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श्रेष्ठ विधायक वहीं बन सकता है, जो पूरे समय सदन की प्रक्रिया में शामिल रहें : ओम बिरला

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायकों का दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम विधानसभा के मानसरोवर सभागार में शुरू हो गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैं सभी विधायकों को बधाई देता हूं, जिनको जनता ने अपेक्षाओं से चुना है। उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि आप जनता की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की विधानसभा का इतिहास गौरवशाली रहा है। डॉ. बाबा साहब अंबेडकर कि यह जनमस्थली है। झांसी की रानी, पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल सभा, अटल बिहारी वाजपेयी इसी धरती से आते है। आपकी जिम्मेदारी बन जाती है कि आप जनता की अपेक्षाएं पूरी करें।
ओम बिरला ने कहा कि जब हम लोकतंत्र हमारे विचारों और कार्यप्रणाली में है। हमारी आजादी के आंदोलन ने दुनिया को प्रेरणा दी। इसलिए हम कहते है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। पंचायत से लेकर संसद तक लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से चलना हमारे लोकतंत्र की ताकत है। कानून बनाने के लिए तर्कों से चर्चा करें तो बेहतर कानून बनेगा। ओम बिरला ने कहा कि प्रश्नकाल में विधायक तैयारी से प्रश्न पूछेंगे तो मंत्री को भी तैयारी से आना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सवाल ज्यादा लंबा ना पूछे। न्होंने कहा कि मेरा मानना है कि कानून सही है तो विपक्ष को भी सहयोग करना चाहिए। यदि सही नहीं है तो चर्चा करना चाहिए। उन्होंने विधायकों से कहा कि श्रेष्ठ विधायक वहीं बन सकता है, जो पूरे समय सदन की प्रक्रिया में शामिल रहें।
कार्यक्रम में अपने संबोधन में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि लोकसभा स्पीकर के रूप में ओम बिरला जी हमारे बीच उपस्थित है। उन्होंने लोकसभा स्पीकर के रूप में सदन का व्यवस्थित संचालन किया। लोकसभा स्पीकर हम सभी को मार्गदर्शन देंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज हम सबके लिए प्रसन्नता का क्षण है। शुरुआत में चार दिन का सत्र था, उस समय जब हम बैठे तो हमें लगा कि जल्द ही प्रशिक्षण की प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए । इसके लिए जरूरी था कि लोकसभा सचिवालय का सहयोग हमको मिले। हम सब निर्वाचित होकर विधानसभा में आये है। एक अच्छा विधायक बनना भी जरूरी है। क्षेत्र की जानता की समस्या आपको सुलझानी होती है। अपने कृतित्व को अनुशासित करने की और नियमों में बांधने की जरूरत है। एमपी की विधानसभा में सदन की महिमा आपसे बढ़ेगी। सामान्य तौर पर पहले सदस्य प्रोत्साहित हो , उसके लिए पुरस्कार की प्रक्रिया थी, लेकिन बीच बीच में वो कुछ कारणों से ऊपर नीचे होती रही। जोश पूरी तरह होश के साथ नियंत्रित हो। बोलते समय गुस्सा दिखे लेकिन गुस्सा आना नहीं चाहिए। इससे पहले सभी विधायकों का सामूहिक फोटो सेशन हुआ।

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