लेखक की कलमसम-सामयिक

निस्वार्थ व निष्काम नीतीश!

 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजनीति मंे पारंगत हैं, इसमें कोई संदेह नहीं। उन्हांेंने कांग्रेस, भाजपा, राजद और जार्ज फर्नांडीस की समता पार्टी का भरपूर फायदा उठाया लेकिन जरूरत न रहने पर उन्हंे ठुकरा भी दिया। इस बार विपक्षी दलों को एक करने मंे नीतीश ने मेहनत की लेकिन इस मेहनत का जब फल मिलने वाला था तब कांग्रेस सामने आ गयी। नीतीश कुमार अपनी व्यथा को कह भी नहीं पा रहे हैं लेकिन बार-बार याद जरूर दिलाते हैं। विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की तीसरी बैठक मुंबई में होने वाली है। इससे दो दिन पहले नीतीश ने अपना निस्वार्थ व निष्काम भाव दिखाया। नीतीश कहते हैं कि उन्हें कुछ नहीं चाहिए। क्या सचमुच राजनीति में कोई ऐसा व्यक्ति हो सकता है? उन्हांेने एक दिन पहले ही बयान दिया था कि मुंबई बैठक में कुछ अन्य राजनीतिक दल भी इंडिया मंें शामिल हो सकते हैं। दावा तो सत्तारूढ़ राजग भी यही कर रहा है लेकिन दोनों तरफ से किसी दल का नाम नहीं बताया जा रहा है।
2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों का गठबंधन चर्चाओं में है।

चर्चा की मुख्य वजह है इस गठबंधन के संजोयक का पद। गठबंधन के बनने के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार को इस नए गठबंधन का संयोजक बनाया जा सकता है। हालांकि, अब इन तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे इस गठबंधन का संयोजक नहीं बनना है। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि संयोजक किसी दूसरे नेता को बनाया जाएगा। सीएम नीतीश ने कहा कि मुझे कुछ भी व्यक्तिगत तौर पर नहीं चाहिए, मेरा काम केवल सबको एकजुट करने का है। वहीं, बिहार के उपमुख्यमंत्री से जब इंडिया गठबंधन का संयोजक कौन होगा ? पूछा गया तो उन्होंने भी किसी का नाम सीधे तौर पर न लेते हुए कहा कि मुंबई की बैठक में सभी लोग एक साथ बैठकर इस पर कोई निर्णय लेंगे। बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुछ दिन पहले कहा था कि मुंबई में विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक के दौरान कुछ और राजनीतिक दलों के शामिल होने की संभावना है। बीजेपी के विरोधी दलों को साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे नीतीश ने इंडिया से जुड़ने वाले संभावित दलों के नामों का खुलासा नहीं किया, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा था कि बैठक के दौरान सीट-बंटवारे जैसे चुनाव संबंधी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। पटना में पत्रकारों से मुखातिब नीतीश कुमार ने कहा था कि हम मुंबई में आगामी बैठक के दौरान अगले साल होने वाले आम चुनाव को लेकर इंडिया की रणनीति पर चर्चा करेंगे। सीट-बंटवारे जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और कई अन्य एजेंडों को अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि मैं 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा पार्टियों को एकजुट करना चाहता हूं। मैं इस दिशा में काम कर रहा हूं। मुझे अपने लिए कोई इच्छा नहीं है।

लोकसभा चुनाव में केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का मुकाबला करने के लिए गठित 26 दलीय विपक्षी गठबंधन की एक महीने से भी कम समय में दो बार बैठक हो चुकी है। विपक्षी गठबंधन की पहली बैठक 23 जून को पटना में और दूसरी बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई थी। इंडिया गठबंधन 31 अगस्त और एक सितंबर को मुंबई में अपनी तीसरी बैठक आयोजित करने के लिए तैयार है। इस बीच, नीतीश ने पटना के बेली रोड पर हड़ताली मोड़ के पास लोहिया पथ चक्र के निर्माण कार्य का जायजा लिया और भरोसा दिलाया कि यह परियोजना दुर्गा पूजा से पहले पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा, मैं व्यक्तिगत रूप से इस परियोजना की निगरानी कर रहा हूं। इसे दुर्गा पूजा से पहले पूरा कर लिया जाएगा। इसके पूरा होने से इलाके में यातायात की आवाजाही आसान हो जाएगी। इस प्रकार नीतीश यह जता रहे कि वह अपना सीएम पद का दायित्व भी निभा रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने भी दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बैठक में हिस्सा लेने वाले 38 दलों में से चार से पांच दल ‘इंडिया’ गठबंधन से संपर्क में हैं और उनमें से कुछ आने वाले दिनों में विपक्षी गुट में शामिल होंगे। शर्मा ने यह भी कहा कि एक सितंबर को मुंबई में होने वाली ‘इंडिया’ समूह की आगामी बैठक में कुछ बहुत महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संबोधित राजग की बैठक में हिस्सा लेने वाले 38 दलों में से कम से कम 4 से 5 राजनीतिक दल ‘इंडिया’ गठबंधन के संपर्क में हैं। उनमें से कुछ के बहुत जल्द विपक्षी गुट में शामिल होने की उम्मीद है, जबकि कुछ (2024) चुनावों से पहले शामिल होंगे। राजग की बैठक पिछले महीने दिल्ली में हुई थी और इसमें 38 दलों ने हिस्सा लिया था। शर्मा ने इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया कि क्या कांग्रेस महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी का नेतृत्व करेगी, जिसमें तीन दल शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘देश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, यह महत्वपूर्ण नहीं है कि नेतृत्व कौन करेगा, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि हम सब मिलकर, एक मजबूत ताकत के रूप में, इस अहंकारी सरकार को कैसे हटा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में कोई भी नेतृत्व कर सकता है लेकिन कांग्रेस देश में सभी को एकजुट करने के लिए सभी राज्यों में मजबूत ताकत के रूप में काम करेगी।

कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने भी मुंबई में विपक्षी गठबंधन इंडिया की अहम बैठक से पहले कहा कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन साझेदारों के बीच सीट बंटवारे को कई राज्यों में कमोबेश अंतिम रूप दे दिया गया है तथा कुछेक राज्यों में ही थोड़ा और समय चाहिए। बैठक के आयोजन में अहम भूमिका निभा रहे देवड़ा ने ‘इंडिया’ के साझेदारों के बीच विकसित हो रहे तालमेल की सराहना की और कहा कि इसका सबसे अच्छा उदाहरण महाराष्ट्र में है।

महाराष्ट्र से कांग्रेस के नेता ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में कोई समस्या नहीं है। देवड़ा ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब राकांपा के अजित पवार और पार्टी के आठ अन्य विधायकों ने दो जुलाई को राज्य में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार से हाथ मिला लिया था। इसके बाद, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच बैठकों ने ‘इंडिया’ गठबंधन के साझेदारों के बीच घबराहट पैदा की है।

देवड़ा ने कहा कि एमवीए सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे पर बाद में चर्चा की जाएगी और इसे अंतिम रूप दिया जाएगा तथा राकांपा में जो हो रहा है वह उसका आंतरिक मुद्दा है। हालांकि उत्तर प्रदेश से अखिलेश यादव और दिल्ली से आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल के बयान भी संशय पैदा करते हैं। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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