सीता रसोई में बनेगा रामलला का भोग
अयोध्या। राममंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक समाप्त हुई। बैठक में मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने राममंदिर सहित परकोटा, सप्त मंडपम के निर्माण कार्यों की समीक्षा की। मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था ने नृपेंद्र को जो प्रगति रिपोर्ट सौंपी है उसमें परकोटा निर्माण की समय सीमा बढ़ाने को कहा गया है। जिसके चलते इस साल परकोटे का काम पूरा नहीं हो पाएगा। इसके निर्माण की समय सीमा तीन माह बढ़ा दी गई है।
बैठक के बाद राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि पहले राममंदिर सहित परकोटे का काम दिसंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। कार्यदायी संस्था एलएंडटी व टीसी का कहना है कि वे गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं कर सकते। इसलिए अब परकोटे का काम इस साल पूरा नहीं हो पाएगा। इसके लिए तीन माह का समय और बढ़ाया गया है। अब मार्च 2025 तक परकोटे का काम पूरा होगा। बताया कि 800 मीटर लंबे परकोटा में करीब आठ लाख क्यूबिक फीट पत्थर लगाए जा रहे हैं। नृपेंद्र ने बताया कि परकोटे की डिजाइन इस तरह की गई है कि यह मंदिर की सुरक्षा दीवार के साथ-साथ परिक्रमा पथ का भी काम करेगा। श्रद्धालु परकोटे में बने परिक्रमा पथ से मंदिर की परिक्रमा कर सकेंगे। परकोटे में 112 झरोखे भी बनाए जा रहे हैं। साथ ही 100 स्थानों पर रामकथा आधारित म्यूरल यानी भित्तिचित्र भी उकेरे जाएंगे। बैठक में राममंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, मंदिर के मुख्य आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा, मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव सहित एलएंडटी व टाटा कंसल्टेंसी के इंजीनियर मौजूद रहे।