राजनीतिलेखक की कलम

मध्य प्रदेश में भाजपा की किलेबंदी

 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मध्य भारत मंे अपनी ताकत को मजबूत करने के लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ को फिर से प्राप्त करना चाहती है। इन तीनों राज्यों में उसकी रणनीति सभी वर्गों को खुश करने की है। गत 26 सितम्बर को पार्टी ने उम्मीदवारों की तीसरी सूची भी जारी कर दी। चैंकाने वाली बात यह है कि किसी सूची में पार्टी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान का नाम शामिल नहीं किया और तीसरी सूची में सिर्फ एक नाम मोनिका बट्टी का है। बीते 17 अगस्त को भाजपा ने मध्य प्रदेश के लिए 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। अब 40 प्रत्याशी फिर घोषित किये गये हैं। इन 79 उम्मीदवारों मंे पार्टी ने अपनी मजबूत किलेबंदी का परिचय दिया है। राजपूत जाति के बड़े नेता नरेन्द्र सिंह तोमर को चुनाव के मैदान में उतारा गया है। तोमर भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भी हैं। राज्य मंे चुनाव प्रबंधन का दायित्व निभाते हुए वह अपना चुनाव भी लड़ेंगे। राजनीतिक जानकारों के अनुसार तोमर को मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी माना जा रहा है।

इसी प्रकार राज्य के ओबीसी मतदाताओं पर पकड़ बनाए रखने के लिए प्रह्लाद सिंह पटेल को राज्य की राजनीति मंे लाया जा रहा है। वह अपने गृह जनपद पर नरसिंहपुर से चुनाव लड़ेंगे। इंदौर-1 सीट पर कांग्रेस से मुकाबले के लिए दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय को उतारा गया है। उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय का टिकट लगता है काट दिया गया है। राज्य मंे जैसे लगभग 50 सीटों पर ओबीसी का प्रभाव रहता है, उसी तरह इंदौर मंे ब्राह्मण, वैश्य व यादव ज्यादा हैं। सीधी से रीति पाठक को टिकट देकर ब्राह्मण मतदाताओं को साधने का प्रयास किया गया तो मंडला से फग्गन सिंह को उतार कर भाजपा ने आदिवासी मतदाताओं को रिझाने का प्रयास किया है। इस प्रकार मध्य प्रदेश मंे भाजपा की चुनावी किलेबंदी बहुत मजबूत दिख रही है। अमरवाड़ा से मोनिका बट्टी को टिकट देकर भाजपा ने कंाग्रेस पर प्रहार किया है।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी और तीसरी लिस्ट भी जारी कर दी है। इसमें 40 प्रत्याशियों के नाम हैं। इससे पहले 17 अगस्त को भी बीजेपी ने 39 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे। इसके साथ ही पार्टी ने 230 सीटों में से 79 पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। अब तक की सूची से ये संकेत भी मिलता है कि बीजेपी अपने क्षेत्रीय नेताओं के बीच संतुलन बनाने पर ध्यान दे रही है। पार्टी ने अपनी दूसरी लिस्ट में सात लोकसभा सदस्यों और कैलाश विजयवर्गीय को उतारकर संदेश दे दिया है कि वो मुख्यमंत्री के संभावित नामों की दौड़ खुला रखना चाहती है। पार्टी ने नरेन्द्र सिंह तोमर को मुरैना जिले के दिमनी से मैदान में उतारा है जो उनके लोकसभा क्षेत्र का ही हिस्सा है।

इसके अलावा पार्टी ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के भाई जालम सिंह पटेल का टिकट काट दिया है। उनकी जगह पर पार्टी ने प्रह्लाद पटेल को नरसिंहपुर से टिकट दिया है। सांसदों फगन सिंह कुलस्ते, गणेश सिंह, राकेश सिंह और रीति पाठक को भी पार्टी ने मैदान में उतारा है। बीजेपी की दूसरी लिस्ट में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी चैंकाता है। उन्हें इंदौर-1 से टिकट मिला है। इसके अलावा पार्टी ने जाट समुदाय के नेता और होशंगाबाद सीट से तीसरी बार सांसद उदय प्रताप सिंह को भी चुनावी मैदान में उतारा है। वे अपने संसदीय क्षेत्र की गाडरवारा सीट से चुनाव लड़ेंगे। कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि पार्टी ने सीट टू सीट मार्किंग की है और हर हाल में एक भी सीट खोना नहीं चाहती।

