका में हैं और शहजादे के अंकल ने बड़ा रहस्य खोला। अंकल ने कहा कि काली चमड़ी वाले अफ्रीकी है। चमड़ी के रंग के आधार पर देशावासियों का अपमान किया है, चमड़ी को लेकर देश अपमान सहन नहीं करेगा। इन्होंने काली चमड़ी के आधार पर गाली दी।

ध्यान रहे अंग्रेजी अखबार द स्टेट्समैन को दिए एक इंटरव्यू में सैम पित्रोदा ने ये बयान दिया। उन्होंने कहा कि हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं, जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरों जैसे और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी जैसे लगते हैं।सैम पित्रोदा ने भारत की विविधता पर बात करते हुए कहा कि भारत में पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं तो दक्षिण में लोग अफ्रीकी लगते हैं। पश्चिम में रहने वाले लोग अरबी जैसे दिखते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम सभी बहन-भाई हैं। पित्रोदा ने कहा कि भारत में अलग-अलग क्षेत्र के लोगों के रीति-रिवाज, खान-पान, धर्म, भाषा अलग-अलग हैं, लेकिन भारत के लोग एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश के लोग 75 वर्षों तक एक सुखद वातावरण में रहे हैं, कुछ लड़ाइयों को छोड़ दें तो लोग साथ रह सकते हैं।

सैम पित्रोदा के बयान पर भाजपा नेताओं ने निशाना साधना शुरू कर दिया है। असम के सीएम हिमंता बिस्व सरमा ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में पित्रोदा के बयान पर निशाना साधते हुए लिखा कि सैम भाई, मैं उत्तर पूर्व से हूं और मैं भारतीय जैसा ही लगता हूं। हम एक विविधता भरा देश हैं, हम अलग दिख सकते हैं, लेकिन हम सब एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो। ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने बीते दिनों विरासत टैक्स को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अमेरिका में एक विरासत टैक्स होता है, जिसके तहत अगर किसी व्यक्ति के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है तो उसकी मृत्यु के बाद बच्चों को सिर्फ 45 प्रतिशत संपत्ति ही मिलती है बाकि संपत्ति सरकार बतौर विरासत टैक्स अपने पास रख लेती है। यह एक रोचक कानून है। यह कहता है कि अगर आपने संपत्ति बनाई है और आप दुनिया छोड़कर जा रहे हैं तो आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़कर जानी चाहिए, पूरी नहीं बल्कि आधी और मुझे भी ये सही लगता है।

भाजपा ने सैम पित्रोदा के इस बयान पर भी कांग्रेस को निशाने पर ले लिया था और कहा कि कांग्रेस लोगों की निजी संपत्ति छीनना चाहती है। पित्रोदा के इस बयान पर इतना हंगामा हुआ कि कांग्रेस पार्टी को बचाव में उतरना पड़ा।
उधर, लालू के बयान ने आरक्षण में मुस्लिम कोटा को ओबीसी की हकमारी से जोड़ने की कोशिश कर रही भाजपा को विपक्ष पर हमलावर होने का मौका दिया है। कांग्रेस के सामने इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करने की चुनौती खड़ी कर दी है। पहले दो चरण के चुनाव में विपक्ष का संविधान बचाओ का मुद्दा हावी रहा। भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता हर मंच पर विपक्ष के लगातार तीसरी बार सत्ता में आने पर संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने के आरोपों का जवाब देते दिखे। हालांकि दूसरे चरण से ठीक पहले भाजपा ने कर्नाटक सहित कुछ राज्यों में ओबीसी आरक्षण में पूरे मुस्लिम बिरादरी के अलग आरक्षण कोटे का मामला उठाया। पीएम मोदी समेत पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ओबीसी ही नहीं एससी-एसटी आरक्षण का लाभ भी पूरे मुस्लिम बिरादरी को देना चाहती है। मुस्लिम आरक्षण की वकालत करने वाले लालू सियासी नुकसान की भनक के बीच दोपहर आते आते अपनी बात से पलट गए। उन्होंने कहा कि आरक्षण का आधार धार्मिक नहीं सामाजिक और शैक्षणिक होना चाहिए। हालांकि इससे पहले भाजपा को विपक्ष पर पलटवार का बड़ा मुद्दा मिल गया। दरअसल भाजपा की रणनीति यह धारणा बनाने की है कि विपक्ष ओबीसी, एससी-एसटी के अधिकारों की कीमत पर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहता है। इस चुनाव में पहली बार सामाजिक न्याय की मुख्य धारा की राजनीति में समाने की कोशिश कर रही। कांग्रेस की इस मुद्दे ने मुश्किल बढ़ा दी है। जाति जनगणना, आरक्षण का दायरा बढ़ाने की बात करने वाली कांग्रेस अब तक आरक्षण में मुस्लिम कोटा के सवाल पर चुप है। जाहिर तौर पर इस मुद्दे के तूल पकड़ने के बाद इस मुद्दे पर अब तक चुप्पी साधने वाली कांग्रेस को अपना रुख स्पष्ट करना होगा। मुस्लिम कोटा का समर्थन उसे ओबीसी से दूर करेगा तो विरोध मुसलमानों से।

पहले दो चरण के मतदान के इतर तीसरे चरण के मतदान में मत प्रतिशत में बढ़ोत्तरी हुई है। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि इसका एक बड़ा कारण आरक्षण में मुस्लिम कोटा का मुद्दा है। पार्टी के रणनीतिकारों का दावा है कि विपक्ष के मुस्लिम कोटा के समर्थन से ओबीसी में बढ़ी बेचैनी है। अब इस वर्ग के मतदाता मुखर हो कर मतदान केंद्र पहुंच रहे हैं।जदयू महासचिव
केसी त्यागी ने कहा कि मुस्लिम आरक्षण का समर्थन संविधान की मूल भावनाओं के ही नहीं मंडल आयोग की रिपोर्ट का भी उल्लंघन और अपमान है। आरक्षण का आधार धर्म नहीं सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ापन होता है। धर्म के आधार पर आरक्षण की वकालत आरक्षण का लाभ ले रहे पिछड़े वर्ग के खिलाफ गहरी साजिश है। जाहिर है, यह सब लालू यादव के बयान का नतीजा है। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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