राजनीति

परिवार में सिमटी इंडिया गठबंधन की रैली

 

इंडिया गठबंधन की पटना रैली में दुर्लभ संयोग दिखा। लालू यादव के मुख से हिन्दू शब्द का उच्चारण हुआ। इतना ही नहीं वह हिन्दू होने ना होने का प्रमाणपत्र भी देते दिखाई दिए। उनकी पूरी राजनीति ही तुष्टीकरण
पर आधारित रही है। जिसमें हिन्दू और सनातन का विरोध दिखाई देते
है। ऐसा करके अपने को सेक्युलर प्रमाणित किया जाता है। इसके अलावा लालू ने मोदी के परिवार पर भी टिप्पणी की।

वैसे नरेंद्र मोदी की देश दुनिया में जो छवि है, उस पर लालू की टिप्पणी का कोई असर नहीं हो सकता। इसी हिन्दू शब्द के उच्चारण से लालू यादव की छवि नहीं बदल सकती। वह समाज सेवा के लिए परिवार के त्याग का विचार समझ ही नहीं सकते। जब वह राम मनोहर लोहिया और जय प्रकाश नारायण को नहीं समझे, तब मोदी को क्या समझेंगे। लालू के लिए फैमिली फस्ट है।
राजतंत्र जैसी व्यवस्था है। दामन पर घोटालों के दाग है। इसके बाद भी ऐसे लोगों द्वारा संविधान और लोकतंत्र की दुहाई दी जाती है। नरेंद्र मोदी ने इंडी गठबंधन के परिवार वाद को मुद्दा बना दिया है। इसका मुकाबला परिवारवादी दल नहीं कर सकते। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि परिवारवादी अब उनसे उनके परिवार के बारे में पूछ रहे हैं। उनका मानना है कि परिवार वाले होने के कारण उन्हें भ्रष्टाचार और सत्ता हड़पने का अधिकार मिल जाता है। उन्होंने कहा कि मौज मस्ती के लिए परिवार नहीं छोड़ा है बल्कि देश सेवा के लिए छोड़ा है।
जिसका कोई नहीं है, वो भी मोदी के हैं और मोदी उनका है। मेरा भारत-मेरा परिवार। इसलिए आज पूरा देश एक सुर में कह रहा है- मैं हूं…. मोदी का परिवार। इंडिया गठबंधन को रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार और देश की व्यवस्थाओं को करप्ट करने के अलावा और कुछ आता ही नहीं है। कांग्रेस, द्रमुक और इंडिया गठबंधन से जुड़ी पार्टियां भ्रष्टाचार और परिवारवादी पार्टियां हैं। परिवारवादियों की करोड़ों लोगों की आस्था का अपमान करना भी एक आदत है। किसी को भी देश की आस्था से खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं है। परिवार वाद से अहंकार आता है। परिवारवादी लोग अहम पदों पर बैठकर लोगों को गुलाम समझने लगते हैं और पद की गरिमा भूल जाते हैं। ऐसे ही एक डीएमके परिवार के सदस्य से सुप्रीम कोर्ट ने सख्त सवाल किए हैं। इंडिया की परिवारवादी राजनीति पर डॉ मोहन यादव भी हमला बोल रहे हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश में मोहन यादव के विचारों का असर दिखाई दे रहा है। उत्तर प्रदेश और बिहार ने परिवारवादी और सनातन विरोधी राजनीति को खूब देखा है। आज भी इंडिया गठबंधन के दल इसी एजेंडे पर कायम है। दूसरी तरफ भाजपा सरकारें सनातन और सुशासन के मार्ग का अनुसरण कर रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी इसी विचारधारा से ओतप्रोत हैं। उनकी बिहार और उत्तर प्रदेश की यात्रा इंडिया गठबंधन को विचलित करती है।
डा. मोहन यादव की लखनऊ यात्रा से यह प्रमाणित हुआ। उनका भाजपा प्रदेश मुख्यालय में स्वागत अभिनंदन हुआ। डॉ मोहन यादव ने कहा कि काल के प्रवाह में कई संस्कृतियां, सभ्यताएं समाप्त हो गई। कई अक्रांता आए और चले गए। लेकिन सनातन संस्कृति अक्षुण्य है। लार्ड मैकाले की शिक्षा नीति पर देश की शिक्षा व्यवस्था चल रही थी जो राष्ट्राभिमान, संस्कृति व संस्कारों से विमुख थी। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के नौनिहालों को भारतीय संस्कारों, अतीत के गौरव, राष्ट्रीय स्वाभिमान तथा संस्कारों से युक्त विश्व प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार शिक्षा नीति से वैभवशाली राष्ट्र निर्माण की प्रतिबद्धता को साकार रूप मिला है।

उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का पूरा जीवन प्रेरणा देता है अत्याचार, अहंकार और दम्भ के प्रतीक कंस का वध और इन्द्र के हठ को तोड़ने का नाम श्रीकृष्ण है। भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें सत्य के लिए संघर्ष करना सिखाता है। आज अयोध्या में प्रभु श्रीराम विराजमान है। श्रीकृष्ण हमारे समाज के आराध्य हैं। मथुरा के लिए जिन्हें काम करना चाहिए था, जिनकी जबाबदेही थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। यह सब समाज के सामने है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में किसी भी जाति या समाज के किसी भी व्यक्ति को योग्यता और क्षमता के आधार पर अवसर मिलना चाहिए। लोकतंत्र का अर्थ यही है कि योग्यता के आधार पर लोग आगे बढ़े। राजतंत्र की परिपाटी में राजा का बेटा राजा की तरह ही परिवारवाद के आधार पर लोगों का आगे बढ़ना लोकतंत्र के विरूद्ध है। उन्होंने कहा कि मैं किसान का बेटा हूं, जिसके परिवार में किसी ने राजनीति नहीं की और मुझें मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया गया है। किसी भी कार्यकर्ता का किसी भी पद पर पहुंचना सिर्फ भाजपा में संभव है। उन्होंने स्वयं को उत्तर प्रदेश से जोड़ते हुए कहा कि हमारे पूर्वज आजमगढ़ से मध्य प्रदेश गए थे। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सभी अस्सी लोकसभा सीटों पर कमल खिलाने के लिए हम सभी मिलकर काम करेंगे। डॉ. मोहन यादव ने अपनी मंत्रिपरिषद के साथ अयोध्या धाम में श्री रामलला के दर्शन किए।

उन्होंने कहा कि हमारा सबका सौभाग्य है, हमने आज श्रीरामलला के दर्शन किये, मध्य प्रदेश और अयोध्या का सम्बंध दो हजार साल पुराना है, जब मध्य प्रदेश से सम्राट विक्रमादित्य ने अयोध्या आकर भगवान श्रीरामजन्मभूमि का पुनरुद्धार करवाया था। पांच सौ वर्षो बाद फिर से एक अवसर आया है, जब भगवान श्रीरामलला प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई, यह तारीख इतिहास में दर्ज हो गई है। अब अयोध्या अलौकिक नगर के रूप में स्थापित हो गयी है। उन्होंने कहा कि हम यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उत्तर प्रदेश सरकार से अनुरोध करेंगे कि यहां मध्य प्रदेश वासियों के लिए एक स्टेट भवन बने। इससे मध्य प्रदेश के दर्शनार्थियों को सुविधा प्राप्त होगी। सप्तपुरियों में वर्णित अयोध्या मोक्षदायिनी नगरी है, यहां आकर हम सभी को अलौकिक अनुभूति हो रही है। नरेंद्र मोदी के परिवार का मुद्दा उठा कर इंडिया गठबंधन अपने ही जाल में फंस गया है। नरेंद्र मोदी बहुत पहले से कह रहे हैं कि मेरा भारत मेरा परिवार है। एक सौ चालीस करोड़ देशवासी मेरा परिवार हैं। भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण में आकंठ डूबे इंडिया गठबंधन के नेता बौखलाते जा रहे हैं। अब इन्होंने चुनाव का अपना असली घोषणापत्र निकाला है। मोदी उनके परिवारवाद पर सवाल उठाते रहे हैं। लेकिन इन्हें मोदी के परिवार की कोई समझ ही नहीं हैं। पत्नी पुत्र पुत्री तक सीमित लोग मोदी की राष्ट्र सेवा और इसके लिए उनके द्वारा किए गए त्याग की कल्पना भी नहीं कर सकते। नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरा जीवन खुली किताब जैसा है। एक सपना लेकर मैंने बचपन में घर छोड़ा था, और जब मैंने अपना घर छोड़ा तब एक सपना लेकर के चला था कि मैं देशवासियों के जिऊंगा। सभी देशवासी यही मेरा परिवार है। ये नौजवान यही मेरा परिवार है। आज देश की करोड़ों बेटियां, माताएं, बहनें यही मेरा परिवार है। आज देश का हर गरीब ये मेरा परिवार है। देश के कोटि-कोटि बच्चे बुजुर्ग ये मोदी का परिवार है। जिसका कोई नहीं है वे भी मोदी के हैं और मोदी उनका है। मेरा भारत मेरा परिवार है। (हिफी)

(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिफी फीचर)

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