राजनीति

चुनाव की गरिमा से खिलवाड़

 

लोकतंत्र मंे चुनाव एक ऐसे संयम और नियम की तरह हैं जिनका पालन ने करने पर लोकतंत्र की शुचिता नहीं रहती। इसीलिए हमारे संविधान निर्माताओं ने चुनाव के समय आचार संहिता का पालन करने पर जोर दिया है। चुनाव मंे जितना आचरण पवित्र होगा, उतना ही आदर्श लोकतंत्र होगा। चुनाव में मतदाता निर्भीक और स्वतंत्र होकर मतदान कर सकें, ऐसी व्यवस्था की जाती है लेकिन चंद प्रत्याशी मतदाताओं को प्रलोभन देते हैं अथवा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से भय उत्पन्न करते हैं। चुनाव आयोग इस तरह की बातों को रोकने का प्रयास भी करता है। प्रत्याशी पर हमला करना आचार संहिता का उल्लंघन है। आगरा लोकसभा सुरक्षित सीट से एक निर्दलीय प्रत्याशी पर हमला किया गया। आरोप है कि उसे चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है। इसी तरह कैसरगंज से प्रत्याशी बनाये गये पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण के खिलाफ प्रशासन ने ही एफआईआर दर्ज करायी है। आरोप है कि उन्होंने सरेआम आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई हैं। यूपी में ही अब तक 112 लोगों के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है।

आगरा लोकसभा (सुरक्षित) सीट से निर्दलीय प्रत्याशी महेंद्र सिंह का अपने ही भतीजे से लेनदेन का विवाद हो गया। प्रत्याशी का आरोप है कि उसकी घर में घुसकर पिटाई की गई। कपड़े तक फाड़ दिए। सिर पर प्रहार करके घायल कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस पीड़ित को थाने ले आई। आरोप है कि कुछ लोग उसे चुनाव नहीं लड़ने देना चाहते हैं। वहीं पुलिस ने इस घटना को पड़ोसी से लेनदेन का विवाद बताया है। थाना एत्माद्दौला के नगला फतूरी निवासी महेंद्र सिंह आगरा लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। महेंद्र सिंह ने बताया कि वह अपने चुनाव संबंधी कार्य में व्यस्त थे तभी पड़ोस में रहने वाले भतीजे घर में घुस आए। आरोप है कि आते ही उन्होंने हमला कर दिया। उसके सिर में भारी वस्तु से प्रहार किया। जूता व चप्पल से पीटना शुरू कर दिया। उसके कपड़े भी फाड़ डाले। परिजन ने उसे किसी तरह बचाया। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। लेकिन तब तक हमलावर फरार हो गए। पीड़ित का आरोप है कि उसे चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है। प्रत्याशी महेंद्र सिंह का कहना है कि जब से चुनाव लड़ने की तैयारी की है। तब से मेरे बारे में गलत प्रचार कर रहे हैं। मेरे चुनाव लडने में अड़चन बने हुए हैं।

उधर, बहुचर्चित सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे और कैसरगंज से भाजपा प्रत्याशी करणभूषण सिंह के खिलाफ प्रशासन की ओर से आचार संहिता उल्लंघन के मामले में तरबगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। मुकदमे में करण भूषण को नामजद करते हुए अज्ञात को भी आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि बिना अनुमति वाहनों का काफिला निकालने के साथ ही उनके समर्थक आदर्श आचार संहिता और निषेधाज्ञा कानून की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। तरबगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत बेलसर बाजार में 4 मई को काफिले में समर्थकों ने आतिशबाजी की थी। जांच के बाद डीएम के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया गया। जिला निर्वाचन अधिकारी नेहा शर्मा ने आचार संहिता उल्लंघन और बिना अनुमति काफिला निकालने के मामले को गंभीरता से संज्ञान लिया है। तरबगंज विधानसभा एफएसटी प्रभारी डॉ. सुमित कुमार की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है। आचार संहिता और निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद बेलसर चैराहे पर उनके काफिले में मल्टी शॉट क्रैकर फोड़े गए थे। इतना ही नहीं बिना अनुमति दर्जनों वाहनों के काफिले निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया गया साथ ही सोशल मीडिया अकाउंट से वीडियो भी शेयर की गई।

