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हाईकोर्ट शिफ्ट को लेकर असमंजस बरकरार

नैनीताल। गौलापार में हाईकोर्ट शिफ्ट को लेकर प्रशासन की प्रक्रिया जारी है। जिला प्रशासन हाईकोर्ट के लिए वन भूमि हस्तांतरण की तैयारियों को लेकर जुटा रहा। सूत्र बताते हैं कि प्रशासन हाईकोर्ट बनाने के लिए वन भूमि हस्तांतरण के लिए इसी सप्ताह आवेदन कर सकता है। हाईकोर्ट गौलापार हस्तांतरण करने की प्रक्रिया 2021 से ही शुरू हो गई थी। जिला प्रशासन इसके लिए जमीन ढूंढ़ रहा था। राजस्व जमीन नहीं मिलने पर प्रशासन ने इसके लिए 26 हेक्टेयर वन भूमि चिन्हित की थी। भूमि चिन्हित करने, सीए लैंड ढूंढ़ने में काफी समय लग गया। इसके बाद वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इस पर आपत्ति लगा दी। सितंबर 2023 तक वन भूमि हस्तांतरण की पूरी प्रक्रिया कर ली गई। सितंबर में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिर्वतन मंत्रालय ने हाईकोर्ट की चिन्हित 26 हेक्टेयर वन भूमि पर 16 आपत्तियां लगा दी। भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की क्षेत्रीय अधिकार प्राप्त समिति की 24 जनवरी 2024 को हुई 84वीं बैठक हुई। बैठक में वन भूमि हस्तांतरण करने से मना कर दिया गया। फरवरी में जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट के लिए चौसला (बेलबसानी) में भी जमीन चिह्नित की गई लेकिन हाईकोर्ट के न्यायाधीशों ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने प्रमुख सचिव लॉ-कैम-एलआर उत्तराखंड सरकार को पत्र भेजा है। इसमें गौलापार में हाईकोर्ट के लिए 20.8 हेक्टेयर जमीन के लिए नए सिरे से प्रस्ताव बनाने को कहा था।

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