भाजपा प्रत्याशियों पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया खिसियानी बिल्ली जैसी लग रही है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बीजेपी की दूसरी लिस्ट को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक लंबी पोस्ट करते हुए लिखा है कि “मध्यप्रदेश में भाजपा की दूसरी लिस्ट का सच है हम तो डूबेंगे, तुम्हें भी ले डूबेंगे सनम। 18 सालों में मध्यप्रदेश को भाजपा की सरकार ने बर्बादी की कगार पर पहुंचा दिया। सुरजेवाला कहते हैं ये बात प्रदेश की जनता के साथ साथ भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी जान रहा है। इसीलिए 15 दिन पहले श्रीमान अमित शाह और अब मोदी जी ने शिवराज जी के नाम और काम से किनारा कर लिया। ये बात शिवराज सिंह जी को मन ही मन बहुत सालती थी। दूसरी ओर सिंधिया जी भी अपनी लोकसभा की हार तथा अपने क्षेत्र में लगातार स्थानीय निकायों की हार से भी हताश थे।बस दोनों नेताओं ने अपने सभी प्रतिद्वंदियों को ठिकाने लगाने का मन बनाया। मगर असल में शिवराज और महाराज की मंशा, हम तो डूबेंगे, तुम्हें भी ले डूबेंगे सनम की है, ये साफ है।

इस बात को कैलाश विजयवर्गीय ने एक इंटरव्यू में कहा भी कि हमको टिकिट देकर केंद्रीय नेतृत्त्व ने चैंका दिया। अपनी लंबी चैड़ी पोस्ट में सुरजेवाला आगे लिखते हैं कि इन टिकिटों की घोषणा के बाद महाराज और शिवराज कह रहे हैं, -न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी। अर्थात हमारी सत्ता तो जा ही रही है, मगर हमारे साथ साथ इन नेताओं का राजनीतिक अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा। वह कहते हैं कांग्रेस का भय भाजपा को कैसे सताता है, ये साफ है! श्री खड़गे, श्री राहुल गाँधी, कमलनाथ जी के व्यक्तित्व का खौफ देखिए, मध्यप्रदेश की बहादुर जनता का आक्रोश देखिये। एक मुख्यमंत्री, तीन केंद्रीय मंत्री सहित 7 सांसद, एक राष्ट्रीय महासचिव, मगर फिर भी सत्ता नहीं बच पाएगी! बढ़ाइए हाथ, पहले मध्यप्रदेश, फिर पूरा देश, आ रही है कांग्रेस !”

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि “बीजेपी की दूसरी लिस्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि विधानसभा चुनाव से पहले ही शिवराज जी की विदाई पर मोदी जी ने मोहर लगा दी है। मध्य प्रदेश भाजपा ने चुनाव में हार मान ली है और दिल्ली भाजपा फायर फाइटिंग करने मैदान में उतर रही है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को विधानसभा टिकट देकर शिवराज जी के तीन प्रतिद्वंदियों को मैदान में उतारा गया है। शिवराज जी को हाशिये पर करने के साथ ही भाजपा उनके द्वारा की गई दुनिया भर की घोषणाओं को भी ठंडे बस्ते में डालने का रास्ता निकाल रही है।”

मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होंगे। सभी राजनीतिक दल जोरों शोरों से चुनाव की तैयारियां कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की चुनावी तैयारियां सुपर स्पीड मोड में हैं। अगस्त में पहली लिस्ट के बाद सोमवार को बीजेपी ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की जिसमें 39 नाम थे। इस लिस्ट में राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समेत कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के नाम हैं। अगले दिन पार्टी ने अपनी तीसरी सूची जारी की जिसमें सिर्फ एक नाम है। बीजेपी ने अमरवाड़ा (अजजा) विधानसभा सीट से मोनिका बट्टी को उम्मीदवार बनाया है। पार्टी की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव 2023 के लिए अमरवाड़ा से मोनिका बट्टी के नाम पर अपनी मंजूरी दे दी है। मोनिका बट्टी कुछ दिनों पहले ही बीजेपी में शामिल हुई हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। मोनिका बट्टी के पिता मनमोहन शाह बट्टी भी छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट से विधायक रह चुके हैं। मोनिका का बीजेपी में आना और अब टिकट हासिल करना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। कांग्रेस की बयानबाजी में यह चिढ़ भी झलकती है। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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