गौरतलब है कि कैसरगंज सांसद व भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह को उनकी जगह पर चुनाव मैदान में उतारा गया है। आरोप है कि पिता बृजभूषण शरण सिंह की छवि और प्रभाव को कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र में ग्लैमर के रूप में जमकर इस्तेमाल हो रहा है। बिना अनुमति दर्जनों वाहनों के काफिले निकाले जा रहे हैं। इंस्पेक्टर समशेर बहादुर सिंह के मुताबिक, मामले की जांच के लिए उपनिरीक्षक सुनील कुमार तिवारी मामले की विवेचना करेंगे। आचार संहिता उल्लंघन की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच कर रहे हैं। तरबगंज सर्किल के पुलिस क्षेत्राधिकारी सौरभ वर्मा ने मुकदमा लिखे जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि कैसरगंज से भाजपा प्रत्याशी करणभूषण सिंह के खिलाफ बिना अनुमति के काफिला निकालने, स्वागत के दौरान सिलसिलेवार पटाखा दगाने के चलते आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की धाराओं में थाना तरबगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।गोंडा, बलरामपुर और कैसरगंज से 30 साल सांसद और 12 साल डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह के अंदाज में ही भाजपा प्रत्याशी व उनके बेटे करण भूषण सिंह और समर्थक प्रशासन के लिए लगातार चुनौती बन रहे हैं।

भले ही प्रशासन की ओर से सिंगल विंडो स्थापित कर सभा और चुनाव प्रचार करने के लिए अनुमति लेने की व्यवस्था की हो मगर किसी भी राजनीतिक दल की ओर से सभा और गाड़ियों के लिए अनुमति तक नहीं ली जा रही है। 14 अप्रैल अंबेडकर जयंती पर भाजपा ने सभा के लिए अनुमति ली थी। इसी तरह से 19 अप्रैल को सपा की ओर से अनुमति ली गई। अगर इसके बाद सिंगल विंडो से कोई अनुमति नहीं ली गई है। ऐसे में प्रशासन राजनीतिक दलों के कार्यक्रम और सभाओं से बेखबर रह रहा है तो वहीं पुलिस प्रशासन तमाशबीन बनी हुई है।

उत्तर प्रदेश में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के 24 मुकदमे अब तक दर्ज हो चुके हैं। इसके अलावा दो एनसीआर भी दर्ज हुई हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि एक मार्च से 30 मार्च तक 99.70 करोड़ रुपये कीमत की मदिरा, ड्रग, बहुमूल्य धातुएं, मुफ्त उपहार व नकदी जब्त की जा चुकी है। 14,39,288 लोग पाबंद किए गए हैं।उन्होंने बताया कि जांच के लिए 513 अंतरराज्यीय चेक पोस्ट तथा 1847 चेक पोस्ट राज्य के भीतर संचालित हैं। सार्वजनिक एवं निजी स्थानों से कुल 52.64 लाख प्रचार-प्रसार सामग्री हटाई गईं। वालराइटिंग के 3.47 लाख, पोस्टर के 14.89 लाख समेत कई मामलों में कार्रवाई हुई है। वाहनों में बीकन लाइट दुरुपयोग के 645 मामलों में तथा लाउडस्पीकर एक्ट के उल्लंघन के 1248 मामलों में भी कार्रवाई हुई है।

अब तक 5,10,170 लाइसेंसी शस्त्र जमा कराए गए, 414 लाइसेंसी शस्त्र अपराधिक व्यक्तियों के जब्त हुए, 3862 लाइसेंसी शस्त्र निरस्त कर जमा कराए गए, 2,892 अवैध शस्त्र, 3,195 कारतूस, 47 किग्रा विस्फोटक व 137 बम बरामद, 26 अवैध शस्त्र बनाने वाले अड्डों पर छापा मारा गया और 63 अवैध शस्त्र बनाने वाले अड्डे नष्ट किए गए हैं। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button